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मुंबई में भारी बारिश: लाल अलर्ट, फडनवलिया ने बीड में बाढ़ स्थिति का किया जायजा

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मुंबई में भारी बारिश: लाल अलर्ट, फडनवलिया ने बीड में बाढ़ स्थिति का किया जायजा
Jonali Das 8 टिप्पणि

जब India Meteorological Department ने रविवार, 28 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र में लाल अलर्ट जारी किया, तो सड़कों पर पानी का पैमाना पहले से ही तय थी; मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर और पुणे घाट क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी ने लोगों को सतर्क कर दिया। इस अलर्ट के बाद न केवल जल‑जमाव बढ़ा, बल्कि कई बाँधों का जलस्तर सीमा‑पर पहुँच गया, जिससे स्थानीय प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी पड़ी।

मौसम की चेतावनी और वर्तमान स्थिति

इंडियन वेदर बुलेटिन में बताया गया कि बंगाल की खाड़ी में बन रहा एक लो‑प्रेशर सिस्टम ही इस वर्ष के मानसून में देखी गई सबसे तीव्र वर्षा का कारण है। विशेष रूप से मुंबई‑सपुत्री क्षेत्र में अगले 24 घंटों में लगातार तीव्र बूँदें पड़ने की संभावना है। साथ ही, कोस्टल जिलों‑रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और नासिक के घाटी इलाकों में भी ‘कट्टर वर्षा’ की आशंका है।

पिछले 24 घंटों में ठाणे और पालघर में जल‑जमाव, बिजली गिरना और घरों का ढहना जैसे आघातकारी घटनाएं दर्ज हैं। स्थानीय पुलिस ने बताया कि पालघर के एक गांव में दो‑तीन घर गिरकर कई परिवार बेघर हो गए।

प्रभावित जिलों में क्षति का ब्योरा

मुंबई‑नगर पालिका के टाउन्सहिप सर्किट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों में जल‑जमाव की दर 70 % से अधिक है, जबकि सड़कों पर गड्ढे और बाढ़ से डैमेज हुए क्षेत्रों में आपातकालीन निकासी सडकों को बंद कर दिया गया है। ठाणे में 40 किमी तक की सड़कों पर पानी की लहरें चलती थीं, जिससे बस और निजी वाहन फंसे।

बीड के ग्रामीण हिस्से में जल‑स्तर 3 फ़ूट तक बढ़ गया, जिससे दो गाँवों में स्कूल बंद हो गए। जल‑सिंचन विभाग ने बताया कि बीड में 12 हजार से अधिक लोग अस्थायी आश्रय में शरण ले रहे हैं।

  • मुंबई – 1916/022‑69403344
  • ठाणे – 9372338827
  • बीड – 02442‑299299
  • पालघर – 02525‑297474
  • रायगढ़ – 8275152363

आपातकालीन प्रतिक्रिया और सरकारी कदम

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री Devendra Fadnavis ने बीड में बाढ़ की स्थिति का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया और कहा, “स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर हम तुरंत राहत कार्य शुरू करेंगे; निचली स्तर की नलियों को साफ़ करना प्राथमिकता होगी।” उन्होंने अतिरिक्त दोनों‑पोर्टेबल पंपों की तैनाती का आदेश भी दिया।

इसी दौरान National Disaster Response Force को मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर, सोलापुर, धरा शिव, बीड और लातूर में ‘हाई अलर्ट’ पर रख दिया गया है। NDRF ने विशेष टीमों को जल‑आधारयुक्त क्षेत्रों में तैनात कर जल्दी‑जल्दी बचाव कार्य शुरू कर दिया है।

सुरक्षा दिशानिर्देशों में नागरिकों को जल‑जमाव वाले इलाकों में जाने से बचने, अनावश्यक यात्रा न करने और आँधी‑बज्र के दौरान पेड़ के नीचे न ठहरने की चेतावनी दी गई है। साथ ही, अफवाहों के प्रसार को रोकने हेतु पुलिस ने कहा कि कोई भी सूचना आधिकारिक स्रोत से पुष्टि किए बिना शेयर न करें।

