दिल्ली में अभूतपूर्व बारिश से जलभराव
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 228.1 मिमी बारिश होने से पूरे शहर में जनजीवन थम सा गया है। यह बारिश इतनी भारी थी कि राजधानी के कई हिस्सों में गंभीर जलभराव हो गया, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सफदरजंग, जो कि दिल्ली का मुख्य निरीक्षण केन्द्र है, वहां इस महीने जून में 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड 235.5 मिमी था जो 28 जून 1936 को दर्ज किया गया था। भारतीय मौसम विभाग (IMD) इस तिथि की पुष्टि कर रहा है कि क्या यह बारिश दूसरी उच्चतम बारिश के रिकॉर्ड के करीब है।
तीन घंटे में 150 मिमी से अधिक बारिश
रात 2:30 बजे से सुबह 5:30 बजे के बीच तीन घंटे के अंतराल में ही दिल्ली में 150 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिससे शहर की सड़कों और गलियों में भारी जलभराव हो गया। इस भारी बारिश के कारण Connaught Place जैसे प्रमुख इलाकों और कई मेट्रो स्टेशन के बाहर की सड़कें पानी से भर गईं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि धोला कुआं फ्लाईओवर के नीचे से नारायणा से मोती बाग तक रिंग रोड के दोनों दिशाओं में जलभराव के कारण ट्रैफिक प्रभावित हुआ।
मिंटो रोड जैसी सड़कों पर भारी जलभराव के कारण वाहनों की आवाजाही थम गई। यहां तक कि आजाद मार्केट अंडरपास के नीचे ट्रकों के डूबने की खबरें भी आई हैं। केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा और गाज़ियाबाद में भी कार्यालय जाने वालों को जलमग्न सड़कों के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एयरपोर्ट पर बारिश से दुर्घटना
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 के एक हिस्से की छत भारी बारिश के कारण गिर गई, जिससे दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और दो अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद एहतियात के तौर पर टर्मिनल 1 से सभी प्रस्थान को अस्थायी रूप से रोका गया है और चेक-इन काउंटर भी बंद कर दिए गए हैं।
अगले सात दिनों का पूर्वानुमान
IMD ने पहले से ही अगले सात दिनों के लिए मध्यम से भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ आसमान में बादल छाए रहने का पूर्वानुमान दिया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और जलभराव वाले इलाकों से बचें।
दिल्ली की इस बारिश ने न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को ठप कर दिया है, बल्कि आम जनजीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कों पर जमा पानी और इसकी वजह से हो रही दुश्वारियों ने दिल्लीवासियों के लिए जीवन कठिन बना दिया है।
जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में सफाई और निकासी के लिए भी नगर निगम की टीमों को तैनात किया गया है और साथ ही पानी निकालने के लिए पंप लगाये जा रहे हैं। फिर भी, सामान्य स्थिति बहाल होने में अभी काफी समय लग सकता है।
नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह
IMD और दिल्ली के अन्य सरकारी विभागों ने नागरिकों से सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर बने रहने की सलाह दी है। लगातार हो रही बारिश और जलभराव ने शहर की प्राथमिक सुविधाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।
हालांकि, दिल्ली इस तरह की मौसमी परेशानियों का सामना करने का आदि हो चुकी है, फिर भी इस बार की बारिश ने कई नई समस्याएं खड़ी कर दी हैं जिन्हें सुलझाने में समय लगेगा।
जून 29, 2024 AT 18:18 अपराह्न
ये बारिश तो सिर्फ मौसम की गलती नहीं, शहरी योजनाओं की असफलता है। 2024 में भी इतना जलभराव? ड्रेनेज सिस्टम तो 1980 के दशक का है। कोई नया प्लान बनाया गया है या फिर सिर्फ ट्रकों से पानी निकालने का नाटक हो रहा है?
