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स्मृति मंधाना ने जड़ा सातवां वनडे शतक, मिताली राज के रिकॉर्ड की बराबरी की

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स्मृति मंधाना ने जड़ा सातवां वनडे शतक, मिताली राज के रिकॉर्ड की बराबरी की
Jonali Das 9 टिप्पणि

स्मृति मंधाना का शानदार प्रदर्शन

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की शानदार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने एक बार फिर से अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए दूसरे वनडे मैच में मंधाना ने अपने करियर का सातवां शतक जड़कर भारतीय क्रिकेट इतिहास में खुद को अमर कर लिया है। इस मैच में मंधाना ने 120 गेंदों पर 136 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 12 चौके और 1 छक्का लगाया।

मिताली राज की बराबरी

इस शतक के साथ ही मंधाना ने मिताली राज के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली है, जिन्होंने अपने वनडे करियर में कुल सात शतक बनाए थे। हालांकि, मंधाना ने यह उपलब्धि केवल 84 मैचों में हासिल की, जबकि मिताली को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 232 मैच खेलने पड़े थे। यह दर्शाता है कि मंधाना की बल्लेबाजी कितनी प्रभावशाली और तेज है।

लगातार दूसरे शतक का कीर्तिमान

मंधाना का यह शतक खास इसलिए भी है क्योंकि यह उनका लगातार दूसरा शतक था। इससे पहले उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में 117 रनों की शानदार पारी खेली थी। भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी बल्लेबाज ने लगातार दो वनडे मैचों में शतक जड़ा हो।

टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान

टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान

मंधाना की इस पारी ने भारतीय टीम को मजबूती दी और टीम को 40वें ओवर के अंदर 200 के पार पहुंचाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मंधाना की उपलब्धि पर बधाई दी और भारतीय टीम के डगआउट ने उनकी इस सफलता का जमकर जश्न मनाया।

कैसे हासिल हुआ शतक?

मंधाना की इस शतक वाली पारी की शुरुआत धीमी थी, लेकिन जैसे-जैसे उनकी पारी आगे बढ़ी, उनकी स्ट्राइक रेट में भी इजाफा हुआ। उन्होंने बड़ी ही कुशलता से साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों का सामना किया। उनकी साझेदारी और समझदारी ने भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया। मंधाना को 46वें ओवर में नोन्कुलुलेको म्लाबा की गेंद पर कवर के ऊपर शॉट खेलते समय आउट कर दिया गया।

स्मृति मंधाना: एक अजेय खिलाड़ी

मंधाना इस समय भारतीय महिला क्रिकेट की एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुकी हैं। उनकी बल्लेबाजी न केवल आक्रामक है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी मजबूत है। उनकी यह पारी उनके करियर की एक और मील का पत्थर साबित होगी और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

भारतीय महिला क्रिकेट का उज्ज्वल भविष्य

भारतीय महिला क्रिकेट का उज्ज्वल भविष्य

मंधाना की इस शानदार पारी ने एक बार फिर से साबित किया कि भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है। भारतीय टीम में ऐसी कई खिलाड़ी हैं जो किसी भी समय टीम को जीत दिलाने का माद्दा रखती हैं। यह जीत न केवल भारतीय टीम के मनोबल को बढ़ाएगी बल्कि आगामी टूर्नामेंट्स में भी उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी।

भविष्य के लिए तैयारी

मंधाना और उनकी टीम की यह जीत बताती है कि भारतीय महिला क्रिकेट में अब नए कीर्तिमान स्थापित करने की क्षमता है। यह देखना रोचक होगा कि आने वाले समय में भारतीय टीम और किन-किन ऊंचाइयों को छूती है। मंधाना की बल्लेबाजी न केवल टीम के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का कारण बनी हुई है।

निष्कर्ष

स्मृति मंधाना का सातवां वनडे शतक भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। मंधाना ने न केवल मिताली राज के रिकॉर्ड की बराबरी की है बल्कि यह दिखाया है कि भारतीय महिला क्रिकेट खेल अब पहले से कहीं ज्यादा सशक्त और सक्षम है। उम्मीद है कि मंधाना और उनकी टीम इसी प्रदर्शन को जारी रखते हुए भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (9)
  • Shantanu Garg
    Shantanu Garg

    जून 20, 2024 AT 06:18 पूर्वाह्न

    स्मृति ने तो अब बस देश को गर्व कराना ही बाकी रखा है।

  • Arun Kumar
    Arun Kumar

    जून 21, 2024 AT 11:38 पूर्वाह्न

    भाई ये वाला शतक तो सिर्फ रन नहीं, दिलों में बस गया। मैंने तो घर पर बैठे-बैठे चिल्ला दिया, माँ ने सोचा मैं बीमार हूँ।

  • Vikrant Pande
    Vikrant Pande

    जून 22, 2024 AT 12:05 अपराह्न

    मिताली के 232 मैच और स्मृति के 84? ये तो आंकड़े बताते हैं कि आज का क्रिकेट बस रन बनाने का नहीं, बल्कि बाजार का भी है। टी-20 के चलते सब फास्ट ट्रैक हो रहे हैं।

