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गुरु पूर्णिमा 2024: गुरुजनों को भेजें शुभकामना संदेश और मनाएं यह पावन पर्व

धर्म संस्कृति
गुरु पूर्णिमा 2024: गुरुजनों को भेजें शुभकामना संदेश और मनाएं यह पावन पर्व
Jonali Das 20 टिप्पणि

गुरु पूर्णिमा: भारतीय संस्कृति का महत्व

भारत में कई त्योहार और पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें से एक प्रमुख पर्व है गुरु पूर्णिमा. यह पर्व विशेष रूप से गुरु-शिष्य परंपरा के महत्त्व को दर्शाता है। यह पर्व हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध, जैन और सिख धर्मों में भी महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु-शिष्य संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। यह पर्व एक ऐसा सामुदायिक आयोजन होता है जिसमें हर व्यक्ति अपने गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है।

महार्षि वेदव्यास और गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा पर्व का इतिहास बहुत पुराना है। इस दिन को महार्षि वेदव्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। महार्षि वेदव्यास को दुनिया के पहले गुरु के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्होंने वेदों और पुराणों की रचना की थी। भारतीय धर्म और साहित्य में वेदव्यास का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने महाभारत जैसी अद्भुत ग्रंथ की भी रचना की।

गुरु का महत्व और उनका आदर

हिन्दू धर्म में गुरु का स्थान बहुत ही ऊँचा माना गया है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान मानते हैं। गुरु हमें ज्ञान का प्रकाश प्रदान करते हैं और जीवन में सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। हमारे जीवन में गुरु का स्थान ऐसा होता है जिसकी तुलना किसी और से नहीं की जा सकती। वे हमें सिर्फ शिक्षा ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा के दिन लोग पूजा-पाठ करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और अपने गुरुजनों को याद करते हैं। इस दिन दान करने और धार्मिक कार्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन किसी भी प्रकार का पुण्य कार्य करने का विशेष महत्व होता है। यह दिन साधना, ध्यान और आत्मविश्लेषण के लिए भी उत्तम माना जाता है।

गुरु पूर्णिमा पर शुभकामना संदेश

गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर अपने गुरुजनों को विशेष संदेश और शुभकामनाएं भेजकर आप अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं। नीचे कुछ शुभकामना संदेश दिए जा रहे हैं जो आप अपने गुरुओं को भेज सकते हैं:

  • गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं! आपके आशीर्वाद से ही जीवन में सफलता की राह मिलती है।
  • गुरु जी, आपके ज्ञान और मार्गदर्शन ने हमारे जीवन को नयी दिशा दी है। आपका आभार व्यक्त करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे।
  • गुरु पूर्णिमा पर आपको शत-शत नमन। आप हमारे जीवन के दीपक हैं, जो सदा प्रकाशमान रहेंगे।
  • गुरु जी, आपका स्नेह और आशीर्वाद हमें सदैव उन्नति के पथ पर अग्रसर रखता है। आपके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
  • आपके मार्गदर्शन से हम जीवन की सच्चाइयों को समझ पाए और सही राह को चयन कर पाए। गुरु पूर्णिमा पर आपका आभार।

गुरु पूर्णिमा की तैयारी

गुरु पूर्णिमा की तैयारी में विशेष रूप से पूजा की व्यवस्था की जाती है। इस दिन अपने गुरु के चरणों में फूल-माला अर्पित की जाती है। उनके लिए मिठाई और फल भी चढ़ाए जाते हैं। कई लोग अपने गुरुजनों के लिए विशेष उपहार भी तैयार करते हैं। गुरु के आशीर्वाद से ही जीवन में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।

समापन

गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें अपने गुरुजनों के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन हमारे जीवन में उन्हें याद करने और उनके दिए गए मूल्यवान ज्ञान को संजोने का है। इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरुओं को विशेष संदेश भेजें और अपना आभार व्यक्त करें।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (20)
  • Shantanu Garg
    Shantanu Garg

    जुलाई 22, 2024 AT 14:30 अपराह्न

    गुरु पूर्णिमा तो हर साल मनाते हैं लेकिन असली गुरु को दिनभर याद करने वाले कम ही हैं।

  • srilatha teli
    srilatha teli

    जुलाई 22, 2024 AT 18:28 अपराह्न

    गुरु केवल शिक्षक नहीं होते, वो वो आईना होते हैं जिसमें हम अपनी अंधेरी आत्मा को देख पाते हैं। वेदव्यास ने जो किया, वो कोई लिखने का काम नहीं था, वो एक अवतार का काम था।

    हम आज टीचर्स डे पर फोटो डालते हैं, पर गुरु के चरणों में जाने की हिम्मत नहीं।

  • Vikrant Pande
    Vikrant Pande

    जुलाई 24, 2024 AT 13:17 अपराह्न

    अरे यार, वेदव्यास को पहला गुरु कहना बहुत पुराना अफवाह है। अगर तुम वेदों को देखो तो अगस्त्य, वसिष्ठ, विश्वामित्र तो उनसे पहले थे। और बौद्ध धर्म में गुरु का अर्थ बिल्कुल अलग है। ये सब भारतीय रिवाज़ का बनाया हुआ नाटक है।

