जब तेज़पुर विश्वविद्यालय, असम में स्थित एक केंद्रीय विश्वविद्यालय, टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) की एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2018 में 100वें स्थान पर पहुँचा, तो पूरे राज्य में उत्सव की लहर दौड़ गई। यह उपलब्धि वही साल थी जब विश्वविद्यालय अपना सिल्वर जुबिली मनाता था, इसलिए खुशी दोगुनी थी। पिछले साल 131‑140 रेंज में रहने वाले तेज़पुर ने एक छलाँग लगाकर इस शीर्ष‑सौ में जगह बना ली, जो छात्रों, अभ्यापकों और असम सरकार दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ
तेज़पुर विश्वविद्यालय की स्थापना 1994 में हुई थी, और तब से वह अनुसंधान‑उन्मुख शैक्षणिक माहौल बनाने की दिशा में काम कर रहा है। पिछले पाँच वर्षों में विश्वविद्यालय ने 7,923 प्रकाशन और 139,354 उद्धरण (citatations) जमा किए हैं, जिससे उसका अंतरराष्ट्रीय प्रोफ़ाइल धीरे‑धीरे चमक रहा है।
ऐसे में टाइम्स हायर एजुकेशन ने 2018 की एशिया रैंकिंग जारी की, जिसमें कुल 350 से अधिक विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया। रैंकिंग चार मुख्य मानदंडों – शिक्षण, अनुसंधान, ज्ञान‑हस्तांतरण और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण – पर आधारित है, और प्रत्येक मानदंड में 13 प्रदर्शन संकेतकों को मिलाकर अंतिम स्कोर तैयार किया जाता है।
रैंकिंग में तेज़पुर की उपलब्धियां
रैंकिंग के आंकड़ों के अनुसार, तेज़पुर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान (Research) श्रेणी में 4था स्थान हासिल किया, केवल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी खरगपुर के बाद। यही नहीं, देशभर में कुल सातवें स्थान पर उभरा, जो भारतीय विश्वविद्यालयों के संदर्भ में एक बड़ा सम्मान है।
उसी समय नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर लगातार तीसरे वर्ष एशिया का शीर्ष विश्वविद्यालय बना रहा, जबकि जापान ने 89 विश्वविद्यालयों के साथ सबसे अधिक प्रतिनिधित्व किया। तेज़पुर की प्रमुख ताकत ‘Citations’ (उद्धरण) में रही – वह भारत के भीतर केवल पंजाब विश्वविद्यालय के बाद दूसरा स्थान पर था।
- एशिया रैंकिंग में कुल 100वें स्थान पर
- भारत में अनुसंधान में 4था, कुल 7वें स्थान पर
- ‘Citations’ में भारत में दूसरा
- THE World Rankings 2018 में 601‑800 रेंज में बना रहा
- ‘World’s Top 20 Best Small Universities’ में 20वां स्थान
अन्य भारतीय संस्थानों से तुलना
तेज़पुर के बाद रैंकिंग में आगे रहने वाले शीर्ष भारतीय संस्थानों में IISc बेंगलुरु, IIT बॉम्बे, IIT खरगपुर, IIT रूड़की, IIT कानपूर और IIT दिल्ली शामिल हैं। ये सभी संस्थान प्राचीन इतिहास और बड़े बजट वाले अनुसंधान कार्यक्रमों के कारण लगातार शीर्ष‑दर्जे में रहते आते हैं। लेकिन तेज़पुर की गति इस बात का संकेत देती है कि लागत‑प्रभावी मॉडल और केंद्र‑सरकार की वित्तीय सहायता से भी विश्व‑स्तर की मान्यताओं को हासिल किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, तेज़पुर ने ‘Young University Rankings’ और ‘BRICS & Emerging Economies Rankings’ में भी लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस विश्वविद्यालय की प्रगति अस्थायी नहीं, बल्कि सतत है।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