    मिताली की शांत अदाकारी अब किसी को नहीं दिखती। सबको बस बम फेंकने वाली बल्लेबाज चाहिए।

    और हाँ, ये जो लगातार दो शतक, वो भी तो साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुआ। अगर ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड के खिलाफ होता तो शायद इतना शोर नहीं होता।

    कोई ये नहीं बताता कि उनके शतकों में से कितने बैटिंग ऑर्डर के नीचे आकर बने? कितने मैच में टीम बचाने के लिए खेला? ये सब तो बस नंबर दिखाकर जीत बनाने की बात है।

    मैं उनकी बल्लेबाजी की तारीफ करता हूँ, लेकिन ये जो भावुकता फैल रही है, वो एक धोखा है।

  • srilatha teli
    srilatha teli

    जून 24, 2024 AT 05:36 पूर्वाह्न

    स्मृति का ये शतक बस एक रन का आंकड़ा नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी के लिए एक संदेश है।

    उन्होंने दिखाया कि धैर्य और आक्रामकता एक साथ चल सकते हैं।

    उनकी पहली 40 गेंदें शांत थीं, लेकिन फिर जैसे ही मौका मिला, उन्होंने गेंद को आकाश में भेज दिया।

    ये वही ताकत है जो एक असली खिलाड़ी को अलग करती है - न सिर्फ दौड़ें बनाना, बल्कि दबाव में भी शांत रहना।

    मिताली ने जो बनाया, वो एक इमारत थी - धीरे-धीरे, ईंट दर ईंट।

    स्मृति ने जो बनाया, वो एक बिजली की चमक थी - तेज, चमकदार, और दिल को छू गया।

    हर युवा लड़की जो अब बल्ला उठाती है, उसके लिए ये दोनों अलग-अलग रास्ते दिखाते हैं - एक लंबा रास्ता, एक तेज रास्ता।

    दोनों ही सही हैं।

    हमें बस इतना समझना है कि इतिहास बनाने का एक ही तरीका नहीं होता।

    स्मृति ने न सिर्फ रिकॉर्ड बराबर किया, बल्कि नया दृष्टिकोण भी दिया।

    ये शतक उनका नहीं, भारतीय महिला क्रिकेट का है।

  • Suraj Dev singh
    Suraj Dev singh

    जून 24, 2024 AT 22:39 अपराह्न

    मैंने तो इस मैच को ऑफलाइन देखा था, घर के बाहर बैठे। जब वो छक्का मारा, तो पूरा चौका चिल्लाया।

    सच में, ये टीम अब बहुत अच्छी लग रही है।

  • Sohini Dalal
    Sohini Dalal

    जून 26, 2024 AT 03:41 पूर्वाह्न

    अरे यार, मिताली का रिकॉर्ड बराबर कर दिया तो भी उनकी तरह कोई भी नहीं है। जब मिताली खेलती थीं, तो लोग बस देखते थे - अब लोग बांट रहे हैं।

  • Ashish Chopade
    Ashish Chopade

    जून 26, 2024 AT 15:54 अपराह्न

    स्मृति मंधाना का यह प्रदर्शन भारतीय महिला क्रिकेट के विकास का एक ऐतिहासिक क्षण है। इस उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए।

  • Indranil Guha
    Indranil Guha

    जून 27, 2024 AT 01:59 पूर्वाह्न

    अगर ये शतक बांग्लादेश या जिम्बाब्वे के खिलाफ होता, तो क्या इतना शोर होता? हम अपनी जीत को बड़ा बनाने की आदत डाल चुके हैं।

    मिताली ने 232 मैच में सात शतक बनाए - ये लगातार दो शतक तो बस एक चमकदार चिंगारी है।

    हमें अपने खिलाड़ियों को देवता नहीं, इंसान बनाना चाहिए।

    जब तक हम अपने खिलाड़ियों को बार-बार बहुत बड़ा नहीं बनाएंगे, तब तक वो अपने आप को नहीं बचा पाएंगे।

    मैं स्मृति की तारीफ करता हूँ, लेकिन ये जो भक्ति भाव फैल रहा है, वो खतरनाक है।

    हमारे खिलाड़ियों को जानवर नहीं, इंसान चाहिए।

  • Manu Tapora
    Manu Tapora

    जून 27, 2024 AT 23:16 अपराह्न

    स्मृति के 120 गेंदों पर 136 रन का स्ट्राइक रेट 113.3 है - ये आंकड़ा बताता है कि उन्होंने शुरुआत में धैर्य रखा, फिर तेजी से गेम को अपने पक्ष में किया।

    ये बिल्कुल आधुनिक वनडे बल्लेबाजी का उदाहरण है।

    और हाँ, उन्होंने 12 चौके और सिर्फ 1 छक्का लगाया - ये भी बताता है कि उनकी बल्लेबाजी अधिक सटीक और नियंत्रित थी।

    साउथ अफ्रीका के गेंदबाज अच्छे थे, लेकिन उन्होंने उनकी गेंदों को बिल्कुल सही जगह लगाया।

    इस तरह की पारी के लिए तकनीक, मनोबल और अनुभव का संयोजन चाहिए - और उनमें ये सब था।

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