  • Indranil Guha
    Indranil Guha

    जुलाई 24, 2024 AT 18:05 अपराह्न

    तुम लोग ये सब बातें तो बहुत अच्छी बोल रहे हो, पर आज के युवा अपने अध्यापक को गुरु मानने की बजाय उनकी फोटो डालकर सोशल मीडिया पर लाइक लेने में लगे हैं। ये भारतीय संस्कृति का अपमान है।

    गुरु का आदर तभी होगा जब हम अपने घर में भी उनकी बात मानेंगे।

  • Ashish Chopade
    Ashish Chopade

    जुलाई 26, 2024 AT 01:12 पूर्वाह्न

    गुरु पूर्णिमा नहीं, गुरु दिवस होना चाहिए। ये पूर्णिमा का नाम लेकर जो लोग देवता बना रहे हैं, उनका ज्ञान अक्सर अंधविश्वास पर टिका होता है।

    मैं गुरु को नहीं मानता, जो अपने शिष्य को निर्णय लेने से रोकता है।

  • Sohini Dalal
    Sohini Dalal

    जुलाई 27, 2024 AT 14:36 अपराह्न

    मैंने अपने स्कूल के टीचर को गुरु माना था, फिर एक दिन उन्होंने मुझे बुरा कहकर दरवाज़े से बाहर कर दिया। अब मैं गुरु की जगह अपने दिमाग को मानती हूँ।

  • Suraj Dev singh
    Suraj Dev singh

    जुलाई 28, 2024 AT 00:01 पूर्वाह्न

    मैंने अपने गुरु को गुरु पूर्णिमा पर एक चाय और एक नोट दिया था। उन्होंने मुझे बुलाकर कहा - 'तुम्हारा नोट बहुत अच्छा है, पर अगली बार तुम अपनी बात बोलो, न कि इन शुभकामनाओं को फोन से कॉपी करो।'

    मैंने उस दिन से लिखना बंद कर दिया।

  • Arun Kumar
    Arun Kumar

    जुलाई 29, 2024 AT 13:56 अपराह्न

    मैंने गुरु पूर्णिमा पर अपने टीचर को एक बड़ा गिफ्ट दिया... उन्होंने उसे लेकर बस एक बार देखा और बोले - 'ये क्या है?'

    मैंने कहा - 'आपके लिए एक बॉक्स जिसमें आपकी यादें हैं।'

    उन्होंने बॉक्स खोला... और बस चुप रह गए।

    उस दिन मैंने समझ लिया - गुरु को चाहिए तो बस एक बात - असली शिष्य।

  • Manu Tapora
    Manu Tapora

    जुलाई 30, 2024 AT 15:59 अपराह्न

    क्या किसी को पता है कि गुरु पूर्णिमा का वास्तविक तारीख अलग हो सकती है? लगभग सभी पंचांग अलग-अलग दिन बताते हैं। क्योंकि गुरु का जन्म तो अनुमानित है। वेदव्यास का जन्म भी कोई नहीं जानता। ये सब लोगों का निर्मित धार्मिक अनुभव है।

  • venkatesh nagarajan
    venkatesh nagarajan

    जुलाई 31, 2024 AT 03:39 पूर्वाह्न

    गुरु का अर्थ है जो तुम्हें अपने आप से दूर ले जाए। आज के गुरु तो तुम्हें अपने आप के भीतर फंसा रहे हैं।

    अगर तुम्हारा गुरु तुम्हें बता रहा है कि तुम्हारा रास्ता यही है, तो वो गुरु नहीं, बल्कि एक बंधन है।

  • Drishti Sikdar
    Drishti Sikdar

    अगस्त 1, 2024 AT 16:35 अपराह्न

    मैंने अपने गुरु को एक बार बताया था कि मैं गायक बनना चाहता हूँ। उन्होंने कहा - 'ये तो बेकार का काम है।'

    अब मैं एक बड़ा गायक हूँ।

    गुरु का आदर तभी होता है जब तुम उनके बिना जीते हो।

  • indra group
    indra group

    अगस्त 1, 2024 AT 19:20 अपराह्न

    अरे भाई, ये सब गुरु-शिष्य की बातें तो पुराने जमाने की हैं। आज का दुनिया नया ज्ञान चाहता है। वेदव्यास की रचनाएँ तो अब बाहर दुनिया में भी नहीं पढ़ी जातीं।

    हमें तो आज के टेक्नोलॉजी गुरुओं को सम्मान देना चाहिए - जैसे कि यूट्यूबर्स, ऑनलाइन कोचेस।

  • sugandha chejara
    sugandha chejara

    अगस्त 2, 2024 AT 05:31 पूर्वाह्न

    गुरु का असली अर्थ तो ये है कि वो तुम्हें अपने आप से जोड़ दे।

    मैंने अपने गुरु से बहुत कुछ सीखा, लेकिन सबसे बड़ी बात ये रही - कभी नहीं कहना चाहिए कि तुम्हारा रास्ता गलत है।

