वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजे अपना आठवां बजट पेश करेंगी। इस बजट से मध्यम वर्ग के करदाताओं को टैक्स राहत की उम्मीद है। यहाँ तक कि टैक्स स्लैब्स और 80C कटौती में संशोधन की भी बात हो रही है ताकि जीवन यापन की बढ़ती लागत से निपटा जा सके। टैक्स दरों में परिवर्तन और नए प्रावधानों के जरिए टैक्स का बोझ कम करने की कोशिश की जा रही है।
कर स्लैब 2025 – क्या बदल गया और आप कैसे बचा सकते हैं?
हर साल भारत में आय कर के नियम थोड़े‑बहुत बदले होते हैं, इसलिए नवीनतम कर स्लैब को समझना ज़रूरी है। अगर आप नहीं जानते कि कौन सी आय पर किस दर से टैक्स लगेगा, तो आपका पैसा बिना जरूरत खर्च हो सकता है। इस लेख में हम 2025 की स्लैब, घटकों और आसान बचत टिप्स को सरल भाषा में बताएँगे।
2025 के मुख्य टियर और उनके रेट
FY 2024‑25 (अर्थात् वित्तीय वर्ष 2025) के लिए नीचे तीन प्रमुख टैक्स स्लैब लागू हैं – व्यक्तिगत (सिंगल), वरिष्ठ नागरिक (60‑80 साल) और सुपर सीनियर्स (80 साल से ऊपर)। सबसे पहले देखें कि आपकी कुल आय किस बैंड में आती है:
- 0 – 2.5 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं।
- 2.5 लाख – 5 लाख: 5 % टैक्स.
- 5 लाख – 10 लाख: 20 % टैक्स.
- 10 लाख से ऊपर: 30 % टैक्स.
यदि आप वरिष्ठ नागरिक हैं, तो पहला बैंड 3 लाख तक बढ़ जाता है और दरें थोड़ा कम रहती हैं (5 % की जगह 4 %). सुपर सीनियर्स के लिए पहले दो लाख बिना टैक्स के होते हैं। यह छोटा‑सा अंतर आपके कुल टैक्स को काफी घटा सकता है, इसलिए आयु सीमा को सही समझना फायदेमंद है।
कैसे निकालें अपना टैक्सेबल इनकम?
सिर्फ ग्रॉस सैलरी नहीं, बल्कि कई घटक टोटल में गिनते हैं:
- आधारभूत आय: आपकी वार्षिक वेतन या व्यापारिक कमाई।
- हाउस प्रॉपर्टी इनकम: किराया मिलना या घर लोन के ब्याज से बचत.
- कैपिटल गैन्स: शेयर, म्यूचुअल फंड आदि पर लाभ.
- अन्य आय: फ्रीलांस, रेंटल इत्यादि.
इन सभी को जोड़कर आप अपनी ग्रॉस इनकम बनाते हैं। फिर नीचे लिखी गई कटौतियों (डिडक्शन) और छूटें घटा कर टैक्सेबल इनकम निकलती है:
- धारा 80C: पीपीएफ, इएलएसएस, लाइफ़ इंश्योरेंस – अधिकतम 1.5 लाख तक.
- धारा 80D: हेल्थ इन्श्योरेंस – व्यक्तिगत 25 हज़ार, वरिष्ठ नागरिक 50 हज़ार.
- धारा 80E: एजुकेशन लोन पर ब्याज – पूरी राशि छूट।
- धारा 24(b): होम लोन का इंटरेस्ट – अधिकतम 2 लाख (स्व-रोज़गारियों के लिये)।
इन सभी को जोड़कर आपका टैक्सेबल इनकम घट जाता है और साथ‑साथ आपके टैक्स बिल में भी कमी आती है।
अब बात करते हैं कुछ प्रैक्टिकल बचत टिप्स की। पहला, इन्फॉर्मेटिकली प्लान करें: साल की शुरुआत में ही 80C के तहत निवेश तय कर लें – पीपीएफ या इक्विटी लिंकेज फंड दोनो अच्छे विकल्प हैं। दूसरा, हेल्थ इन्श्योरेंस नहीं छूटेगा – अगर आप अभी तक नहीं ली है तो जल्दी करवाएँ; यह केवल टैक्स घटाता ही नहीं बल्कि आकस्मिक खर्चों से भी बचाता है। तीसरा, यदि आपके पास दो या तीन घर हैं तो हाउस प्रॉपर्टी लोन के इंटरेस्ट पर अधिकतम सीमा तक दावा करें, क्योंकि इससे बड़ी रक्कम कटती है।
एक और छोटी ट्रिक – अगर आपकी आय 12 लाख से कम है, तो आप फॉर्म‑16 के बजाय इलेक्ट्रॉनिक टैक्स रिटर्न (ITR) V3 का उपयोग कर सकते हैं। यह फ़ॉर्म आसान है, जल्दी भरते‑भरेते आपको रिफंड मिल सकता है। साथ ही, अगर आपके पास कोई एचआरए/एफडी नहीं है तो आप ट्रैवल एलाउंस या डिपेंडेंट्स के लिए अतिरिक्त कटौतियों का फायदा ले सकते हैं।
अंत में याद रखें: टैक्स बचत का मूल मंत्र ‘समय पर योजना बनाना’ है। अगर आप साल की शुरुआत में ही अपने 80C, 80D और अन्य डिडक्शन को सेट कर लेते हैं तो अंत में बड़े सरप्राइज़ से बचते हैं। साथ‑साथ आय के स्रोतों को ट्रैक रखें, रसीदें संभाल कर रखें और हर साल ITR फाइल करने का टाइमलाइन याद रखें – देर होने पर जुर्माना लग सकता है।
तो अब आप जानते हैं कि 2025 की कर स्लैब क्या है, टैक्सेबल इनकम कैसे निकाली जाती है और कौन‑सी आसान बचत चालें अपनाई जा सकती हैं। अगर आपने अभी तक ये टिप्स नहीं अपनाए तो आज ही शुरू करें – आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और दायित्व भी साफ़।