कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। घटना के बाद अस्पताल के प्रिंसिपल प्रोफेसर संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना और मृत्यु के कारण उत्पन्न भावनात्मक तनाव को इस्तीफे के कारण बताया है।
प्रोफेसर संदीप घोष ने अपने इस्तीफानामे में लिखा कि मृतका उनकी बेटी के समान थी और उनकी मृत्यु ने उन्हें गहरे भावनात्मक संकट में डाल दिया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल छात्रा का अर्ध-नग्न शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला। शव पर चोटों के निशान थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनके साथ यौन उत्पीड़न और हत्या की गई थी।
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति अस्पताल का नियमित आगंतुक था लेकिन उसका आधिकारिक तौर पर वहां से कोई संबंध नहीं था। पुलिस ने उसके जूते पर खून के धब्बे पाए और यह पुष्टि की कि अपराध के बाद वह घर गया, सो गया और अपने कपड़े धोए।
पुलिस ने इस मामले की जाँच के लिए तीन जूनियर डॉक्टरों और एक हाउसकीपिंग स्टाफ को समन किया है। इस घटना के कारण पश्चिम बंगाल में अस्पताल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर हड़ताल पर हैं और मृतका की मौत की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मृतका के माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस मामले में गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी।
यह घटना चिकित्सा पेशेवरों और छात्रों के बीच भय का माहौल पैदा कर रही है। सुरक्षित कार्य वातावरण की मांग को लेकर डॉक्टर समुदाय ने एकजुटता दिखाई है। यह भी स्पष्ट हो चुका है कि अस्पतालों को सुरक्षित बनाने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, इस दुखद घटना ने समाज में एक गंभीर संदेश भेजा है कि सुरक्षा और न्याय के लिए एकजुट होकर खड़ा होना समय की आवश्यकता है।