विश्व कैंसर दिवस 2025 के मौके पर, यह लेख विश्व में होने वाले दस सामान्य प्रकार के कैंसर की जानकारी देता है और इनके रोकथाम के उपाय बताता है। लेख में आहार सुधार, टीकाकरण, और शुरुआती स्क्रीनिंग जैसे रोकथाम उपायों की चर्चा की गई है। यह लेख विशेषकर अफ्रीका में बढ़ती ग्रीवा और यकृत कैंसर भार पर केंद्रित है।
कैंसर के लक्षण, कारण और रोकथाम – आसान समझ
कैंसर सुनते ही कई लोगों को डर लग जाता है। लेकिन अगर सही जानकारी हो और समय पर कदम उठाए जाएँ, तो बहुत कुछ बचाया जा सकता है। यहाँ हम कैंसर के बारे में बुनियादी बातों को आसान शब्दों में समझेंगे, ताकि आप या आपका कोई जाने‑पहने इस बीमारी से लड़ सके।
कैंसर के आम लक्षण कौन‑से हैं?
कैंसर का असर शरीर के अलग‑अलग हिस्सों में अलग तरह से दिखता है, लेकिन कुछ संकेत अक्सर सामने आते हैं। अगर इनमें से किसी भी लक्षण को लगातार दो‑तीन हफ़्ते तक देखा जाए, तो डॉक्टर को दिखाना बेहतर रहेगा:
- अनजाने में वजन घटना या बढ़ना।
- किसी अंग में दर्द या सूजन, जो लगातार रहे।
- त्वचा या नाखूनों का रंग बदलना, जैसे काले या सफ़ेद धब्बे।
- किसी भी अन्दर या बाहर के ट्यूमर का बढ़ना, जिसे देख या महसूस कर सकें।
- सिर दर्द, उलझन या याददाश्त में गड़बड़ी, खासकर मस्तिष्क से जुड़े कैंसर में।
ये लक्षण हर कैंसर के लिए नहीं होते, लेकिन व्यक्तिगत रूप से देखना मददगार होता है।
कैंसर के मुख्य कारण क्या हैं?
कैंसर का कारण अक्सर कई चीज़ों का समूह होता है। कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- तंबाकू की आदत – सिगरेट, बीड़ी या चबाने वाले तंबाकू से कैंसर का जोखिम बहुत बढ़ जाता है।
- अस्वस्थ आहार – बहुत ज्यादा तेलीय, मसालेदार या प्रोसेस्ड फूड खाने से शरीर में हानिकारक पदार्थ जमा हो सकते हैं।
- शराब का अधिक सेवन – लिवर, कैंसर का जोखिम बढ़ाता है।
- वायरस और बैक्टीरिया – एचपीवी, हेपेटाइटिस बी/सी, एचबीवी आदि कैंसर का कारण बनते हैं।
- पर्यावरणीय कारक – रेडिएशन, एस्बेस्टोस, पॉल्यूशन, रसायन आदि।
- जैविक कारण – परिवार में कैंसर का इतिहास या जीन में बदलाव।
इनमें से कुछ चीजें हम बदल सकते हैं, जैसे धूम्रपान छोड़ना, शराब कम करना, संतुलित भोजन करना और नियमित व्यायाम करना।
अब बात करते हैं रोकथाम की। सबसे अच्छी रोकथाम वही है जो बीमारी शुरू होने से पहले शुरू हो। नियमित स्वास्थ्य जांच, जल्दी पहचान और लाइफ़स्टाइल बदलाव से कैंसर की संभावना घटती है।
शुरुआती रोकथाम कैसे करें?
1. स्क्रीनिंग टेस्ट हर साल करवाएँ – जैसे ब्रेस्ट कैंसर के लिए मैमोग्राफी, कोलोरेक्टल कैंसर के लिए कोलोनोस्कोपी, और पुरुषों के लिए प्रोस्टेट टेस्ट।
2. सही खानपान रखें – फल, सब्ज़ी, दाल, साबुत अनाज अधिक खाएँ और तला‑भुना कम। लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट को सीमित रखें।
3. वज़न नियंत्रित रखें – ओवरवेट या मोटापा कई कैंसर से जुड़ा है। रोज़ 30 मिनट तेज़ चलना मददगार है।
4. धूम्रपान और शराब पूरी तरह छोड़ें या बहुत घटाएँ। ये दो चीज़ें सबसे बड़े कारणों में से हैं।
5. टिकाकरण कराएँ – एचपीवी (जैसा कि सर्वाइकल कैंसर रोकता है) और हेपेटाइटिस बी (जिगर कैंसर रोकता है) के लिए वैक्सीन लेना फायदेमंद है।
6. तनाव कम करें – निरंतर तनाव शरीर की इम्यूनिटी को कंप कर देता है। योग, ध्यान या कोई पसंदीदा शौक मदद कर सकता है।
अगर आप या आपके जानने वाले में ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। शुरुआती चरण में कैंसर का इलाज अक्सर सरल और प्रभावी रहता है, जबकि देर से पता चलने पर जटिलता बढ़ जाती है। याद रखें, समय पर जांच और जीवनशैली में छोटे‑छोटे बदलाव बड़ी राहत दे सकते हैं।
कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना सबसे बड़ी राहत है। इस पेज को पढ़कर आप अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर स्वास्थ्य निर्णय ले सकते हैं। अपने आसपास के लोगों को भी इस जानकारी को शेयर करें, ताकि हम सब मिलकर कैंसर को रोकने की दिशा में कदम बढ़ा सकें।