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पैरालंपिक्स – ताज़ा खबरें और रोचक तथ्य

पैरालंपिक्स अब हर साल बड़े शोर शराबे के साथ होते हैं, लेकिन अक्सर इन्हें मुख्यधारा की मीडिया कम कवर करती है। अगर आप भारत में या विदेश में हो, तो ये खेल आपके लिये प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। यहाँ हम सरल शब्दों में बताते हैं कि कब क्या हुआ, कौन से खिलाड़ी चमके और कैसे आप इन इवेंट्स को फॉलो कर सकते हैं।

भारत की पैरालंपिक टीम

भारत ने पिछले कुछ पैरालंपिक में कई मीलेस जीतें हैं—जैसे 2020 टोक्यो में मनोज कुमार वॉकर का गोल्ड और अनिल कुमारी की शॉटपुट। इस साल पेरिस 2024 के लिए चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, और भारतीय एथलीट ट्रेनिंग कैंपों में दोगुना मेहनत कर रहे हैं। बास्केटबॉल से लेकर तैराकी तक, हर डिसिप्लिन में नया टैलेंट उभर रहा है। अगर आप स्थानीय अखबार या सरकारी खेल पोर्टल पर नज़र रखें तो चयनित एथलीट की सूची पहले ही मिल जाएगी।

दुनिया में पैरालंपिक का महत्व

पैरालंपिक सिर्फ एक स्पोर्ट्स इवेंट नहीं, ये सामाजिक बदलाव का इंजन है। कई देशों में अब शारीरिक अक्षमता वाले खिलाड़ियों को समान अवसर मिलने लगे हैं—जैसे ब्रेसल्स के टोक्यो 2020 में एथलीटों को विशेष आवास और फूड सप्लाई दी गई थी। इन प्रयासों से सार्वजनिक जागरूकता बढ़ी है, जिससे स्कूलों में इन्क्लूज़न प्रोग्राम शुरू हुए हैं। इस तरह की खबरें पढ़कर आप समझ सकते हैं कि खेल सिर्फ जीत-हार नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश का भी हिस्सा है।

इंटरनेट पर पैरालंपिक्स को फॉलो करने के कई आसान तरीके हैं। आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम, यूट्यूब चैनल और ट्विटर फ़ीड आपको रीयल‑टाइम अपडेट देती हैं। भारत की बात करें तो नॉशनल पैरलिंपिक कमिटी (NPC) का फेसबुक पेज अक्सर एथलीट इंटरव्यू और बैकस्टेज फोटो शेयर करता है—इन्हें फॉलो करना न भूलें।

अगर आप खुद खेल में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो अपने शहर के पैरालंपिक क्लब या स्थानीय डिसएबिलिटी स्पोर्ट्स एसोसिएशन से संपर्क करें। कई बार वे ट्रायल सत्र और मुफ्त कोचिंग देते हैं, जिससे शुरुआती खिलाड़ी आसानी से शुरुआत कर सकते हैं। याद रखें, छोटा कदम भी बड़ी जीत की ओर ले जाता है।

अंत में यही कहूँगा—पैरालंपिक्स का हर अपडेट आपको एक नई कहानी देता है। चाहे आप एथलीट हों, फैन हों या सिर्फ जिज्ञासु पाठक, इन खबरों को पढ़कर आप खेल की विविधता और इंसानियत के जुड़ाव को समझ पाएँगे। इसलिए इस पेज पर बार‑बार आएं, नया लेख देखिए और अपने दोस्तों तक ये जानकारी पहुँचाइए।

अवनी लेखरा: पहली भारतीय महिला जिन्होंने जीते पैरालंपिक्स में दो स्वर्ण पदक
Jonali Das 0

अवनी लेखरा: पहली भारतीय महिला जिन्होंने जीते पैरालंपिक्स में दो स्वर्ण पदक

अवनी लेखरा ने इतिहास रचते हुए पैरालंपिक्स में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उन्होंने पैरिस पैरालंपिक्स के महिला 10 मीटर एयर राइफल फाइनल (SH1) श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो गेम्स 2021 में उन्होंने पहले भी स्वर्ण पदक जीता था। इस उपलब्धि ने उन्हें शूटिंग में पैरालंपिक्स में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बना दिया है।