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कोलकाता जूनियर डॉक्टर हत्या मामला: मुख्यमंत्री से मिले मृतका के माता-पिता, कॉलेज प्रिंसिपल ने दिया इस्तीफा

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कोलकाता जूनियर डॉक्टर हत्या मामला: मुख्यमंत्री से मिले मृतका के माता-पिता, कॉलेज प्रिंसिपल ने दिया इस्तीफा
Jonali Das 17 टिप्पणि

कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। घटना के बाद अस्पताल के प्रिंसिपल प्रोफेसर संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना और मृत्यु के कारण उत्पन्न भावनात्मक तनाव को इस्तीफे के कारण बताया है।

प्रोफेसर संदीप घोष ने अपने इस्तीफानामे में लिखा कि मृतका उनकी बेटी के समान थी और उनकी मृत्यु ने उन्हें गहरे भावनात्मक संकट में डाल दिया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल छात्रा का अर्ध-नग्न शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला। शव पर चोटों के निशान थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनके साथ यौन उत्पीड़न और हत्या की गई थी।

कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति अस्पताल का नियमित आगंतुक था लेकिन उसका आधिकारिक तौर पर वहां से कोई संबंध नहीं था। पुलिस ने उसके जूते पर खून के धब्बे पाए और यह पुष्टि की कि अपराध के बाद वह घर गया, सो गया और अपने कपड़े धोए।

पुलिस ने इस मामले की जाँच के लिए तीन जूनियर डॉक्टरों और एक हाउसकीपिंग स्टाफ को समन किया है। इस घटना के कारण पश्चिम बंगाल में अस्पताल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर हड़ताल पर हैं और मृतका की मौत की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मृतका के माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस मामले में गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी।

यह घटना चिकित्सा पेशेवरों और छात्रों के बीच भय का माहौल पैदा कर रही है। सुरक्षित कार्य वातावरण की मांग को लेकर डॉक्टर समुदाय ने एकजुटता दिखाई है। यह भी स्पष्ट हो चुका है कि अस्पतालों को सुरक्षित बनाने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, इस दुखद घटना ने समाज में एक गंभीर संदेश भेजा है कि सुरक्षा और न्याय के लिए एकजुट होकर खड़ा होना समय की आवश्यकता है।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (17)
  • Gaurav Pal
    Gaurav Pal

    अगस्त 14, 2024 AT 01:04 पूर्वाह्न

    ये अस्पतालों में सुरक्षा का सवाल अब बस डॉक्टरों का नहीं, पूरे समाज का हो गया है। एक जवान लड़की को इतनी बर्बरता से मार डालना... ये कोई अपराध नहीं, अपने आप को नष्ट करना है।
    पुलिस ने जो गिरफ्तार किया, वो तो बस एक निशान है। असली अपराधी वो हैं जिन्होंने इतने सालों तक इन अस्पतालों को अंधेरे और अनुशासनहीन बनाए रखा।

  • Agam Dua
    Agam Dua

    अगस्त 14, 2024 AT 21:43 अपराह्न

    इस्तीफा दे दिया? बस इतना ही? इस तरह के लोगों को जेल भेजना चाहिए, इस्तीफा नहीं।
    प्रिंसिपल ने बेटी की तरह कहा... तो फिर जब वो जीवित थी तो उसकी सुरक्षा कहाँ थी? ये सब बकवास भावनाएँ हैं, जिम्मेदारी नहीं।

  • srilatha teli
    srilatha teli

    अगस्त 15, 2024 AT 08:14 पूर्वाह्न

    इस घटना ने हमें सिर्फ दुख नहीं, एक गहरा सबक भी दिया है।
    डॉक्टर बनने वाले युवा लोगों को अस्पतालों में एक घर जैसा महसूस होना चाहिए, न कि एक शिकार की तरह।
    सुरक्षा के लिए CCTV, नियमित सुरक्षा चेक, और अस्पताल में बाहरी लोगों के लिए पहचान प्रणाली जरूरी है।
    ये सब तकनीकी समाधान हैं, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब हम डॉक्टरों को मानव बनाने की बजाय एक यंत्र नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में देखेंगे।
    हम जिस व्यक्ति को अपनी जान देने के लिए तैयार करते हैं, उसे अपनी जान बचाने का अधिकार भी देना होगा।
    ये सिर्फ एक डॉक्टर की मौत नहीं, एक नैतिक असफलता है।
    हम सबको अपने आप को इस मामले में शामिल समझना चाहिए।
    क्योंकि जब एक डॉक्टर डरता है, तो पूरा समाज बीमार हो जाता है।
    मृतका के लिए न्याय तभी होगा जब इस तरह की घटना दोबारा न हो।
    और ये न्याय तभी संभव है जब हम अपने आप को बदलें।

