दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन दिन की CBI हिरासत के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। CBI ने उनकी न्यायिक हिरासत की मांग की जबकि केजरीवाल के वकील ने मेडिकल छूट की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया। कोर्ट ने केजरीवाल के वकील को जमानत याचिका दायर करने की अनुमति दी। सुनवाई में कई प्रमुख नेता मौजूद थे।
दिल्ली शराब नीति 2025: क्या बदल रहा है?
क्या आपको पता है कि दिल्ली ने हाल ही में अपनी शराब नीतियों में कई अहम बदलाव किए हैं? अगर आप इस शहर में रहते हैं, तो ये परिवर्तन आपके रोज़मर्रा के जीवन से सीधे जुड़ते हैं। यहाँ हम आसान शब्दों में बताते हैं कि कौन‑से नियम आए हैं, कब लागू होते हैं और इनका आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा.
मुख्य बदलाव: उम्र सीमा, लाइसेंस और ड्राई डेज़
सबसे पहला परिवर्तन है शराब पीने की न्यूनतम आयु। अब 21 वर्ष से नीचे के किसी को भी अल्कोहल खरीदने या सेवन करने की अनुमति नहीं होगी। यह नियम पहले के 25 साल की सीमा से थोड़ा नरम लेकिन अभी तक का सबसे कड़ा कदम माना जाता है।
दूसरा बड़ा बदलाव लाइसेंस प्रक्रिया में तेज़ी लाना है। अब नई बियर बार और छोटे रेस्टोरेंट को केवल दो हफ्तों में लाइसेंस मिल सकता है, जबकि पहले इसको मंजूरी मिलने में महीनों लगते थे। यह परिवर्तन व्यापारियों के लिए फायदेमंद है, लेकिन सरकार ने कड़े निरीक्षण की शर्त रखी है – हर माह रिपोर्ट जमा करनी होगी।
तीसरा बदलाव ड्राई डेज़ का विस्तार है। अब 1 जनवरी से 31 मार्च तक सभी सार्वजनिक स्थानों में शराब बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। यह अवधि पहले के दो हफ्ते की बजाय तीन महीने बढ़ा दी गई है, ताकि राष्ट्रीय उत्सवों और वार्षिक मीटिंग्स के दौरान शराब सेवन कम हो सके.
कैसे प्रभावित होंगे व्यापारी और ग्राहक?
व्यापारियों को नई लाइसेंस प्रक्रिया का फायदा मिलेगा, लेकिन उन्हें स्टॉक प्रबंधन में सावधानी बरतनी होगी। ड्राई डेज़ में बिक्री बंद होने से राजस्व पर असर पड़ेगा; इसलिए कई बार‑बार चलने वाले इवेंट्स को पहले ही योजना बनाकर रखना ज़रूरी है। छोटे काफे और बुटीक बार के मालिक अब अधिक प्रमाणपत्रों की जरूरत पड़ सकती है, जैसे कि सुरक्षा कैमरा स्थापित करना या कर्मचारियों को अल्कोहल सर्व करने का विशेष प्रशिक्षण देना.
ग्राहकों के लिए सबसे बड़ी बात आयु सीमा है। अगर आपके परिवार में युवा लोग हैं तो उन्हें इस नई उम्र सीमा के बारे में जल्दी बताना फायदेमंद रहेगा, ताकि अनजाने में कोई कानूनी परेशानी न हो. साथ ही, ड्राई डेज़ के दौरान घर पर शराब रखने की अनुमति है, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर सेवन नहीं किया जा सकता.
एक और बात ध्यान देने योग्य है टैक्सेशन में बदलाव। नई नीति ने अल्कोहल पर 15% अतिरिक्त एक्साइट टैक्स लगाया है, जिसका उद्देश्य कीमत बढ़ाकर युवा वर्ग को शराब से दूर रखना है. इस कारण कुछ ब्रांड की कीमतें थोड़ा ऊपर जा सकती हैं, लेकिन सरकार कहती है कि यह कदम स्वास्थ्य सुधार में मदद करेगा.
सारांश में, दिल्ली की नई शराब नीति का मुख्य लक्ष्य सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और अनियमित व्यापार पर नियंत्रण लाना है। यदि आप बार मालिक हैं या रोज़मर्रा में शराब खरीदते‑बेचते हैं, तो इन बदलावों को समझना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. किसी भी संदेह के मामले में स्थानीय निकाय की वेबसाइट से नवीनतम निर्देश देख सकते हैं या नजदीकी लाइसेंस विभाग में संपर्क कर सकते हैं.
आखिरकार, नियम चाहे कड़े लगें, लेकिन अगर हम सब मिलकर उनका पालन करें तो दिल्ली का माहौल साफ़-सुथरा और सुरक्षित बन सकता है. नई नीति के साथ चलना कठिन नहीं होगा – बस थोड़ा ध्यान देना और सही जानकारी रखना काफी है.