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चौथी पुण्यतिथि क्या है? सरल शब्दों में समझिए

जब भी आप कैलेंडर देखेंगे तो ‘पुण्यतिथि’ शब्द दिखाई देगा, पर चौथे दिन का मतलब अक्सर छूट जाता है। ये वह दिन है जब भगवान या किसी तीर्थस्थल से जुड़े कुछ खास काम पूरे होते हैं और लोग इसे बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं। सरल बात में कहें तो यह एक ऐसा अवसर है जिसमें भक्त अपने मन को शुद्ध करते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाते हैं।

क्यों मनाते हैं चौथी पुण्यतिथि?

हिंदू ग्रंथों में बताया गया है कि चार दिनों के बाद किसी भी काम का फल दोगुना हो जाता है। इसलिए चौथा दिन को विशेष महत्व दिया गया। इस दिन कई बार कोई कथा, मेला या व्रत रखा जाता है जो मन को शांति देता है और सामाजिक बंधन मजबूत करता है। अगर आप घर में ही रह रहे हैं तो भी एक छोटा सा पूजा कर सकते हैं – यह आपके तनाव को कम करेगा और सकारात्मक ऊर्जा लाएगा।

कैसे करें चौथी पुण्यतिथि के रिवाज़?

सबसे पहले साफ‑सुथरा स्थान चुनें, थोड़ा हल्का प्रकाश रखें और भगवान की फोटो या मूर्ति रख दें। फिर दो कप जल में एक चुटकी नमक डालकर स्नान कराएँ; यह शुद्धिकरण का प्रतीक है। अगला कदम है ‘अर्घ्य’ – फूल, फल और मिठाई रखें, साथ ही अगर आपके पास हो तो दानेदार वस्तु जैसे चावल या मोती के बीज भी रख सकते हैं। फिर एक छोटा मंत्र पढ़ें जैसे “ॐ नमः शिवाय” या अपने मनपसंद देवता का नाम ले कर प्रार्थना करें। अंत में प्रसाद बांटें, चाहे वह मिठाई हो या फल, इससे सबको खुशी मिलती है।

अगर आप बाहर जाना चाहते हैं तो निकटतम मंदिर या पवित्र स्थल पर जाकर भी यह रिवाज़ पूरा कर सकते हैं। कई बार स्थानीय पुजारी आपको विशेष ‘हवन’ या ‘अग्नि सत्र’ में बुला लेते हैं, जहाँ आप अपने घर की समस्याओं को अग्नि के सामने रखकर समाधान मांगते हैं। इस तरह का सामुदायिक माहौल आपके मनोबल को भी बढ़ाता है।

ध्यान रखें कि चौथी पुण्यतिथि पर कोई कठोर नियम नहीं होते, बस सच्चे दिल से किया गया कार्य ही असरदार होता है। अगर आप व्यस्त हैं तो सुबह 5‑6 बजे उठकर एक छोटा सा ध्यान या प्राणायाम कर लें, फिर ऊपर बताए अनुसार पूजा करें – यह दिन को खास बनाता है और आपका शरीर भी ताजगी महसूस करेगा।

एक बात जो अक्सर अनसुनी रहती है, वह है ‘दान’ की शक्ति। इस पवित्र दिन पर जरूरतमंदों को भोजन या कपड़े देना न सिर्फ उनका मन खुश करता है बल्कि आपके कर्मों में भी उज्ज्वलता लाता है। छोटे‑छोटे दान से बड़ी संतुष्टि मिलती है और यह सामाजिक जिम्मेदारी का भी हिस्सा बन जाता है।

अंत में, यदि आप इस पवित्र दिन को यादगार बनाना चाहते हैं तो अपने अनुभवों को लिखें या फोटो लेकर सोशल मीडिया पर शेयर करें। इससे न सिर्फ आपका व्यक्तिगत जुड़ाव बढ़ेगा बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे भी इस रिवाज़ को अपनाएँ। चौथी पुण्यतिथि एक साधारण दिन नहीं, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर है – इसे खुले दिल से जिएँ और आनंद उठाइए।

सुशांत सिंह राजपूत की चौथी पुण्यतिथि: महेश शेट्टी, बहन श्वेता के भावुक पोस्ट
Jonali Das 0

सुशांत सिंह राजपूत की चौथी पुण्यतिथि: महेश शेट्टी, बहन श्वेता के भावुक पोस्ट

14 जून 2024 को सुशांत सिंह राजपूत की चौथी पुण्यतिथि थी, जिन्होंने 14 जून 2020 को आत्महत्या की थी। इस मौके पर उनके करीबी दोस्त और 'पवित्र रिश्ता' के सह-कलाकार महेश शेट्टी और उनकी बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट लिखे। इस मामले की जांच अभी भी CBI द्वारा चल रही है।