विश्व कैंसर दिवस 2025: व्यापक दृष्टिकोण
विश्व कैंसर दिवस 2025 के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, हम एक नजर डालते हैं उन दस प्रकार के कैंसर पर जो वैश्विक स्तर पर सबसे सामान्य हैं। इनमें प्रमुख रूप से फेफड़ों, स्तन, कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, पेट, यकृत, थायरॉयड, ग्रीवा, मूत्राशय और नॉन-हॉजकिंस लिम्फोमा शामिल हैं। 2022 के आंकड़ों के आधार पर, यह लेख इन कैंसर के रोकथाम और जोखिम घटाने के तरीकों पर केंद्रित है।
फेफड़ों और स्तन कैंसर
फेफड़ों का कैंसर सिगरेट धूम्रपान से जुड़ा सबसे बड़ा खतरा है। धूम्रपान त्यागने और हानिकारक प्रदूषण से बचाव करके जोखिम को कम किया जा सकता है। स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन शुरुआती स्क्रीनिंग और मैमोग्राम टेस्ट से इसे प्रबंधित किया जा सकता है। विशिष्ट आहार सुधार जैसे ज्यादा फलों और सब्जियों का सेवन भी सहायक हो सकता है।
प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर विशेष रूप से पुरुषों को प्रभावित करता है। नियमित पीएसए टेस्ट और शुरुआती जांच मद्दगार साबित हो सकते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को उच्च फाइबर वाले आहार, नियमित व्यायाम, और अल्कोहल सेवन में कमी लाकर घटाया जा सकता है।
व्हायरल संक्रमण और कैंसर का खतरा
ग्रीवा और यकृत कैंसर का प्रसार खासकर अफ्रीकी देशों में बढ़ रहा है। यहां कई मामलों में एचपीवी (HPV) और हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमण प्रमुख कारण होते हैं। इन वायरस संक्रमणों के खिलाफ टीकाकरण विशेषकर युवतियों और महिलाओं के लिए अति आवश्यक है। सरकारें और अंतरराष्ट्रीय संस्थान इन इलाकों में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पहल जैसी योजनाओं पर जोर दे रहे हैं।
ग्लोबल कैंसर रोकथाम पहल
विभिन्न ग्लोबल कैंसर रोकथाम पहल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रही हैं। सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पहल इस दिशा में अहम कदम है, जो देखभाल की सुविधा के असमानताओं को मिटाने का प्रयास कर रही है। समय पर स्क्रीनिंग और टीकाकरण के जरिये कैंसर की रोकथाम को काफी हद तक संभव बनाया जा सकता है।
फ़रवरी 5, 2025 AT 10:59 पूर्वाह्न
ये लेख बहुत अच्छा है। मैंने पिछले साल अपने दादाजी को फेफड़ों के कैंसर से खो दिया था। धूम्रपान छोड़ना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन अगर आप एक बार शुरू कर दें तो जीवन बदल जाता है।
फ़रवरी 5, 2025 AT 16:03 अपराह्न
अरे यार, HPV टीका लगवाने वाली लड़कियां अब बहुत बुद्धिमान हो रही हैं। मैंने अपनी बहन को लगवाया था, अब उसकी दोस्तों का भी लग रहा है। अच्छी बात है।
फ़रवरी 6, 2025 AT 18:53 अपराह्न
कैंसर से डरो मत बस बीमारी का नाम लेना बंद करो
फ़रवरी 7, 2025 AT 18:58 अपराह्न
ये सब तो बहुत आम बातें हैं। असली समस्या ये है कि हमारे देश में 90% लोग अभी भी डॉक्टर के पास जाने के बजाय गुरु और आयुर्वेद की ओर भागते हैं। वैज्ञानिक जागरूकता का अभाव ही सबसे बड़ा कारण है।
फ़रवरी 9, 2025 AT 12:41 अपराह्न
बहुत बढ़िया जानकारी है यार!!! फाइबर वाला आहार और रोज 30 मिनट टहलना बहुत काम आता है मैंने खुद आजमाया है। और हाँ, अल्कोहल छोड़ दो भाई, तुम्हारा लिवर धन्यवाद करेगा 😊😊
फ़रवरी 9, 2025 AT 17:26 अपराह्न
मैं दक्षिण भारत से हूँ, यहाँ हेपेटाइटिस बी का बहुत ज्यादा फैलाव है। मेरे गाँव में एक निजी अस्पताल ने मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया था। 500+ लोगों को टीका लगा दिया। अगर सरकार इस तरह के प्रयासों को सपोर्ट करे तो बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा।
फ़रवरी 9, 2025 AT 20:37 अपराह्न
कैंसर सिर्फ शरीर की बीमारी नहीं... ये जीवन की अनिश्चितता का प्रतीक है 🌌💔
फ़रवरी 10, 2025 AT 00:23 पूर्वाह्न
मैं एक नर्स हूँ और मैंने कई सालों तक ऑन्कोलॉजी वार्ड में काम किया है। जिन लोगों ने शुरुआत में ही स्क्रीनिंग करवाई, उनकी बचाव की दर लगभग 80% थी। ये आंकड़े बहुत अहम हैं। हमें बस इतना करना है कि लोगों को डर के बजाय जागरूकता की ओर ले आएं। बच्चों को भी इस बारे में सिखाना चाहिए।
फ़रवरी 10, 2025 AT 17:59 अपराह्न
मैंने अपनी माँ को स्तन कैंसर से खो दिया। अगर वो 2 साल पहले मैमोग्राम करवाती तो अभी जीवित होती। ये लेख सिर्फ जानकारी नहीं, बचाव का एक संदेश है। जिसके पास भी बुजुर्ग हैं, उन्हें जरूर ले जाएं।