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राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल

जब आप राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, भारत सरकार की प्रमुख इकाई जो आपदा के बाद बचाव, राहत और पुनर्वास कार्य संचालित करती है के बारे में पढ़ते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि यह बल आपदा प्रबंधन, जोखिम आकलन, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति का समुच्चय है के साथ कैसे जुड़ा है। इसी तरह, यह सुरक्षा बल, पुलिस, फौज और स्थानीय राहत टीमों की सहयोगी प्रणाली के साथ तालमेल बिठाकर काम करता है। इनके साथ मिलकर आपातकालीन राहत, जिंदगियों को बचाने, बुनियादी जरूरतों की पूर्ति और क्षति को सीमित करने की प्रक्रिया प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल आपदा प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाता है। जब भी बाढ़, भूकंप या जंगल की आग जैसी आपदा आती है, तो पहले यह बल नजदीकी नियंत्रण केंद्रों से सूचना लेता है, फिर फील्ड टीमों को त्वरित तैनाती के लिए निर्देश देता है। आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए सुरक्षा बल की भागीदारी जरूरी है; पुलिस ट्रैफ़िक को नियंत्रित करती है, फौज कच्ची सहायता पहुँचाती है, जबकि स्थानीय NGOs आधारभूत सामग्री प्रदान करती हैं। इस सहयोग का परिणाम आपातकालीन राहत में तेज़ी आता है, जिससे जीवन बचाने का प्रतिशत बढ़ जाता है। आगे चलकर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े आपदाओं में अपना कौशल साबित किया है। 2024 में उत्तराखंड के भूकंप के बाद, उन्होंने 3,000 से अधिक राहत कर्मियों को तैनात कर विस्थापित लोगों को अस्थायी आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया। उसी तरह, 2025 की तेज़ धारा वाली बाढ़ में उन्होंने जलसेतु स्थापित किया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में एम्बुलेंस और भोजन की आपूर्ति असानी से हो सकी। इन सफलताओं का एक ही कारण है कि वे आपदा प्रबंधन के सभी चरणों—पूर्व-भविष्यवाणी, तत्काल प्रतिक्रिया और दीर्घकालिक पुनर्वास—में क्रमिक रूप से काम करते हैं। यदि आप देखना चाहते हैं कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के काम को कैसे विभिन्न समाचारों, रिपोर्टों और विश्लेषणों में दर्शाया गया है, तो नीचे दी गई सूची में आप पाएंगे सरकारी पहलें, सुरक्षा बलों के साथ गठजोड़, तथा विभिन्न क्षेत्रों में हुई राहत कार्यों की विस्तृत जानकारी। इस टैग के तहत आप अतिरिक्त रूप से पढ़ सकते हैं कि कैसे डेटा शेयरिंग, आर्थिक प्रभाव, और स्थानीय प्रशासन की भूमिका इस बड़े परिदृश्य को आकार देती है। तैयार रहें, क्योंकि आगे की सामग्री आपको आपदा समय में क्या करना चाहिए, कौन से कदम उठाने चाहिए और किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इस बारे में स्पष्ट दिशा‑निर्देश देगी।

मुंबई में भारी बारिश: लाल अलर्ट, फडनवलिया ने बीड में बाढ़ स्थिति का किया जायजा
Jonali Das 8

मुंबई में भारी बारिश: लाल अलर्ट, फडनवलिया ने बीड में बाढ़ स्थिति का किया जायजा

इंडियन मेथियोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 28 सितम्बर को महाराष्ट्र में लाल अलर्ट जारी किया, मुंबई‑ठाणे‑पुणे घाट में भारी बारिश, NDRF की तैनाती और फडनवलिया की बाढ़ जाँच।