  • Sarvesh Kumar
    Sarvesh Kumar

    अगस्त 16, 2024 AT 12:12 अपराह्न

    ये बस एक डॉक्टर की हत्या नहीं, भारत की शान को चोट पहुंचाने वाला अपराध है।
    जिन्होंने ये किया, उन्हें फांसी चढ़ाना चाहिए।
    हमारे डॉक्टर दुनिया के सबसे बेहतर हैं, और इन लोगों को जिंदा जलाकर मार देना चाहिए।
    पश्चिम बंगाल सरकार का ये नाटक बंद करो।

  • Ashish Chopade
    Ashish Chopade

    अगस्त 16, 2024 AT 18:42 अपराह्न

    न्याय जल्दी चाहिए।
    सुरक्षा तुरंत चाहिए।
    अस्पतालों में नियम लागू करो।
    अपराधियों को दंड दो।
    यही जरूरी है।

  • Shantanu Garg
    Shantanu Garg

    अगस्त 18, 2024 AT 02:51 पूर्वाह्न

    मैं अस्पताल में इंटर्न था।
    रात को अकेले घूमना डरावना लगता था।
    कोई नहीं सुनता था।
    अब ये बात सबके सामने है।

  • Vikrant Pande
    Vikrant Pande

    अगस्त 19, 2024 AT 14:58 अपराह्न

    अरे भाई, ये सब तो पश्चिम बंगाल की खास बात है।
    दिल्ली में तो डॉक्टर बाहर बैठे चाय पीते हैं, और अस्पताल के बाहर भी सुरक्षा है।
    ये जो बातें हो रही हैं, वो तो सिर्फ वहां होती हैं जहां नियम नहीं, भावनाएं चलती हैं।
    और फिर जब कुछ होता है, तो सब राज्य को दोष देते हैं।
    असली समस्या तो हमारी संस्कृति में है - डॉक्टर को भगवान समझना, और फिर उसके बाद उसे बेकार समझना।
    ये दोहरा मानसिकता ही समस्या है।

  • Indranil Guha
    Indranil Guha

    अगस्त 20, 2024 AT 02:29 पूर्वाह्न

    हमारे देश में डॉक्टरों के खिलाफ अपराधों की दर बढ़ रही है।
    यह एक साजिश है।
    एक विदेशी ताकत जो हमारी चिकित्सा प्रणाली को नष्ट करना चाहती है।
    इस घटना की जांच करने वाली टीम में किसी विदेशी विशेषज्ञ को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
    हमें अपने आप पर भरोसा करना चाहिए।
    हमारे डॉक्टर अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।
    उनके लिए राष्ट्रीय सम्मान देना अब एक आवश्यकता है।

  • Sohini Dalal
    Sohini Dalal

    अगस्त 21, 2024 AT 22:24 अपराह्न

    मुझे लगता है कि इस्तीफा देना बहुत आसान तरीका है।
    लेकिन अगर आप अपनी बेटी की तरह महसूस करते हैं, तो आप उसके लिए लड़ते, न कि भागते।
    ये बस एक नाटक है।

  • sreekanth akula
    sreekanth akula

    अगस्त 23, 2024 AT 12:31 अपराह्न

    मैं दक्षिण भारत से हूँ।
    हमारे अस्पतालों में भी यही समस्या है, लेकिन अलग तरह से।
    हमारे पास CCTV है, लेकिन उन्हें चलाने वाला कोई नहीं।
    हमारे पास सुरक्षा है, लेकिन वो बस एक नियम के तौर पर है।
    असली समस्या ये है कि हम सभी ने ये सोच लिया है कि ये कोई दूसरे की समस्या है।
    जब तक हम अपने आप को इसमें शामिल नहीं समझेंगे, तब तक ये घटनाएं दोहराएंगी।
    हमें अपने बच्चों को डॉक्टर बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें सुरक्षित रखना भी।
    इसके लिए नीति बनाने से पहले, एक सामाजिक जागरूकता चाहिए।

