पोप फ्राँसिस के 21 अप्रैल 2025 को निधन के बाद वेटिकन ने तुरंत उत्तराधिकारी संबंधित परंपरागत प्रक्रियाएँ शुरू कर दीं। कार्डिनल केविन फैरेल की देखरेख में अंतिम संस्कार की तारीख तय हुई और पवित्र सेंट पीटर्स बेसिलिका में कई बड़े अधिकारी जुटे। जल्दी ही नए पोप का चुनाव भी शुरू होगा।
अंतिम संस्कार: आसान गाइड जो हर परिवार को चाहिए
जब किसी का चले जाना होता है तो सबको उलझन होती है – क्या करना है, कौन‑सी रिवाज़ें निभानी हैं और खर्चा कितना आएगा? इस लेख में हम बिंदु‑बिंदु बताएंगे कि अंत्यसंस्कार की प्रक्रिया कैसे चलती है, किन चीज़ों का खयाल रखें और सबसे अहम बात—इसे सरल बनाएं।
अंतिम संस्कार के मुख्य चरण
पहला कदम होता है मृत्यु प्रमाण‑पत्र लेना. अस्पताल या डॉक्टर से यह दस्तावेज़ तुरंत ले लें, नहीं तो बाद में कागज़ात में देरी हो सकती है। अगला, घर की पूजा‑पाठ या मंदिर में दफ़न के लिए अनुमति माँगें; अक्सर स्थानीय निकायों से कुछ फॉर्म भरने पड़ते हैं।
फिर आती है शारीरिक तैयारी – शरीर को धोएँ, कपड़े पहनाएँ और अगर पसंद हो तो हल्दी‑चूना व्रत करें। यह काम पारंपरिक रूप में परिवार के बड़े सदस्य या किसी अनुभवी पंडित से करवाया जाता है।
अगले दिन दफ़न का समय तय होता है. यदि cremation (धूप) चुन रहे हैं तो क़ब्रिस्तान की जगह नहीं, बल्कि श्मशान घाट पर बुकिंग कराएँ। अगर burial (दफ़न) पसंद है तो कब्रिस्तानी अधिकारियों से संपर्क करके जमीन सुरक्षित करवाएं.
संसकार की तैयारी और ध्यान रखने योग्य बातें
खर्चा अक्सर चिंता का कारण बनता है. पहले से एक बजट बनाएं: शोक सभा, परिधानों, कफ़न या बिस्तर, ट्रांसपोर्ट और दफ़न शुल्क शामिल करें। कई शहरों में सरकारी मदद भी मिलती है, इसलिए स्थानीय नगरपालिका की वेबसाइट चेक कर लेना फायदेमंद रहेगा.
समय‑सारिणी बनाते समय रिश्तेदारों को पहले से बताएं कि कब कहाँ आना है. इससे लास्ट‑मिनिट की परेशानी कम होगी और सबको एक साथ शोक व्यक्त करने का मौका मिलेगा।
भोजन की व्यवस्था भी जरूरी है—शोक सभा में अक्सर दोपहर के खाने या हलके स्नैक की बात होती है. इसे स्थानीय किचन से ऑर्डर करें या घर पर ही तैयार रखें; दोनों विकल्पों में साफ‑सफ़ाई और हाइजीन का ख्याल रखें.
कभी‑कभी कानूनी काम जैसे एस्टेट क्लेम, बैंक अकाउंट बंद करना या पेंशन ट्रांसफर को लेकर उलझन होती है. इस समय एक वकील या वित्तीय सलाहकार से मिलकर डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा कर लें, ताकि बाद में कोई अड़चन न आए.
आख़िर में सबसे बड़ी बात—शोक के साथ ही खुद का ख्याल रखें. पर्याप्त नींद, हल्का व्यायाम और भरोसेमंद लोगों से बात‑चित आपको इस कठिन घड़ी से बाहर निकलने में मदद करेगी.
उम्मीद है ये गाइड आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अगर कोई और सवाल है या किसी खास रिवाज़ के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करें – हम यथासंभव मदद करेंगे।