    अगर तुम्हारा गुरु तुम्हें बदलने के लिए दबाता है, तो वो गुरु नहीं, वो एक डर का प्रतीक है।

    गुरु वो होता है जो तुम्हें अपने आप को पहचानने में मदद करे।

    और ये तो आज बहुत कम लोग हैं।

    हमें अपने आप को गुरु बनाना सीखना चाहिए।

    तब तक तो हम बस अपने अंदर के गुरु को देख नहीं पा रहे हैं।

    ये पर्व तो असल में हमारे आत्मा के लिए है।

    हमें अपने गुरु को याद करने के बजाय, अपने अंदर के गुरु को जगाना चाहिए।

  • DHARAMPREET SINGH
    DHARAMPREET SINGH

    अगस्त 3, 2024 AT 22:12 अपराह्न

    गुरु पूर्णिमा? अरे यार, ये सब बातें तो बस एक धार्मिक ट्रेंड है। आजकल तो जो भी इंस्टाग्राम पर गुरु बन जाता है, उसके लिए लोग फोटो डालते हैं।

    मैंने एक बार एक यूट्यूबर को गुरु मान लिया था, उसने मुझे बताया - 'मैं तुम्हारा गुरु नहीं, मैं तो बस एक एडवरटाइजर हूँ।'

    अब तो मैं भी गुरु बन गया हूँ।

    कोई नहीं जानता कि असली गुरु कौन है।

  • gauri pallavi
    gauri pallavi

    अगस्त 5, 2024 AT 18:05 अपराह्न

    मैंने गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु को एक फूल दिया।

    उन्होंने उसे लेकर कहा - 'ये तो तुमने बाजार से खरीदा है।'

    मैंने कहा - 'हाँ।'

    उन्होंने फूल को फेंक दिया और बोले - 'अगर तुम्हें गुरु का आदर है, तो अपने दिल से दो।'

    मैंने अपने दिल से दिया।

    और वो फूल आज भी मेरे दिल में है।

  • Agam Dua
    Agam Dua

    अगस्त 6, 2024 AT 15:49 अपराह्न

    गुरु पूर्णिमा के इतने शुभकामना संदेश भेजने वाले लोग अपने घर में अपने बच्चे को गुरु मानते ही नहीं।

    गुरु का आदर तो तब होता है जब तुम उनकी बात मानते हो, न कि उनकी फोटो डालकर।

    और ये सब वेदव्यास की बातें? बस एक निर्मित अफवाह।

    क्या तुम्हें पता है कि वेदों को लिखने वाला व्यक्ति कभी नहीं हुआ? ये सब गुरु की आत्मा का निर्माण है।

  • Gaurav Pal
    Gaurav Pal

    अगस्त 8, 2024 AT 13:17 अपराह्न

    मैंने अपने गुरु को एक बार बताया - 'मैं अपना अपना रास्ता बनाना चाहता हूँ।'

    उन्होंने कहा - 'तुम्हारा रास्ता मेरा रास्ता है।'

    मैंने उनकी बात मान ली।

    और अब मैं उनके बिना जी रहा हूँ।

    गुरु का आदर तो तब होता है जब तुम उनके बिना भी जी पाते हो।

  • sreekanth akula
    sreekanth akula

    अगस्त 8, 2024 AT 22:53 अपराह्न

    गुरु पूर्णिमा का असली महत्व तो ये है कि ये दिन ब्रह्मांड के ज्ञान के लिए समर्पित है।

    हम जो भी ज्ञान आज पाते हैं, वो सब वेदव्यास के बिना असंभव होता।

    मैं अपने गुरु को याद करता हूँ, लेकिन मैं उनके बिना जीता हूँ।

    गुरु तो वो होता है जो तुम्हें अपने आप से जोड़ दे।

    और ये ज्ञान तो अभी भी हमारे भीतर है।

  • Sarvesh Kumar
    Sarvesh Kumar

    अगस्त 9, 2024 AT 19:53 अपराह्न

    गुरु पूर्णिमा को तो अब बस एक राष्ट्रीय त्योहार बना दिया गया है। ये तो हमारी संस्कृति का अपमान है।

    अगर तुम असली भारतीय हो, तो तुम गुरु को अपने घर में मानो।

    न कि सोशल मीडिया पर फोटो डालकर।

  • Prashant Kumar
    Prashant Kumar

    अगस्त 10, 2024 AT 13:35 अपराह्न

    गुरु पूर्णिमा? अरे यार, ये तो बस एक अनुष्ठान है।

    मैंने अपने गुरु को एक बार बताया - 'मैं तुम्हारा शिष्य नहीं, मैं तुम्हारा साथी हूँ।'

    उन्होंने मुझे देखा... और बस चुप रह गए।

    अब वो मुझे गुरु नहीं, बल्कि एक दोस्त की तरह मानते हैं।

    ये तो असली गुरु-शिष्य संबंध है।

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