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नेपाल विमान दुर्घटना: मुआवजा बिल में देरी से पीड़ितों के परिवार करोड़ों से वंचित

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नेपाल विमान दुर्घटना: मुआवजा बिल में देरी से पीड़ितों के परिवार करोड़ों से वंचित
Jonali Das 13 टिप्पणि

नेपाल विमान दुर्घटना और मुआवजा बिल की जटिलताएँ

नेपाल में 15 जनवरी 2024 को घटित यति एयरलाइंस की दुखद विमान दुर्घटना, जिसमें सभी 72 यात्रियों की मृत्यु हो गई, ने न केवल देश को संकट में डाला है, बल्कि वहां के परिवारों को भी मुआवजे के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इस विमान दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों को करोड़ों रुपये की मुआवजा राशि मिलने की संभावना थी, लेकिन नेपाल के एयर कैरियर्स के लायबिलिटी और इंश्योरेंस ड्राफ्ट बिल में देरी ने इस उम्मीद को कम कर दिया है।

दुर्घटना का संदर्भ और बिल की प्रगति में रुकावट

2020 में तैयार किए गए इस बिल का उद्देश्य मुआवजा राशि को पांच गुना बढ़ाकर $100,000 प्रति यात्री करना था। वर्तमान में, नेपाल में घरेलू उड़ानों पर यात्री की मृत्यु पर न्यूनतम मुआवजा $20,000 है। इस नए बिल में तत्काल आर्थिक आवश्यकताओं और कठिनाई को पूरा करने के लिए अग्रिम भुगतान के प्रावधान भी शामिल हैं। हालांकि, कैबिनेट में पेश होने के लिए तैयार इस बिल की प्रगति में सरकारी मंत्रियों के बार-बार बदलने के कारण रुकावट आई है।

नेपाल की सबसे बड़ी हवाई आपदा और परिवारों की दशा

यति एयरलाइंस की फ्लाइट 961 की यह दुर्घटना नेपाल की पिछले 30 वर्षों की सबसे बड़ी हवाई आपदा है। विमान नए बने पोखरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस दुर्घटना ने कई परिवारों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी है, जो अब मुआवजे की प्रतीक्षा में हैं। हाल ही में नेपाल में हुए हवाई दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि ने भी इस बिल की आवश्यकता को और भी बढ़ा दिया है।

सरकारी नीतियों और मुआवजे की उम्मीदें

नेपाली सरकार के सामने चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, इस बिल को जल्द से जल्द पास कराने की उम्मीद जताई जा रही है ताकि परिवारों को जल्दी से राहत मिल सके। मुआवजे की राशि को बढ़ाने के साथ-साथ अग्रिम भुगतान के प्रावधान, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकते हैं। लेकिन वर्तमान में, लगातार बदलते सरकारी मंत्रालयों के कारण, यह प्रक्रिया ठप हो गई है।

आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि नेपाल की सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता दे पाती है या नहीं। यदि ऐसा होता है, तो न सिर्फ पीड़ित परिवारों को राहत मिलेगी, बल्कि नेपाल के हवाई सुरक्षा मानकों में भी महत्वपूर्ण सुधार हो सकेगा।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (13)
  • DHARAMPREET SINGH
    DHARAMPREET SINGH

    जुलाई 26, 2024 AT 02:20 पूर्वाह्न

    ये बिल अभी तक क्यों नहीं पास हुआ? ये सरकार तो सिर्फ फोटो खींचने और मीडिया में दिखने के लिए है। लोग मर रहे हैं, और वो बस बैठे हैं और बातें कर रहे हैं। ये जो लोग इस बिल को रोक रहे हैं, उनके घरों में शायद कोई उड़ान नहीं भरता।

  • gauri pallavi
    gauri pallavi

    जुलाई 27, 2024 AT 10:07 पूर्वाह्न

    अरे भाई, ये सब तो पहले से जाना जा रहा था। बस एक बार फिर से किसी की मौत के बाद धुम मच रही है। जब तक नेपाल की ब्यूरोक्रेसी बदल नहीं जाती, ये चक्र चलता रहेगा।

  • Agam Dua
    Agam Dua

    जुलाई 29, 2024 AT 05:10 पूर्वाह्न

    ये बिल बेकार है। क्योंकि जिन लोगों को बदलाव चाहिए वो नहीं बदलते। बिल बनाने की बजाय, एयरलाइंस को जिम्मेदार ठहराओ। नेपाल में उड़ानें बहुत अनियमित हैं-मैकेनिकल नेग्लिजेंस, ट्रेनिंग की कमी, और फ्लाइट क्रू की अनुपयुक्तता। बिल नहीं, इंस्पेक्शन चाहिए।