  • Suraj Dev singh
    Suraj Dev singh

    अगस्त 24, 2024 AT 01:02 पूर्वाह्न

    मैं एक इंटर्न डॉक्टर हूँ।
    हर रात अकेले घूमते हुए लगता है जैसे कोई पीछे आ रहा है।
    मैं अपने माता-पिता को बताता हूँ कि मैं ठीक हूँ।
    लेकिन अब ये बात सच नहीं लगती।

  • Arun Kumar
    Arun Kumar

    अगस्त 24, 2024 AT 18:27 अपराह्न

    मैंने देखा है...
    एक बार रात में एक आगंतुक ने एक नर्स को छू लिया।
    किसी ने कुछ नहीं कहा।
    फिर एक दिन वो नर्स ने काम छोड़ दिया।
    अब ये बात सबके सामने है।
    कोई नहीं चाहता कि ये बात बाहर आए।
    अब जब आ गई, तो सब चिल्ला रहे हैं।
    अब क्या होगा? क्या बदलेगा? क्या कोई याद रखेगा?

  • Manu Tapora
    Manu Tapora

    अगस्त 26, 2024 AT 14:31 अपराह्न

    पुलिस ने जूते पर खून के धब्बे पाए, लेकिन क्या उन्होंने उसके जूते के नमूने को अस्पताल के फर्श के साथ मिलाया? क्या डीएनए टेस्ट किया गया? क्या अस्पताल के CCTV फुटेज को एनालाइज़ किया गया? ये सब बातें अभी तक नहीं बताई गईं।
    ये जांच बहुत सतही लग रही है।

  • venkatesh nagarajan
    venkatesh nagarajan

    अगस्त 27, 2024 AT 23:55 अपराह्न

    हम सब इस घटना को एक आंख बंद करके देख रहे हैं।
    लेकिन ये एक दर्द है जो हमारी समाज की नसों में घुल चुका है।
    हम जिस व्यक्ति को बचाने के लिए बनाते हैं, उसे बचाना भूल गए हैं।
    ये एक दर्द है, जिसका कोई नाम नहीं।

  • Drishti Sikdar
    Drishti Sikdar

    अगस्त 28, 2024 AT 06:15 पूर्वाह्न

    मैंने ये सब सुना है, लेकिन मुझे लगता है कि असली समस्या ये है कि हम डॉक्टरों को बहुत अधिक उम्मीदें रखते हैं।
    और जब वो नहीं कर पाते, तो हम उन्हें दोष देते हैं।
    लेकिन अगर उनकी सुरक्षा नहीं है, तो वो क्या कर सकते हैं?

  • indra group
    indra group

    अगस्त 29, 2024 AT 16:08 अपराह्न

    ये सब बातें बस भारत के खिलाफ हैं।
    अगर ये अमेरिका में होता, तो पूरी दुनिया चिल्ला रही होती।
    हमारे देश में हर चीज़ को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है।
    हमारे डॉक्टर बहुत बेहतर हैं।
    ये एक अपवाद है, न कि नियम।
    इस घटना को राष्ट्रीय अपमान के रूप में नहीं देखना चाहिए।
    हमें अपने डॉक्टरों को गर्व से देखना चाहिए।

  • sugandha chejara
    sugandha chejara

    अगस्त 30, 2024 AT 19:15 अपराह्न

    मैं एक माँ हूँ।
    मेरी बेटी डॉक्टर बनने वाली है।
    मैं उसे बताती हूँ कि वो जो कर रही है, वो बहुत बड़ा काम है।
    लेकिन अब मैं डर रही हूँ।
    मैं उसे क्या बताऊँ? कि तुम्हारा काम खतरनाक है? कि तुम अपनी जान गंवा सकती हो?
    मैं उसे बताऊँगी कि तुम अकेली नहीं हो।
    हम सब तुम्हारे साथ हैं।
    और अगर तुम डर रही हो, तो तुम्हें डरने का अधिकार है।
    लेकिन तुम्हारा काम अभी भी अद्भुत है।
    हम तुम्हारे लिए लड़ेंगे।

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