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मूसलाधार बारिश के बीच कोझिकोड में राहत शिविर चलाने वाले स्कूल गुरुवार को बंद रहेंगे

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मूसलाधार बारिश के बीच कोझिकोड में राहत शिविर चलाने वाले स्कूल गुरुवार को बंद रहेंगे
Jonali Das 19 टिप्पणि

कोझिकोड में राहत शिविरों के कारण स्कूलों की बंदी

केरल के कोझिकोड जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने गुरुवार को उन स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है, जिन्हें राहत शिविरों में परिवर्तित किया गया है। यह फैसला प्रभावित लोगों को सुरक्षित और व्यवस्थित राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।

भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति

केरल में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। कोझिकोड जिला भी इस आपदा से अछूता नहीं है। बाढ़ के कारण कई लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें अस्थाई रूप से स्कूलों में शरण दी गई है।

राहत शिविरों की स्थिति

कोझिकोड जिले के कई स्कूलों को राहत शिविरों में बदल दिया गया है ताकि बेघर लोगों को राहत मिल सके। इन शिविरों में लोगों को खाने-पीने की सामग्री, कपड़े और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राहत शिविरों में लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलें और किसी प्रकार की असुविधा न हो।

छात्रों की सुरक्षा

राहत शिविरों में बड़ी संख्या में लोगों के होने के कारण छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि इन स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद रखा जाएगा। प्रशासन का मानना है कि इससे राहत शिविरों में शरण लिए हुए लोगों और छात्रों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

अन्य जिलों में स्थिति

केवल कोझिकोड ही नहीं, केरल के अन्य जिलों में भी भारी बारिश और बाढ़ का कहर बरपा हुआ है। वायनाड जिले में भी गुरुवार को सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। राज्य की सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जरूरतमंदों की मदद के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

केरल की राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के कार्यों को प्राथमिकता दी है। आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

राज्य सरकार के निर्देश पर कोझिकोड और वायनाड जिलों में राहत सामग्री और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की महामारी फैलने से रोका जा सके।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि बाढ़ और बारिश की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय बिल्कुल सही है। उन्होंने राहत कार्यों में सक्रियता से भाग लेने और आपदा प्रबंधन के प्रयासों को सराहा है।

राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की माने तो प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों का सहयोग प्रशंसनीय है, और उनकी जरूरतों को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अभी आगे क्या

भविष्य में भी राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखेंगे और राहत कार्यों को प्राथमिकता पर रखते हुए प्रभावित लोगों की मदद करते रहेंगे। कोझिकोड और वायनाड जैसी जिलों में स्कूलों की बंदी के दौरान भी राहत कार्य बिना किसी रूकावट के जारी रहेंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रभावित लोग सुरक्षित रह सकें।

इस लेख के माध्यम से हम उम्मीद करते हैं कि आपदा की इस कठिन घड़ी में सरकार और जनता मिलकर इस संकट का सामना करेंगे और एक बार फिर केरल सामान्य स्थिति में लौटेगा।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (19)
  • sreekanth akula
    sreekanth akula

    जुलाई 18, 2024 AT 20:16 अपराह्न

    ये स्कूलों को राहत शिविर बनाने का फैसला बिल्कुल सही है। बच्चों की सुरक्षा के लिए थोड़ा सा समय बर्बाद करना बेहतर है, जबकि लाखों लोगों की जान बच सकती है। ये केरल की सरकार का एक ऐसा कदम है, जिसकी हमें तारीफ करनी चाहिए।

  • Sarvesh Kumar
    Sarvesh Kumar

    जुलाई 20, 2024 AT 03:16 पूर्वाह्न

    अरे भाई, ये सब निकाले जा रहे हैं लेकिन बाढ़ की वजह क्या है? बरसात के बाद नदियों का बहाव बदल गया है, और अब लोगों को शिविरों में रखना पड़ रहा है। ये तो सरकार की लापरवाही है।

  • Ashish Chopade
    Ashish Chopade

    जुलाई 20, 2024 AT 19:29 अपराह्न

    सरकार की एक्शन तेज है। जरूरतमंदों को खाना, दवा, पानी। स्कूल बंद? बिल्कुल ठीक। जिंदगी बचाना पहला फॉर्मूला है।

