मतिजा सार्किक का अनायास निधन
मिलवॉल और मोंटेनेग्रो के गोलकीपर मतिजा सार्किक का 26 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है, जिससे फुटबॉल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। यह दुखद घटना शनिवार को मोंटेनेग्रो के बुदवा शहर में हुई। सार्किक अंतर्राष्ट्रीय ड्यूटी पर थे जब उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी। विगत रक्तचाप, बिजली या किसी अन्य चिकित्सा आपदा के कारण इस घटना का होना संभव है, लेकिन इस बुरी खबर से सबको स्तब्ध कर दिया।
फुटबॉल जगत में शोक
मोंटेनेग्रिन दैनिक समाचार पत्र 'विजेस्ति' के अनुसार, सार्किक का निधन उनके बुदवा में स्थित अपार्टमेंट में हुआ। मिलवॉल क्लब ने उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए एक बयान जारी किया जिसमें उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदना व्यक्त की और सभी से उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही, मोंटेनेग्रो फुटबॉल एसोसिएशन ने उन्हें 'हमेशा मुस्कुराने वाला व्यक्ति' बताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया। यूईएफए ने भी सार्किक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सार्किक की यादगार परफॉर्मेंस
बुधवार को बेल्जियम के खिलाफ मोंटेनेग्रो की 2-0 की दोस्ताना हार में सार्किक का प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली था। उन्होंने नौ बचाव किए और अपनी उत्कृष्ट खेल के लिए 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब भी जीता। ग्रिम्सबी, इंग्लैंड में जन्मे सार्किक ने एस्टन विला और एंडरलेख्ट के युवा स्तर पर खेला था, इससे पहले कि वे अगस्त 2023 में वॉल्वरहैम्पटन वैंडरर्स से मिलवॉल में शामिल हुए। मिलवॉल के लिए उन्होंने 33 प्रदर्शन किए।
सार्किक का प्रारंभिक जीवन और करियर
सार्किक का करियर हमेशा से ही आशाजनक रहा है। उनके शुरुआती वर्ष ग्रिम्सबी, इंग्लैंड में बीते और उन्होंने केवल 18 साल की उम्र में एस्टन विला के साथ अपने युवावस्था की शुरुआत की। यहां से उनका सफर बेल्जियम के प्रसिद्ध क्लब एंडरलेख्ट में जारी रहा, जहां उन्होंने अपने गेम में लगातार सुधार किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें 2023 में वॉल्वरहैम्पटन वैंडरर्स के साथ अनुबंध करने में सफल बनाया।
मिलवॉल में सार्किक का सफर
मिलवॉल में उनका सफर उनका करियर का एक और महत्वपूर्ण अध्याय था। यहां उन्होंने कुल 33 मैच खेले और अपने खेल का मुनाफा किया। उनके सुरक्षित हाथ और तेज़ रिफ्लेक्स ने उन्हें टीम का अभिन्न हिस्सा बना दिया था। खिलाड़ी होने के साथ ही वह अपने सह-खिलाड़ियों और प्रशंसकों के दिल में भी विशेष स्थान रखते थे।
फुटबॉल जगत में शोक की लहर
सार्किक के निधन से फुलबॉल समुदाय में भी गहरा शोक फैल गया है। मोंटेनेग्रो फुटबॉल एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि 'हमने एक विशेष और हमेशा मुस्कुराने वाला खिलाड़ी खो दिया है'। यूईएफए ने भी सार्किक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
सार्किक की याद में
सार्किक के असमय निधन ने फुटबॉल प्रेमियों की भावनाओं को झकझोर दिया है। उनकी स्मृतियां और योगदान हमेशा याद रखे जाएंगे। उनका नाम फुटबॉल इतिहास में अनंतकाल तक जीवित रहेगा। उनके प्रशंसक और मित्र उन्हें हमेशा एक मुस्कान के साथ याद करेंगे।
जून 17, 2024 AT 14:02 अपराह्न
ये बहुत दुखद बात है... ऐसे युवा खिलाड़ी जो हमेशा मुस्कुराते होते हैं, उनका अचानक जाना किसी फिल्म की तरह लगता है। उनकी बेहतरीन रिफ्लेक्सेस और शांत प्रकृति की कमी अब हम सबके लिए बहुत बड़ी हो गई है। उनके परिवार के लिए दिल से संवेदना।
जून 18, 2024 AT 21:35 अपराह्न
अरे भाई, ये तो बस एक गोलकीपर की मौत है, अब तो सब ने इसे एक राष्ट्रीय शोक बना दिया है। क्या हुआ बिना ड्रग्स के ऐसा बड़ा ड्रामा? अगर ये एक बॉलीवुड एक्टर मर जाता तो तो शायद तमाम राजनेता शोक व्यक्त करते, पर ये तो बस एक फुटबॉलर है।
जून 20, 2024 AT 18:01 अपराह्न
हम्म... तो अब हर फुटबॉलर की मौत पर हमें एक डॉक्यूमेंट्री बनानी पड़ेगी? 😏 लेकिन सच बताऊँ, ये लड़का असली था। उसकी मुस्कान बस एक गोल नहीं, एक जीवन थी।
जून 22, 2024 AT 16:28 अपराह्न
ये सब शोक बकवास है। जब तक उसके शरीर का ऑटोप्सी रिपोर्ट नहीं आती, तब तक कोई भी बात नहीं है। लोग तो अब भावनाओं से बहुत जल्दी भर जाते हैं। फिर भी, अगर उसकी मौत अचानक हुई तो ये जानकारी भी बहुत महत्वपूर्ण है।
जून 23, 2024 AT 03:31 पूर्वाह्न
क्या ये जिंदगी का नियम है? जो लोग सबसे ज्यादा जीवन भर जीते हैं, वो सबसे जल्दी चले जाते हैं। ये लड़का बस एक गोलकीपर नहीं, एक बारिश के बाद की पहली सुबह की तरह था-हल्का, ताज़ा, और बहुत कम देर रहा।
जून 23, 2024 AT 04:08 पूर्वाह्न
अच्छा हुआ कि उसने इंग्लैंड में शुरुआत की। वहाँ के युवा खिलाड़ियों के साथ उसकी जुड़ाव बहुत अच्छी थी। ये भारतीय दर्शकों के लिए भी एक बड़ी बात है कि एक भारतीय वंश का खिलाड़ी यूरोप के बड़े क्लब्स में खेल रहा था। उसकी कहानी हमें सिखाती है कि अगर तुम लगन से काम करो, तो दुनिया तुम्हें याद करेगी।
जून 23, 2024 AT 20:23 अपराह्न
इतना शोक? भारत में रोज 50 युवा लड़के मर रहे हैं, लेकिन किसने उनके लिए एक बयान दिया? ये सब बाहरी लोगों की तरफ से नजर आता है। हमें अपने खुद के लोगों के लिए भी इतना ध्यान देना चाहिए।
जून 25, 2024 AT 04:27 पूर्वाह्न
श्रद्धांजलि।
जून 26, 2024 AT 10:03 पूर्वाह्न
मैंने उसे एक मैच में देखा था। बेल्जियम के खिलाफ। उसके हाथों में जो शांति थी, वो किसी युद्ध के बाद की सुबह जैसी लगी। उसकी मौत सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, एक शांत आत्मा की है।