एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने अमेरिकी H-1B वीजा पर संभावित $100,000 सालाना शुल्क का जिक्र कर भारतीय छात्रों व पेशेवरों से भारत लौटने का आग्रह किया। उन्होंने 2005 में स्नातक होने के अपने अनुभव को बताते हुए 2025 के भारत के अवसरों को उजागर किया। इस कदम से भारत की टेक और स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को लाभ मिल सकता है।
H-1B वीजा – पूरी गाइड
अगर आप अमेरिकी कंपनियों में नौकरी करना चाहते हैं तो H-1B वीजा आपका सबसे बड़ा विकल्प है। यह वीजा खास तौर पर उन पेशेवरों के लिए बनाया गया है जिनके पास बैचलर डिग्री या उससे अधिक की शिक्षा होती है। यहाँ हम बिना झंझट के पूरी जानकारी देंगे—क्या चाहिए, कैसे अप्लाई करें और कब मिल सकता है वीजा।
H-1B वीजा क्या है?
H-1B एक नॉन-इमीग्रेंट वर्क वीजा है, मतलब आप अस्थायी तौर पर यू.एस. में काम कर सकते हैं। यह वीजा आमतौर पर 3 साल के लिए जारी होता है, और दो बार रिन्युअल किया जा सकता है, यानी कुल 6 साल तक रह सकते हैं। इस वीजा के लिए आपका नियोक्ता (सponsor) US में आपको जॉब ऑफर करना ज़रूरी है, क्योंकि आप सीधे सरकारी से नहीं अप्लाई कर सकते।
वीज़ा की मुख्य शर्तें हैं – आपका काम होना चाहिए ‘स्पेशियलिटी ओक्युपेशन’ में, जैसे आईटी, इंजीनियरिंग, डॉक्टर, अकादमिक, आदि। साथ ही, सरकार नौकरी की न्यूनतम वेतन (लैबोरेटरी पर्सनल) तय करती है, जिसे आपका नियोक्ता देना ही होगा।
अर्ज करने की स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया
1. जॉब ऑफर प्राप्त करें – सबसे पहले आपको अमेरिकी कंपनी से ऑफर लेटर चाहिए। कंपनी को यह भी दिखना चाहिए कि आप उस पद के लिए योग्य हैं।
2. पेटिशन फ़ाइलिंग (Form I-129) – आपका नियोक्ता इस फ़ॉर्म को USCIS को भेजता है। इसे ‘पेटिशन’ कहा जाता है। इसमें आपके学历, अनुभव और नौकरी का विवरण शामिल होता है।
3. लॉटरी ड्रॉ – हर साल H-1B के 85,000 स्लॉट तय होते हैं। अगर पेटिशन की संख्या अधिक हो, तो लॉटरी के ज़रिए चयन किया जाता है। आपका नियोक्ता इस प्रक्रिया की जानकारी देता रहेगा।
4. कनसुलर वेरिफिकेशन या स्टेटस बदलना – अगर आप भारत में हैं तो आपको अमेरिकी दूतावास में वीज़ा इंटरव्यू देना होगा। अगर आप पहले से यूएस में हैं तो फ़ॉर्म I-129 के साथ स्टेटस बदल सकते हैं।
5. डॉक्युमेंट्स तैयार रखें – पासपोर्ट, बेरोजगार प्रमाणपत्र, नौकरी का विवरण, शिक्षण प्रमाणपत्र, और पेरोल स्टेटमेंट जरूरी हैं। सबकुछ एक फोल्डर में रखकर इंटरव्यू के दिन साथ ले जाएँ।
6. वीज़ा मिलने के बाद – एक बार वीज़ा मिल जाए तो आप 10 दिन के भीतर यूएस में एंट्री कर सकते हैं। प्रवेश पर इमिग्रेशन अधिकारी को आपका I-797 (पेटिशन अप्रूवल नोटिस) दिखाना होगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये प्रक्रिया कब शुरू करें? अधिकांश कंपनियां अमेरिकी वित्तीय वर्ष (जुलाई‑सितंबर) के पहले महीने में पेटिशन फाइल करती हैं, इसलिए अपने नियोक्ता को जल्दी से जल्दी बताएँ। अगर आपका बैचलर डिग्री US मानक से अलग है, तो WES या इसी तरह की एजेंसी से एवाल्यूएशन करवाएँ।
H-1B वीजा की बड़ी सौदेबाज़ी नहीं, बस सही दस्तावेज़ और सही समय रखिए। अगर आप तकनीकी या मैनेजमेंट क्षेत्र में हैं तो इस वीज़ा से आप जल्द ही US के बड़े शहरों – सिलिकॉन वैली, न्यूयॉर्क, या सिएटल में काम कर सकते हैं। याद रखें, हर साल की लॉटरी में आपके पास जीते का मौका है, इसलिए कई कंपनियों से ऑफर ले कर बैक‑अप प्लान बनाना फायदेमंद रहेगा।
अंत में, अगर आप अभी भी उलझन में हैं तो इमिग्रेशन वकील या विश्वसनीय एजेंसी से परामर्श लें। सही गाइडलाइन के साथ आप इस वीज़ा की प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं और अपना अमेरिकी सपना साकार कर सकते हैं।