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CTET (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) का परिचय

जब आप CTET, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा, जो भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाती है और सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए न्यूनतम मानक तय करती है की बात करते हैं, तो समझना ज़रूरी है कि यह सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि शिक्षा प्रणाली में प्रवेश का द्वार है। CTET को Teacher Eligibility Test, शिक्षक पद के लिए योग्यता निर्धारित करने वाला राष्ट्रीय स्तर का परीक्षण कहा जाता है। कई राज्य अपने State TET, राज्य स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा, जो राज्य शिक्षा नीतियों के अनुसार अलग-अलग पैटर्न रखती है भी आयोजित करते हैं, लेकिन CTET राष्ट्रीय मानक स्थापित करता है। इस पूरे इकोसिस्टम को CBSE, सेंटरल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, जो पाठ्यक्रम और परीक्षा मानक तय करता है और NCERT, नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग, जो पुस्तक सामग्री और सीखने की रूपरेखा प्रदान करता है के सहयोग से नियोजित होते हैं। ये संस्थाएँ मिलकर यह सुनिश्चित करती हैं कि शिक्षक बनने की राह स्पष्ट, मानकीकृत और सुलभ हो।

CTET की मुख्य विशेषताएँ और तैयारी के उपाय

CTET दो मुख्य कागज़ों में आयोजित होती है: Paper I, कक्षा 1‑8 के शिक्षकों के लिये, जिसमें सामान्य योग्यता, संज्ञानात्मक क्षमता और वैकल्पिक विषय शामिल हैं और Paper II, कक्षा 6‑12 के शिक्षकों के लिये, जिसमें अपने विषय की गहरी समझ पर प्रश्न होते हैंCTET का पैटर्न 150 प्रश्नों पर 180 मिनट का समय देती है, इसलिए समय प्रबंधन कुंजी है। पहला सेमांटिक ट्रिपल: "CTET परीक्षण में संज्ञानात्मक क्षमता का सेक्शन उम्मीदवारों की विश्लेषणात्मक सोच को मापता है"। दूसरा: "Paper II में वैकल्पिक विषय का चयन उम्मीदवार की विशेषज्ञता को दर्शाता है"। तीसरा: "CBSE द्वारा निर्धारित सिलेबस को समझना और NCERT की किताबों से अभ्यास करना सफलता की आधारशिला है"। तैयारी के दौरान, पिछले साल के प्रश्नपत्र और मॉक टेस्ट से रीव्यू करना चाहिए, क्योंकि इससे पैटर्न पहचान और त्रुटियों की जाँच आसान होती है। रोज़ाना कम से कम दो घंटे पढ़ाई, नोट्स बनाना, और छोटे समूह में चर्चा करना मददगार साबित होता है। साथ ही, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर टॉपिक‑वाइज़ वीडियो लेक्चर और क्विज़ को फॉलो करें, क्योंकि यह एन्कोडिंग को तेज़ करता है।

अंत में यह समझना जरूरी है कि CTET सिर्फ एक एंट्री टेस्ट नहीं, बल्कि शिक्षक बनने की योग्यता, पेशेवर नैतिकता और शिक्षण कौशल को एक साथ परखता है। इस परीक्षा की तैयारी में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान, जैसे कि नर्सरी स्कूल और बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) कॉलेज, जो विशेष कोचिंग प्रदान करते हैं का सहयोग भी फायदेमंद होता है। जब आप इन सभी संसाधनों को सही क्रम में उपयोग करेंगे, तो न केवल अंक प्राप्त करेंगे बल्कि क्लासरूम में प्रभावी शिक्षण की नींव भी रखेंगे। नीचे दिए गए लेखों में हम CTET की नवीनतम अपडेट, सफल रणनीतियाँ, और वास्तविक उम्मीदवारों की कहानियों को विस्तार से कवर कर रहे हैं—आपको अपनी तैयारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए सही दिशा‑निर्देश मिलेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने CTET को अनिवार्य किया, UPPSC LT पदों में छूट पर सुनेगा 11 सितंबर को कोर्ट
Jonali Das 1

सुप्रीम कोर्ट ने CTET को अनिवार्य किया, UPPSC LT पदों में छूट पर सुनेगा 11 सितंबर को कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2025 को CTET को अनिवार्य घोषित किया, जिससे UPPSC LT ग्रेड पदों की छूट पर 11 सितंबर को सुनवाई तय। लाखों शिक्षकों की नौकरी और प्रोन्नती पर असर।