  • Gaurav Pal
    Gaurav Pal

    जुलाई 29, 2024 AT 12:07 अपराह्न

    ये सब बहुत अच्छा है लेकिन बिल का एक हिस्सा भूल गए-जो लोग अपनी जिंदगी खो देते हैं, उनके बच्चे क्या करेंगे? क्या ये $100,000 उनके भविष्य को बचा पाएगा? या फिर ये पैसा फिर से सरकारी बैंक में जमा हो जाएगा? ये बिल तो सिर्फ एक लोकप्रिय टूल है, न कि एक न्याय।

  • sreekanth akula
    sreekanth akula

    जुलाई 30, 2024 AT 02:26 पूर्वाह्न

    मैं नेपाली नहीं हूँ, लेकिन मैंने वहाँ कई बार उड़ान भरी है। वहाँ के हवाई अड्डे बहुत छोटे हैं, और वहाँ के एयरलाइंस बहुत कम बजट में चलते हैं। ये बिल तो बहुत जरूरी है, लेकिन अगर ये पास हो जाएगा तो क्या ये एयरलाइंस को बाहरी इंश्योरेंस लेने के लिए मजबूर करेगा? या फिर ये बस एक और लिखित वादा हो जाएगा?

  • Sarvesh Kumar
    Sarvesh Kumar

    जुलाई 31, 2024 AT 04:21 पूर्वाह्न

    भारत ने अपने हवाई दुर्घटनाओं में कभी ऐसा नहीं किया। नेपाल की सरकार बेकार है। हमारे देश में तो एक भी यात्री की मृत्यु पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है। ये लोग तो बस बातें करते हैं।

  • Ashish Chopade
    Ashish Chopade

    अगस्त 2, 2024 AT 03:14 पूर्वाह्न

    यह बिल तुरंत पास किया जाना चाहिए। जीवन की कीमत नहीं बातचीत की जा सकती। अग्रिम भुगतान का विचार सही है। न्याय की देरी न्याय का अपमान है।

  • Shantanu Garg
    Shantanu Garg

    अगस्त 3, 2024 AT 08:12 पूर्वाह्न

    मैंने इस बारे में सोचा नहीं था। लेकिन अब जब आपने बताया, तो लगता है कि ये बहुत बड़ी बात है। आशा है कि जल्द ही कुछ होगा।

  • Vikrant Pande
    Vikrant Pande

    अगस्त 4, 2024 AT 23:09 अपराह्न

    हाँ, बिल पास होना चाहिए... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये $100,000 असल में कितना है? नेपाल में एक आम व्यक्ति की सालाना आय $1,500 है। ये पैसा एक बार में मिलने पर उसके बच्चे के लिए एक जिंदगी बन जाएगा-या फिर वो इसे एक हफ्ते में खर्च कर देगा? ये बिल तो एक ट्रिक है, जिससे लोगों को लगेगा कि कुछ हुआ।

  • Indranil Guha
    Indranil Guha

    अगस्त 6, 2024 AT 14:12 अपराह्न

    यह दुर्घटना नेपाल के लिए एक शर्म की बात है। भारत की तरह नेपाल को भी अपने नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह बिल अभी तक नहीं पास हुआ, यह अपराध है।

  • srilatha teli
    srilatha teli

    अगस्त 6, 2024 AT 22:37 अपराह्न

    हर एक जीवन अमूल्य है। यह बिल केवल एक कानून नहीं, बल्कि एक सामाजिक वचन है। अगर हम इसे अपनाते हैं, तो हम अपने भविष्य के लिए एक न्यायपालिका की नींव रख रहे हैं। यह निर्णय बहुत बड़ा है-और इसे जल्दी से लेना चाहिए।

  • Sohini Dalal
    Sohini Dalal

    अगस्त 8, 2024 AT 17:11 अपराह्न

    अरे ये तो सब बहुत अच्छा है, लेकिन क्या कोई ये भूल गया कि ये बिल तो 2020 में बन चुका था? ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है। बिल बनाने की बजाय, क्या कोई उन लोगों को देख रहा है जो अब बिना घर के हैं?

  • Suraj Dev singh
    Suraj Dev singh

    अगस्त 9, 2024 AT 14:31 अपराह्न

    मैं भी इस बिल के पक्ष में हूँ। लेकिन अगर ये पास हो जाए तो ये जिम्मेदारी एयरलाइंस पर डालनी होगी, न कि सरकार पर। बिल तो बस एक शुरुआत है।

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