जून 30, 2024 AT 09:48 पूर्वाह्न
ये बारिश तो बस एक अच्छा बहाना है। असली मुद्दा ये है कि हमारे नेता तो बारिश के बाद टीवी पर आकर फोटो खिंचवाते हैं, नहीं तो ड्रेनेज के लिए एक रुपया भी नहीं खर्च करते।
जून 30, 2024 AT 17:26 अपराह्न
मैंने आज सुबह एक कॉफी बनाई और बारिश की आवाज़ सुनकर लगा जैसे दिल्ली भी कभी शांत हो जाए। बस थोड़ा जलभराव तो बना रहना पड़ा।
जुलाई 1, 2024 AT 22:39 अपराह्न
अरे भाई, ये बारिश तो बस देश की शक्ति का प्रमाण है! अमेरिका के पास ऐसी बारिश नहीं होती। जब तक हमारे शहर डूब रहे हैं, तब तक हमारी धरती जी रही है। बारिश नहीं, ये तो भारत की गर्जना है!
जुलाई 3, 2024 AT 16:01 अपराह्न
मैं जानती हूँ ये सब बहुत कठिन है, लेकिन छोटे-छोटे कदम अभी भी बदलाव ला सकते हैं। अगर हर घर एक छोटा सा जल संचयन टैंक लगा दे, तो बारिश का पानी बर्बाद नहीं होगा। ये बस एक शुरुआत है।
जुलाई 5, 2024 AT 07:51 पूर्वाह्न
अरे यार, ये बारिश तो दिल्ली के लिए एक नया रियलिटी शो है। टर्मिनल 1 की छत गिरी? ओह बाप रे! अब लोग इसे 'Monsoon Survivor' के नाम से ट्रेंड करेंगे। अगला एपिसोड: एयरपोर्ट पर डूबता ट्रक।
जुलाई 6, 2024 AT 10:07 पूर्वाह्न
इतनी बारिश हो रही है और फिर भी लोग बाहर निकल रहे हैं? बस इतना समझो कि जलभराव एक बीमारी है और इसका इलाज घर में बैठकर करना है। जो बाहर निकलता है, वो अपनी जिम्मेदारी भूल गया।
जुलाई 7, 2024 AT 09:22 पूर्वाह्न
इस बारिश के बाद दिल्ली के बारे में बात करने वाले लोगों को याद आएगा कि भारतीय सभ्यता ने हमेशा बारिश को आशीर्वाद माना है। ये जलभराव नहीं, ये गंगा का आगमन है। प्राचीन ग्रंथों में यही लिखा है।
जुलाई 8, 2024 AT 10:08 पूर्वाह्न
बस एक बात कहूँ... क्या नगर निगम के पास पंप हैं या फिर उन्हें भी बारिश के बाद बाहर निकलने की जरूरत है?
जुलाई 9, 2024 AT 08:35 पूर्वाह्न
ये सब अंग्रेजों की विरासत है। उन्होंने दिल्ली का ड्रेनेज बनाया था और अब उसके नतीजे देख रहे हैं। हमें अपने अपने तरीके बनाने चाहिए। नहीं तो ये बारिश हमें जिंदा दफना देगी।
जुलाई 10, 2024 AT 19:48 अपराह्न
अरे भाई, ये बारिश तो एक नया सामाजिक प्रयोग है। कौन बच जाएगा और कौन डूब जाएगा? ये देखने के लिए मैं नहीं जा रहा। मैं तो एक अच्छा बारिश वीडियो बनाकर YouTube पर डाल दूंगा। वायरल हो जाएगा।
जुलाई 11, 2024 AT 19:53 अपराह्न
हमारे देश में यह बारिश केवल एक प्राकृतिक घटना नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय चुनौती है। इसका समाधान तभी संभव है जब हम देश के लिए अपने व्यक्तिगत हितों को त्याग दें। यह अभियान सफल होगा, यदि हम एकता से काम करें।
जुलाई 12, 2024 AT 08:34 पूर्वाह्न
अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ? तुरंत एक राष्ट्रीय जल संकट घोषित करें। जल संरक्षण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाएं। यह जरूरी है।
जुलाई 13, 2024 AT 05:15 पूर्वाह्न
कल रात मैंने देखा, एक बच्चा अपने बैग को ऊपर उठाए हुए था, जैसे उसका बैग बचाना था। बारिश तो हो रही थी, लेकिन वो बच्चा अपना बैग नहीं छोड़ रहा था।