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वाल्मीकि जयंती

जब हम वाल्मीकि जयंती, वाल्मीकि महाकवि के जन्म दिवस को मनाने वाला वार्षिक कार्यक्रम है, जो आमतौर पर अक्टूबर में आयोजित होता है. यह उत्सव वाल्मीकि, प्राचीन भारत के प्रमुख कवि और रामायण के लेखक की स्मृति को समर्पित है। रामायण, वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य, जिसमें रघु राजवंश की कथा और आदर्श जीवनशैली का वर्णन है इस जयंती की मूल भावना को परिभाषित करता है। इसी कारण संस्कृत साहित्य, धर्म, दर्शन और कला का प्रमुख स्रोत, जो वाल्मीकि की कृतियों में निहित है भी इस अवसर पर विशेष ध्यान पाता है। भारत के विभिन्न स्थानों में जयंती उत्सव, धार्मिक या सांस्कृतिक घटनाओं के विशेष दिन पर आयोजित बड़े पैमाने के समारोह का रूप लेना आम बात है; इस में कथा पाठ, श्लोक वाचन, धर्मशास्त्र चर्चा और फिरौन के रूप में धूप-दीप जलाना शामिल हो सकता है।

इस जयंती के दौरान विद्यालय, पुस्तकालय और सांस्कृतिक संस्थान अक्सर वाल्मीकि जयंती को विशेष रूप से उजागर करते हैं। वे बच्चों को रामायण के प्रमुख पात्रों के गुण सिखाते हैं, जैसे कि भगवान राम की धैर्य, सीता की शौर्य और हनुमान की निष्ठा। साथ ही, संस्कृत के श्लोकों को पढ़ाने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिससे युवा पीढ़ी को वैदिक भाषा की मिठास और गहराई का अनुभव हो। कई शहरों में धूप-दीप जलाकर, सफ़ेद फूल चढ़ाकर और सामग्री रूपी रामलीला के मंचन से इस अवसर को जीवंत बना दिया जाता है। यह सिर्फ एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक धरोहर और नैतिक मूल्यों का एक मजबूत पुल है।

सम्मेलनों में विद्वान अक्सर वैदिक इतिहास, वाल्मीकि के जीवनकाल और उनकी साहित्यिक शैली पर प्रकाश डालते हैं। वे यह बताते हैं कि वाल्मीकि ने कब और कैसे रचनात्मक प्रेरणा पायी, किन सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों में रामायण की रचना हुई, और क्यों यह ग्रन्थ भारतीय सभ्यता की नींव माना जाता है। इस तरह के चर्चा सत्र न केवल ज्ञानवर्द्धन का साधन बनते हैं, बल्कि आधुनिक समय में भी महाकाव्य की प्रासंगिकता को उजागर करते हैं—जैसे नैतिक निर्णय, कर्तव्य का बोध और संघर्ष में शांति की खोज।

जब आप इस पृष्ठ पर नीचे सूचीबद्ध लेखों को पढ़ेंगे, तो आपको विभिन्न दृष्टिकोणों से वाल्मीकि जयंती के विभिन्न पहलुओं की झलक मिलेगी। चाहे वह इतिहास की गहराई हो, सांस्कृतिक उत्सव की झलक हो, या शिक्षा संस्थानों में लागू किए गए कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी, यह संग्रह आपके लिए एक व्यापक गाइड के रूप में काम करेगा। आगे पढ़ें और देखें कि इस जयंती को कैसे आपके आस-पास के समुदाय में अधिक सार्थक बनाया जा सकता है।

शाहजहांपुर में वाल्मीकि जयंती पर सुरक्षा चौकसी, राजेश द्विवेदी ने की पैदल यात्रा
Jonali Das 6

शाहजहांपुर में वाल्मीकि जयंती पर सुरक्षा चौकसी, राजेश द्विवेदी ने की पैदल यात्रा

शाहजहांपुर में 4-5 अक्टूबर 2025 को वाल्मीकि जयंती के शोभा यात्रा पर पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने पैदल निरीक्षण किया, व्यापक सुरक्षा तैनाती के साथ कार्यक्रम शांतिपूर्ण समाप्त हुआ।