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जसप्रीत बुमराह ने खुद को महानतम भारतीय कप्तान बताया, धोनी, रोहित और कोहली को किया नजरअंदाज

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जसप्रीत बुमराह ने खुद को महानतम भारतीय कप्तान बताया, धोनी, रोहित और कोहली को किया नजरअंदाज

जसप्रीत बुमराह ने खुद को महानतम भारतीय कप्तान बताया, धोनी, रोहित और कोहली को किया नजरअंदाज

भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में अपनी कप्तानी को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। बुमराह, जो अपनी तेजी और सटीक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, ने खुद को महानतम भारतीय क्रिकेट कप्तान बताया है। यह दावा उन्होंने हाल ही में एक त्वरित प्रश्नोत्तर सत्र में किया, जहां उनसे उनके पसंदीदा कप्तान के बारे में पूछा गया।

हम सभी जानते हैं कि बुमराह ने महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे लेजेंडरी कप्तानों के नेतृत्व में खेला है। धोनी की ठंडी सोच, कोहली की आक्रामकता और रोहित की समझदारी ने भारतीय क्रिकेट टीम को कई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। लेकिन बुमराह का खुद को शीर्ष पर रखने का दावा क्रिकेट जगत में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

2018 में बुमराह ने भारतीय टेस्ट टीम में डेब्यू किया और तब से उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण जीत में भूमिका निभाई है। हालांकि, कप्तानी के मामले में उनका अनुभव सीमित है। बुमराह ने एक टेस्ट और दो टी20 मुकाबलों में टीम की अगुवाई की है। उन्होंने पहली बार 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में रोहित शर्मा के कोविड संक्रमित होने पर कप्तानी की थी। इसके बावजूद, बुमराह का कप्तानी कौशल और खेल की समझ ने उन्हें एक नए स्तर पर पहुंचाया है।

पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे ने भी बुमराह की सराहना की और कहा कि वह एक स्वाभाविक नेता हैं। उनके अनुसार, बुमराह की प्रमुखता उनकी बातें नहीं, बल्कि उनके कृत्य से होती है। सामरिक दृष्टिकोण और दबाव में शांत रहना, यह ऐसे गुण हैं जो बुमराह को एक उत्तम कप्तान बनाते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, बुमराह ने न केवल इंस्टिंक्टिव निर्णय लिए बल्कि टीम के युवा खिलाडियों को भी प्रोत्साहित किया।

बल्लेबाजी के दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी बुमराह की लीडरशिप स्किल्स की तारीफ की है। गावस्कर ने स्वीकार किया कि बुमराह का खेल की गहरी समझ और उसका मैदान पर प्रभावी नेतृत्व उन्हें एक सम्मानित कप्तान बनाता है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि बुमराह की कप्तानी के दौरान टीम की मानसिकता में भी सकारात्मक बदलाव दिखे हैं।

हालांकि, बुमराह ने अपनी तारीफ के साथ-साथ रोहित शर्मा की लीडरशिप की भी सराहना की और कहा कि रोहित एक गेंदबाज-मित्रवत कप्तान हैं। उन्होंने बताया कि रोहित का नेतृत्व शैली खिलाड़ियों को आत्म-निर्भर बनने के लिए प्रेरित करता है। रोहित का धैर्य और समझदारी उनके खेले में साफ रूप से देखा जा सकता है। बुमराह ने बताया कि रोहित खिलाड़ियों को खुले दिल से मौके देते हैं और उन्हें स्वतंत्रता की भावना देते हैं जिससे उनका खेल उभरकर सामने आता है।

महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे कप्तानों के नेतृत्व में खेले हुए बुमराह ने यह भी माना कि ये दोनों भारतीय क्रिकेट के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। धोनी की कप्तानी के कूल अंदाज और कोहली की आक्रामकता ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी है। इन दो दिग्गजों ने अनेक युवाओं को प्रेरित किया है और टीम को एक मजबूत इकाई बनाया है।

इस पूरे घटनाक्रम पर बुमराह का व्यंग्य और आत्म-विश्वास देखकर क्रिकेट प्रेमियों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई लोग उनके साहस की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ उन्हें ज्यादा अनुभव लेकर बोलने की सलाह दे रहे हैं। परंतु, यह भी सच है कि बुमराह के इस साहसिक कदम ने क्रिकेट कार्यशालाओं में एक नई चर्चा शुरू कर दी है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में बुमराह को कितने और अवसर मिलते हैं और वे कैसे उन अवसरों का सदुपयोग करते हैं। क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर अपने कौशल को साबित करने का मौका शायद उन्हें एक पूरा कप्तान बनने के लिए मिल जाए। इसके साथ ही, उनकी यह टिप्पणी और विश्वास उन्हें हमेशा नए लक्ष्यों की ओर प्रेरित करता रहेगा।

नेहा मिश्रा

नेहा मिश्रा

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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