  • Shantanu Garg
    Shantanu Garg

    जुलाई 22, 2024 AT 05:25 पूर्वाह्न

    मैंने भी अपने दोस्त के घर के पास एक शिविर देखा था। बहुत अच्छा व्यवस्था थी। बच्चे खेल रहे थे, बुजुर्गों को दवाएं दी जा रही थीं। लोग शांत थे।

  • Vikrant Pande
    Vikrant Pande

    जुलाई 23, 2024 AT 22:11 अपराह्न

    हाँ, स्कूल बंद कर दिए, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बच्चे अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करेंगे? ये सब तो बस एक फैसला है जिसके पीछे कोई लंबी योजना नहीं। बस दिखावा।

  • Indranil Guha
    Indranil Guha

    जुलाई 25, 2024 AT 10:22 पूर्वाह्न

    ये बाढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या ये सब अमेरिका के लिए नहीं है? हमारी जमीन पर ये सब हो रहा है और हम इसे नहीं रोक पा रहे? ये तो राष्ट्रीय अपराध है।

  • srilatha teli
    srilatha teli

    जुलाई 26, 2024 AT 17:58 अपराह्न

    इस तरह की आपदा में, सरकार का यह निर्णय न केवल व्यावहारिक है, बल्कि मानवीय भी है। बच्चों के लिए शिक्षा जरूरी है, लेकिन उनकी जान बचाना उससे भी ज्यादा जरूरी है। ये शिविर अभी जिंदगी के लिए एक आशा का प्रतीक हैं।

    हमें इन शिविरों में काम कर रहे स्वयंसेवकों और अधिकारियों की तारीफ करनी चाहिए। वे बिना किसी रुकावट के लगातार काम कर रहे हैं।

    एक छोटी सी बात - अगर कोई घर में बच्चे हैं, तो उन्हें ऑनलाइन क्लासेज के लिए जोड़ा जा सकता है। गूगल एजुकेशन और नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

    हमें इस आपदा को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए - शिक्षा के डिजिटलीकरण का।

    मैं विश्वास करती हूं कि ये समय गुजर जाएगा, और ये शिविर अब एक ऐतिहासिक स्मृति बन जाएंगे - जहां भारत ने अपने लोगों को एक साथ लाया।

  • Sohini Dalal
    Sohini Dalal

    जुलाई 28, 2024 AT 03:31 पूर्वाह्न

    स्कूल बंद? अच्छा, तो अब बच्चे घर पर टीवी देखेंगे और बारिश के बाद नदी में नहाने लगेंगे। बहुत बढ़िया योजना।

  • Suraj Dev singh
    Suraj Dev singh

    जुलाई 29, 2024 AT 06:31 पूर्वाह्न

    मैंने अपने भाई को शिविर में देखा था। वहां बहुत अच्छा खाना मिल रहा था। और बच्चों के लिए खेल के लिए जगह भी बनाई गई थी। ये तो बहुत अच्छा है।

  • Arun Kumar
    Arun Kumar

    जुलाई 30, 2024 AT 06:38 पूर्वाह्न

    ये बाढ़ तो बहुत बड़ी है... लेकिन जब मैंने शिविर में जाकर देखा, तो एक बच्चे ने मुझे एक चित्र दिया - जिसमें एक तूफान के बाद एक धूप निकल रही थी। मैं रो पड़ा।

    ये बच्चे ही असली हीरो हैं।

  • Manu Tapora
    Manu Tapora

    जुलाई 30, 2024 AT 17:20 अपराह्न

    बाढ़ के कारण स्कूल बंद करना तो सही है, लेकिन क्या कोई ने सोचा कि छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा के लिए ऑफलाइन डिवाइस और सामग्री उपलब्ध कराई जा सकती है? जैसे ऑफलाइन एप्स, सीडी, या टीवी पर शिक्षा चैनल? ये बहुत आसान है।

    केरल सरकार के पास डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है - इसे इस्तेमाल करो।

    ये निर्णय तो अच्छा है, लेकिन ये अधूरा है।

  • venkatesh nagarajan
    venkatesh nagarajan

    जुलाई 31, 2024 AT 19:59 अपराह्न

    जब तक इंसान अपने आप को प्रकृति का हिस्सा नहीं समझेगा, तब तक ये आपदाएं दोहराएंगी। हमने नदियों को बंद कर दिया, जंगल काट दिए, और अब बारिश का बदला ले रही है।