तेज़पुर विश्वविद्यालय की इस जीत ने असम सरकार को गर्वित किया है। असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी शैक्षणिक संस्थाएँ अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक रही हैं, यह पूरी राज्य की प्रगति का प्रतीक है।" इससे असम में उच्च शिक्षा के प्रति निवेश बढ़ने की उम्मीद है, और स्थानीय युवाओं के अभिमान में इज़ाफ़ा होगा।
रैंकिंग की खबर के बाद तेज़पुर के कैंपस में छात्रों से लेकर प्रोफ़ेसरों तक उत्सव मनाने के लिए झंडे फहराए गये, और कई निजी संस्थानों ने भी सहयोग के प्रस्ताव रखे। इस प्रकार, एक ही विश्वविद्यालय की सफलता ने पूरे शैक्षणिक इकोसिस्टम को प्रोत्साहित किया।
आगे की दिशा और चुनौतियां
भविष्य के लिए तेज़पुर की प्राथमिकता में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना, उद्योग‑संस्था संबंध मजबूत करना और शोध फंड में वृद्धि शामिल है। विश्वविद्यालय के नए ‘इनोवेशन हब’ की योजना जल्द ही लागू होगी, जिससे स्टार्ट‑अप और तकनीकी उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा।
हालाँकि, चुनौतियों में बुनियादी ढाँचे की अपग्रेडेशन, छात्रों की नौकरी‑स्थापना दर बढ़ाना और वैश्विक रैंकिंग में लगातार ऊपर उठना मुख्य मुद्दे हैं। इनको सुलझाने के लिए प्रशासन ने एक ‘रणनीतिक कार्य योजना’ बनाया है, जिसमें 2025 तक शीर्ष‑सौ में दो स्थान सुधारना लक्ष्य रखा गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
तेज़पुर विश्वविद्यालय की इस रैंकिंग का असम के छात्रों पर क्या असर पड़ेगा?
रैंकिंग में सुधार से असम के छात्रों को अधिक स्कॉलरशिप, इंटर्नशिप और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अवसर मिलेंगे। कई कंपनियां अब तेज़पुर के स्नातकों को प्राथमिकता से भर्ती करने की संभावना बता रही हैं।
THE एशिया रैंकिंग में किन मानदंडों को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है?
रैंकिंग चार प्रमुख स्तम्भों पर आधारित है: शिक्षण (Teaching), अनुसंधान (Research), ज्ञान‑हस्तांतरण (Knowledge Transfer) और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण (International Outlook)। प्रत्येक स्तम्भ में कई उप‑सूचक होते हैं, जैसे प्रकाशन की गुणवत्ता, स्नातक रोजगार दर आदि।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और IIT बॉम्बे के बाद तेज़पुर ने किन क्षेत्रों में अंतर किया?
तेज़पुर ने मुख्यतः ‘Citation Impact’ और ‘Research Output’ में प्रगति की है। इसकी उद्धरण दर भारत के लिए दूसरा सबसे अधिक है, जो दर्शाता है कि उसके शोध कार्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।
भविष्य में तेज़पुर विश्वविद्यालय किन रैंकिंग में अपना स्थान मजबूत करना चाहता है?
विश्वविद्यालय ने 2025 तक THE एशिया रैंकिंग में शीर्ष‑सौ से दो स्थान ऊपर जाने और विश्व‑स्तर की ‘World University Rankings’ में 500‑600 रेंज में प्रवेश करने का लक्ष्य रखा है। इसका मुख्य ध्यान अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग बढ़ाने पर रहेगा।
रैंकिंग में सुधार के लिए सरकार कौन‑से कदम उठा रही है?
असम सरकार ने तेज़पुर विश्वविद्यालय को अतिरिक्त फंड, बुनियादी ढाँचा विकास और उद्योग‑संस्थाओं के साथ सहयोग के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य‑स्तर पर विज्ञान‑प्रौद्योगिकी हैबिटेट बनाने की योजना भी तैयार की गई है।
सितंबर 30, 2025 AT 19:57 अपराह्न
देश की शैक्षणिक शक्ति का प्रमाण है तेज़पुर विश्वविद्यालय ने इस उपलब्धि के साथ यह दर्शाया कि भारत की प्रबंधकीय क्षमता न केवल राष्ट्रीय बल्कि एशियाई मंच पर भी प्रकाशस्तंभ बन गई है यह अति गर्व का क्षण है हमें सभी को इस सफलता को संजोना चाहिए