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गुरु पूर्णिमा 2025: क्या है खास और कैसे मनाएँ

गुरु पूर्णिमा भारत में गुरु‑शिष्य के बंधन को याद करने वाला बड़ा त्यौहार है। हर साल शरद ऋतु में इस दिन एस्ट्रो‑लॉजिकल पूर्णिमा के साथ मिलकर गुरु शिष्यों का आभार व्यक्त किया जाता है। 2025 में भी यही परंपरा जारी रहेगी, बस थोड़ा नया अंदाज़ जोड़कर। अगर आप इस दिन को खास बनाना चाहते हैं तो पढ़िए नीचे की आसान टिप्स।

गुरु पूर्णिमा का इतिहास और महत्व

गुरु पूर्णिमा का जिक्र प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जहाँ कहा गया है कि भगवान शिष्यों को ज्ञान देने वाले गुरु की पूजा करनी चाहिए। इसे हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म में अलग‑अलग रूप में मनाया जाता है। शारदा पूर्णिमा के साथ इस दिन का मिलन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि शरद ऋतु में मनुष्य आध्यात्मिक शुद्धि की ओर झुकता है। इस दिन व्रत, पूजा और गुरु को फूल‑पात्र अर्पित करना शुभ माना जाता है।

गुरु पूर्णिमा के आसान रीति‑रिवाज़

सबसे पहले सुबह जल्दी उठें और साफ‑सुथरा कपड़ा पहनें। घर के मुख्य द्वार पर स्नान करके प्रवेश करें और कुशलाग्र हवन करें। अगर आपके पास कोई गुरु है, तो उनसे मिलकर या फोन पर बधाई दें, उनसे शुਭकामनाएँ माँगें। पूजा के दौरान चंदन, अगरबत्ती और दीया जलाएँ, फिर गुरु को स्नान करवाएँ (सुरक्षा कारणों से यदि संभव नहीं तो सिर्फ पवित्र जल चढ़ाएँ)। उनका नाम लेकर एक छोटा मंत्र पढ़ें – ‘गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः’।

पूजा के बाद भक्तिमय भजन‑कीर्तन सुनें या गा‑गाएँ। कई लोग इस दिन अपने स्कूल/कॉलेज के गुरुओं को फूल‑पात्र या लिखित धन्यवाद पत्र भी देते हैं। अगर आप दूर रहते हैं तो ई‑कार्ड, वीडियो संदेश या ऑनलाइन दान भी अच्छा उपाय है। बच्चे को भी छोटे‑छोटे तकिए या किताबें देकर गुरु सम्मान सिखाएँ। इस तरह छोटे‑छोटे कदमों से इस त्यौहार की सच्ची भावना बनी रहती है।

भोजन में शाकाहारी व्यंजन बनाना बेहतर रहेगा – पली हुई दाल, चावल, सब्जी और फल। हर व्यक्ति को एक छोटा मीठा (जैसे हलवा या लड्डू) भी दिया जा सकता है। कुछ लोग इस दिन दान‑कार्य भी करते हैं, जैसे भूखों को भोजन देना या पेड़‑पौधे लगाना। ये सारे काम गुरु की शिक्षाओं को लागू करने का तरीका माना जाता है।

आजकल सोशल मीडिया और जूम के ज़रिये भी गुरुओं की लेक्चर सुनना आसान हो गया है। आप अपने पसंदीदा गुरुओं की लाइव स्ट्रीम देख सकते हैं, नोट्स ले सकते हैं और बाद में अपने मित्रों के साथ चर्चा कर सकते हैं। इस तरह की डिजिटल जुड़ाव से गुरु‑भक्ति बहुत सरल हो गई है।

अंत में, एक बात याद रखें – गुरु का असली अर्थ ज्ञान, मार्गदर्शन और प्रेम है। इस गुरु पूर्णिमा पर केवल रीतियों को नहीं, बल्कि अपने जीवन में उनके सन्देश को अपनाने की कोशिश करें। तब ही यह दिन आपके लिए सच्चा लाभ ले कर आएगा।

गुरु पूर्णिमा 2024: गुरुजनों को भेजें शुभकामना संदेश और मनाएं यह पावन पर्व
Jonali Das 0

गुरु पूर्णिमा 2024: गुरुजनों को भेजें शुभकामना संदेश और मनाएं यह पावन पर्व

आज 21 जुलाई 2024 को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। यह भारतीय संस्कृति और परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। हिन्दू धर्म में गुरु को सर्वोच्च स्थान दिया गया है जो हमें जीवन की सच्चाइयों का मार्ग दिखाते हैं और सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस पावन अवसर पर अपने गुरुजनों को विशेष संदेश और शुभकामनाएं भेजें।