    इस शिविर में रहने वाले लोगों को भी बताना चाहिए - आपका घर तो बाढ़ में डूब गया, लेकिन आपकी आत्मा का घर अभी भी बाहर है।

  • Drishti Sikdar
    Drishti Sikdar

    अगस्त 1, 2024 AT 15:00 अपराह्न

    ये स्कूल बंद करने का फैसला तो बहुत अच्छा है... लेकिन क्या आपने देखा कि शिविर में बच्चों के लिए टॉयलेट नहीं है? और बच्चियों के लिए निजता का कोई इंतजाम नहीं? ये तो बस एक नाटक है।

  • indra group
    indra group

    अगस्त 2, 2024 AT 22:28 अपराह्न

    अरे भाई, ये बाढ़ तो बाहरी शक्तियों का षड्यंत्र है! अमेरिका और चीन ने जलवायु बदलाव के नाम पर हमारे जमीन को नीचे उतार दिया है! ये स्कूल बंद करना तो बस एक धुंधला धोखा है।

    हमें अपने खुद के तकनीकी उपकरण बनाने चाहिए - बारिश रोकने वाले ड्रोन! जिनकी आवाज़ से बादल भाग जाएं!

  • sugandha chejara
    sugandha chejara

    अगस्त 4, 2024 AT 20:11 अपराह्न

    हर एक शिविर में जाने वाला बच्चा एक नई उम्मीद का प्रतीक है। ये लोग अभी बेघर हैं, लेकिन उनके दिल में घर है - जो अभी भी बचा हुआ है।

    अगर आप भी इसमें योगदान देना चाहते हैं, तो बस एक छोटी सी चीज़ करें - एक किताब, एक पेंसिल, एक खिलौना।

    ये चीजें बच्चों के दिल में एक अलग ही जगह बना देती हैं।

  • DHARAMPREET SINGH
    DHARAMPREET SINGH

    अगस्त 5, 2024 AT 14:59 अपराह्न

    बाढ़? बस एक और बजट वाला नाटक। स्कूल बंद? जब तक बच्चे नहीं पढ़ेंगे, तब तक भारत का भविष्य नहीं बनेगा। ये सब बस एक चिल्लाहट है।

    मैंने देखा है - शिविर में दवा नहीं मिल रही, बच्चों को बार-बार भूख लग रही है। ये तो एक बड़ा स्कैंडल है।

  • gauri pallavi
    gauri pallavi

    अगस्त 6, 2024 AT 12:08 अपराह्न

    स्कूल बंद हैं? अच्छा... तो अब बच्चे अपने माँ-बाप के साथ राहत शिविर में बैठकर टीवी देखेंगे। बहुत बढ़िया।

    क्या आपने कभी सोचा कि बच्चे के लिए ये शिविर एक नया घर बन जाएगा? और उनकी पढ़ाई? अरे भाई, वो तो अब गूगल के चक्कर में हैं।

  • Agam Dua
    Agam Dua

    अगस्त 7, 2024 AT 01:28 पूर्वाह्न

    ये सब तो बस एक बहाना है। आपने कभी सोचा कि ये शिविर बनाने के लिए कितने पैसे खर्च हुए? और वो पैसा कहाँ से आया? बजट का धोखा? ये सब बस एक भ्रष्टाचार की चाल है।

    स्कूल बंद करना तो बहुत बड़ा फैसला है... लेकिन जब तक आप लोगों को बताएंगे कि ये शिविर असली नहीं हैं, तब तक आप लोग अपने आप को धोखा दे रहे हैं।

  • Gaurav Pal
    Gaurav Pal

    अगस्त 8, 2024 AT 18:10 अपराह्न

    ये बाढ़ तो बस एक बड़ा अध्याय है - जिसमें हमने अपने आप को खो दिया।

    स्कूल बंद? बिल्कुल ठीक।

    लेकिन जब तक हम अपने आप को नहीं बदलेंगे, तब तक ये आपदाएं दोहराएंगी।

    हम नदियों को बाँध रहे हैं, जंगलों को काट रहे हैं, और अब बारिश को दोष दे रहे हैं।

    असली समस्या हमारी नजर है - जो बस दिखावे को देखती है, और असलियत को नहीं।

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