आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रोफेसर संदीप घोष ने एक जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है और मुख्यमंत्री ने मृतका के माता-पिता से मुलाकात कर न्याय का आश्वासन दिया।
मेडिकल कॉलेज की नई ख़बरें और उपयोगी जानकारी
क्या आप मेडिकल कॉलेज में दाख़िला लेना चाहते हैं या वर्तमान छात्र हैं? यहाँ आपको सबसे ताज़ा अपडेट, परीक्षा परिणाम और पढ़ाई के टिप्स मिलेंगे। हम हर हफ़्ते प्रमुख समाचार चुनते हैं ताकि आपको सही फैसला लेने में मदद मिले।
नवीनतम प्रवेश एवं counselling की खबरें
अगले महीने कई राज्य मेडिकल परिषदों ने NEET‑UG 2025 के लिए counseling शुरू कर दिया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में सीटों का आवंटन अब ऑनलाइन हो रहा है। अगर आपका स्कोर 600 से ऊपर है तो आप सीधे सरकारी कॉलेज में जगह पा सकते हैं, जबकि निजी संस्थान अक्सर रैंक 400‑500 पर भी अवसर देते हैं।
कुल मिलाकर 80,000+ छात्रों को इस साल सीटें मिलेंगी और अधिकांश पदों के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर दस्तावेज़ अपलोड करना अनिवार्य है। ध्यान रखें कि अंतिम तारीखें बहुत करीब हैं; देर होने पर आपका आवेदन रद्द हो सकता है।
परीक्षा परिणाम, कट‑ऑफ़ और पढ़ाई की रणनीतियाँ
NEET‑UG के आधिकारिक परिणाम 12 जून को घोषित किए जाएंगे। पिछले साल का औसत कट‑ऑफ लगभग 540 था, लेकिन इस बार कई राज्यों में यह 560 तक बढ़ा हुआ दिख रहा है। इसका मतलब है कि अब आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
पढ़ाई के लिए सबसे असरदार तरीका है – पहले बुनियादी विज्ञान की किताबें दोबारा पढ़िए, फिर पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करिए। साथ ही टाइम‑टेबल बनाकर रोज़ 6‑7 घंटे स्टडी रूटीन रखें। यदि आप किसी विशेष विषय में कमजोर हैं, तो छोटे वीडियो लेक्चर या ऑनलाइन टेस्ट से उसे मजबूत करें।
छात्र अक्सर पूछते हैं कि क्लासरूम और होमस्टडी में क्या फर्क है? जवाब आसान है – क्लासरूम में शिक्षक का तुरंत फ़ीडबैक मिलता है, जबकि होमस्टडी में आपको स्वयं अनुशासन बनाना पड़ता है। दोनों को मिलाकर आप बेहतर परिणाम पा सकते हैं।
क्लिनिकल इंटर्नशिप और रिसर्च के अवसर भी अब जल्दी खुलते दिख रहे हैं। कई मेडिकल कॉलेज ने नए लाइब्रेरी सेक्शन और सिमुलेशन लैब स्थापित किए हैं, जहाँ आप वास्तविक केस स्टडी कर सकते हैं। इन सुविधाओं का इस्तेमाल करने से आपका प्रैक्टिकल स्कोर बढ़ेगा।
यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं, तो अब IELTS या TOEFL की तैयारी भी शुरू कर दें। कई भारतीय मेडिकल कॉलेजों ने अब दो साल के इंटर्नशिप प्रो ग्राम्स शुरू किए हैं जो विदेशियों को आसानी से अप्लाई करने का मौका देते हैं।
अंत में, याद रखें कि सफलता सिर्फ अंक नहीं, बल्कि सही दिशा और निरंतर प्रयास है। इस टैग पेज पर आप हर हफ़्ते नई खबरें देख पाएँगे – चाहे वह प्रवेश प्रक्रिया हो, परीक्षा परिणाम या करियर गाइडेंस। समाचार पर्दे को बुकमार्क करें, ताकि कोई भी महत्वपूर्ण अपडेट आपके पास से न छूटे।