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देव उठनी एकादशि – व्रत का महत्व और आसान उपाय

हर साल भादरपुरु माह में देव उठनि एकादशी आती है। इस दिन भगवान विष्णु को विशेष पूजन किया जाता है और लोग रात भर जागते हैं, इसलिए इसे ‘उठनी’ कहा जाता है। अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं तो चिंता मत करें, हम आपको सरल कदम बता रहे हैं जिससे यह रिवाज आसानी से पूरा हो सके।

एकादशि व्रत के मुख्य नियम

सबसे पहले सूरज ढले तक कोई भी खाना‑पीना नहीं लेना चाहिए। हल्का फल या फलों का रस अगर ज़रूरत पड़े तो वह अनुमति है, लेकिन शाकाहारी होना बेहतर रहता है। जल को साफ़ और पवित्र रखें – सुबह जल्दी एक कप पानी पीकर नमन करें, फिर दोपहर के बाद कुछ भी न खाएँ। व्रत में मन को शांत रखना सबसे बड़ा काम है; इसलिए आध्यात्मिक गीत सुनें या भजन गाएँ।

उठनी एकादशी पर विशेष अनुष्ठान

रात के समय, जब चाँद चमके, तो घर में दीप जलाएँ और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को सजाएँ। अगर आपके पास नहीं है तो कागज़ पर उनका चित्र बना सकते हैं। फिर नारियल, मोतीमयी कुंदन और अक्षत (अमर) का भोग रखें। भोग के बाद इसे अर्घ्य दें और “ॐ नमो भगवते विष्णवे” मंत्र दोहराएँ। इस समय कथा सुनना या पढ़ना बहुत फलदायक माना जाता है; आप ‘श्री विष्णु सहस्रनाम’ या कोई प्रसिद्ध एकादशी कथा चुन सकते हैं।

पूजन के बाद, रात भर जागने की कोशिश करें। अगर सो जाना पड़े तो छोटा‑छोटा दोपहर का नींद ले लें, लेकिन फिर भी अपने मन को भक्ति में रखें। सुबह होते ही हल्का नाश्ता जैसे खीर या फल लेकर दिन शुरू कर सकते हैं। इस तरह व्रत पूरा हो जाता है और माना जाता है कि यह स्वास्थ्य व समृद्धि लाता है।

यदि आप व्यस्त जीवनशैली से जूझ रहे हैं, तो एकादशी की तैयारी को दो‑तीन दिनों पहले ही शुरू करें: घर साफ़ रखें, सभी आवश्यक वस्तुएँ इकट्ठा कर लें और परिवार के साथ मिलकर पूजा का समय तय करें। इससे तनाव कम होगा और सबको काम में आसानी होगी।

देव उठनि एकादशी सिर्फ उपवास नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि का अवसर है। इसे सही तरीके से मनाने से न केवल आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। तो इस वर्ष की एकादशी को याद रखें, सरल नियम अपनाएँ और अपने घर में खुशी के साथ भगवान का स्वागत करें।

देव उठनी एकादशी 2024: इसका महत्व, उपवास विधियाँ और पारिहार टिप्स
Jonali Das 0

देव उठनी एकादशी 2024: इसका महत्व, उपवास विधियाँ और पारिहार टिप्स

देव उठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू मान्यताओं में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो 12 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन से भगवान विष्णु अपने चार महीने के चातुर्मास निद्रा को समाप्त करते हैं। इस दिन का पालन कर भक्त आशीर्वाद और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। व्रत के प्रकार और पूजा विधियों के बारे में जानने के लिए पढ़ें।