मौसम विशेषज्ञों का विश्लेषण

मौसम वैज्ञानिक डॉ. अर्चना सिंह ने कहा, “बंगाल की खाड़ी में इस तरह का लो‑प्रेशर सिस्टम सामान्यतः अक्टूबर‑नवंबर में बनता है, पर इस साल इसका केन्द्र बहुत दक्षिण में है, जिसके कारण कोस्टल महाराष्ट्र में प्रचंड बारिश हो रही है।” उन्होंने आगे बताया कि अगले दो‑तीन दिनों में यदि मॉनसून की दिशा में परिवर्तन नहीं आया तो जल‑स्तर और भी बढ़ सकता है।

वेसलिंग एजेंसी Maharashtra Water Resources Department ने कहा कि कई बाँध, जैसे कि कोसल बांध, पहले से ही ‘स्पिल‑ओवर’ के किनारे पर हैं, इसलिए अतिरिक्त वर्षा से बाढ़‑प्रभाव बढ़ने की आशंका है।

आगे क्या संभावित है? – भविष्य की स्थिति और सलाह

IMD ने अगले 48 घंटों में मुंबई‑कट्टर क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा की संभावना को ‘संभावित’ (बेयर) के रूप में रखा है। इसलिए, अगर आप उन क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ जल‑जमाव का जोखिम है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर अपनी सुरक्षा योजना तैयार करें।

सुरक्षा टिप्स का सारांश:

  1. बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा न करें; आवश्यक हो तो वैकल्पिक मार्ग चुनें।
  2. बिजली गिरने या पेड़ के नीचे आश्रय न लें; सुरक्षित इमारतों में रहें।
  3. रेडियो या आधिकारिक मोबाइल अलर्ट पर ध्यान दें; सामाजिक मीडिया पर अफवाहों से सावधान रहें।
  4. यदि घर में जल‑जमाव हो तो पावर सप्लाई बंद कर दें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सुरक्षित रखें।

अंत में, राज्य की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि वे अगले 72 घंटों में सभी प्रभावित इलाकों के लिए अतिरिक्त राहत सामग्री (खाद्य, जल, दवाएँ) का वितरण करेंगे, जिससे नागरिकों को बुनियादी जरूरतों की कमी न महसूस हो।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

भारी बारिश से किन जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ?

ठाणे, पालघर और बीड में घरों के ढहने, जल‑जमाव और बिजली गिरने की घटनाएं सबसे अधिक रिपोर्ट की गईं। इन जिलों में कई ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का कटाव भी देखा गया।

इंडियन वेदर बुलेटिन ने लाल अलर्ट क्यों जारी किया?

बंगाल की खाड़ी में विकसित लो‑प्रेशर सिस्टम ने महाराष्ट्र के पश्चिमी और कोस्टल भागों में अत्यधिक वर्षा ला दी। बार‑बार सीमित समय में 100 mm से अधिक की वर्षा के आँकड़े देखते हुए IMD ने ‘बहुत भारी बारिश’ की चेतावनी के साथ लाल अलर्ट जारी किया।

NDRF की तैनाती का दायरा क्या है?

NDRF ने मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर, सोलापुर, धरा शिव, बीड और लातूर में हाई अलर्ट बना कर बचाव‑संचार टीमें, जल‑पंप और मेडिकल किट्स तैनात किए हैं। उनका प्राथमिक कार्य जल‑जमाव वाले क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना है।

आगामी दिनों में बारिश की स्थिति कैसी रहेगी?

IMD के अगले दो‑दिन के प्रोजेक्शन के अनुसार, मुंबई‑कट्टर इलाकों में अत्यधिक वर्षा की सम्भावना बनी रहेगी। हालांकि, दिन‑बो-दिन बायूस की गति में बदलाव के कारण मध्य तथा उत्तरी महाराष्ट्र में हल्की‑मध्यम बारिश की संभावना है।

सामान्य नागरिक को किन सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए?

बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा न करें, बिजली गिरने के दौरान खुली जगहों से दूर रहें, आधिकारिक अलर्ट पर भरोसा करें और यदि घर में जल‑जमाव हो तो बिजली की मुख्य स्विच बंद कर दें। साथ ही, निकटतम राहत केंद्रों के संपर्क क्रमांक को सहेज कर रखें।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (8)
  • Kanisha Washington
    Kanisha Washington

    सितंबर 29, 2025 AT 07:32 पूर्वाह्न

    यह बारिश केवल मौसम की घटना नहीं है; यह एक सामाजिक असमानता का परिणाम है। हमने बाढ़-प्रतिरोधी ढांचे को नजरअंदाज किया, नहरों को भर दिया, और फिर आश्चर्य किया कि लोग बेघर हो रहे हैं। यह नीति की विफलता है, न कि प्रकृति की।

  • Gaurav Garg
    Gaurav Garg

    सितंबर 30, 2025 AT 08:45 पूर्वाह्न

    तो फिर भी लोग कहते हैं कि ये सब 'प्राकृतिक आपदा' है... बस थोड़ा सोचो। जब तक हम नालियों को बंद करके इमारतें बनाते रहेंगे, तब तक बाढ़ का नाम बदलकर 'मानव निर्मित आपदा' रखना चाहिए।

  • Suman Arif
    Suman Arif

    अक्तूबर 1, 2025 AT 13:06 अपराह्न

    देखो, बीड में जल स्तर 3 फीट है? ये तो बहुत हल्का है। मैंने 2018 में अहमदाबाद में 7 फीट का पानी देखा था, और वहाँ कोई चिल्लाया नहीं। ये लोग बस ध्यान खींचने के लिए बड़ा शोर मचा रहे हैं। वैसे भी, गाँव वाले तो हमेशा से ऐसे ही रहे हैं।

  • Kiran Ali
    Kiran Ali

    अक्तूबर 2, 2025 AT 21:52 अपराह्न

    मुंबई में बारिश हो रही है तो आप बीड की बात क्यों कर रहे हैं? यहाँ तो ट्रैफिक जाम है, फिर भी लोग अपने ऑफिस जाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग अपनी जिम्मेदारी को भूल गए हैं। एक बार जब बारिश होती है, तो सभी आपातकालीन सेवाएँ बंद हो जाती हैं।

  • Ruhi Rastogi
    Ruhi Rastogi

    अक्तूबर 4, 2025 AT 13:49 अपराह्न

    बस बंद करो ये सब। बारिश हो रही है। लोग मर रहे हैं। क्या करोगे? कुछ नहीं।

  • Amanpreet Singh
    Amanpreet Singh

    अक्तूबर 6, 2025 AT 05:57 पूर्वाह्न

    हम सब एक साथ इसमें हैं... और हाँ, मैंने अपने घर के बाहर बैग में बैटरी चार्जर, पानी, और एक छोटी बत्ती रख ली है। अगर आपको लगता है कि ये बेकार है, तो आप भी ऐसा कर लीजिए। ये छोटी बातें बड़े बदलाव ला सकती हैं।

  • Kunal Agarwal
    Kunal Agarwal

    अक्तूबर 6, 2025 AT 10:40 पूर्वाह्न

    मैं बीड के एक गाँव से हूँ। हमारे गाँव में लोग अभी भी अपने घरों के छतों पर बैठे हैं, और बच्चे अपनी किताबें नहीं छोड़ रहे। ये बारिश हमारे लिए सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि हर साल का हिस्सा है। हम सीख चुके हैं - पानी के साथ रहना, न कि उसके खिलाफ।

    हम आश्रय नहीं चाहते, हम आदर चाहते हैं। आपके पास जो भी बचा है, वो दें। न कि बारिश के लिए नीति बनाने के लिए।

  • Rajat jain
    Rajat jain

    अक्तूबर 7, 2025 AT 01:20 पूर्वाह्न

    हर बारिश में एक नई शुरुआत होती है। जो लोग आज बेघर हैं, वो कल एक नया घर बनाएंगे। और जो आज बचाव कर रहे हैं, वो कल एक नया नेता बनेंगे। ये आपदा नहीं, ये अनुकूलन है।

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