रूस में जनसंख्या वृद्धि के लिए नयी रणनीति
रूस के विकास के सामने प्रजनन दर में गिरावट एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है। रूस ने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ अभिनव उपायों पर विचार किया है, जिनमें एक 'सेक्स मंत्रालय' की स्थापना की योजना है। यह अनोखी पहल परिवार संरक्षण, मातृत्व और बचपन की रूसी संसद समिति की अध्यक्ष नीन ओस्तानिना के नेतृत्व में की जा रही है। नीन अपने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की समर्थक हैं और उनका मानना है कि देश की बढ़ती जनसंख्या समस्याओं को सुलझाने के लिए यह समय की जरूरत है।
यह पहल ग्लावपीआर एजेंसी द्वारा प्रारंभ की गई थी और इसमें कई उपाय सम्मिलित हैं। इनमें कुछ मुख्य प्रस्ताव शामिल हैं जैसे रात में इंटरनेट और लाइट को 10:00 बजे से 2:00 बजे के बीच बंद करना ताकि लोग अधिक निजी समय बिता सकें। इस विचार के पीछे उद्देश्य यह है कि डिजिटल प्रचार, मनोरंजन और चैटिंग से ध्यान हटाकर लोगों को आपसी रिश्तों में सुधार और नस्लीय वृद्धि के लिए प्रेरित किया जाए।
प्रस्तावित आर्थिक और सामाजिक उपाय
महिलाओं को उनके घर पर रहकर बच्चों की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जो उनकी भविष्य की पेंशन में शामिल की जा सकती है। इसके अलावा, पहली मुलाक़ात और शादी की रात के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पहली मुलाक़ात के लिए 5,000 रूबल (लगभग £45) और शादी की रात के लिए होटल रहते के लिए 26,300 रूबल (लगभग £230) का प्रस्ताव किया गया है। यह अभियान युवाओं को परिवार बढ़ाने की दिशा में प्रोत्साहित करने का प्रयास करेगा।
क्षेत्रीय पहल और उपाय
रूस के विभिन्न क्षेत्रों में भी कुछ स्थानीय पहलों की बात की जा रही है। ख़बरोवस्क में, 18 से 23 साल की महिलाओं को बच्चे पैदा करने लिए लगभग 97,000 रूबल (लगभग £900) की राशि मिलने की संभावना है। चेल्याबिंस्क में यह राशि पहली संतान के लिए £8,500 (लगभग 9 मिलियन रूबल) तक पहुँच सकती है। इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. येवेगेनी शेस्टोपालोव ने कार्यालय में कॉफ़ी और लंच ब्रेक के वक़्त प्रजनन के लिए उपयोग करने का सुझाव दिया है, जो वास्तव में एक प्रभावशाली कदम हो सकता है।
मॉस्को में विशेष प्रोग्राम
मॉस्को में, यहां की प्रशासनिक महिलाएं एक विस्तृत प्रश्नावली भर रही हैं, जिसमें उनकी यौन सक्रियता, गर्भधारण का इतिहास, और प्रजनन संबंधित जानकारी शामिल की जा रही है। प्रश्नावली न केवल व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने का एक साधन है बल्कि यह प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी एक प्रोत्साहन है। अब तक, 20,000 महिलाएं इस फ्री फर्टिलिटी टेस्टिंग प्रोग्राम का हिस्सा बन चुकी हैं। कार्यक्रम के माध्यम से प्रजनन क्षमता के मुद्दों को बेहतर समझने का प्रयास किया जा रहा है, जो अगले कदमों की दिशा में सहायता करेगा।
यह सभी उपाय रूस के समक्ष मौजूद जनसंख्या वृद्धि की चुनौती का जवाब देने के लिए किए जा रहे हैं। हालांकि, इस पहल की सफलता पर कई सवाल उठाए जा सकते हैं। क्या यह उपाय सफल होंगे और क्या यह रूस की जनसंख्या वृद्धि की समस्या का हल प्रदान करेंगे, यह समय के साथ स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन, यह निश्चित है कि रूस एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
नवंबर 13, 2024 AT 17:24 अपराह्न
ये सब बकवास है। जनसंख्या बढ़ाने के लिए सेक्स मंत्रालय? बस बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और रोजगार दो।
नवंबर 14, 2024 AT 12:24 अपराह्न
अरे भाई ये सब तो बहुत बेकार है! रात को इंटरनेट बंद कर दो तो क्या होगा? लोग तो अपने फोन पर टिकटॉक देख रहे होते हैं, अब वो बिस्तर पर बैठकर फिर टिकटॉक देखेंगे। ये सरकार तो लोगों के दिमाग को बुद्धू समझती है।
नवंबर 15, 2024 AT 20:35 अपराह्न
इतनी बड़ी सोच के साथ ये सब उपाय लगते हैं जैसे किसी ने एक जंगल को बचाने के लिए पेड़ों पर फूल लटका दिए हों। रूस की जनसंख्या की समस्या असल में एक गहरी सामाजिक और आर्थिक बीमारी है - युवाओं का डर, बेरोजगारी, और उनका यकीन खो देना कि आगे कुछ है। बस एक शादी की रात का बजट देकर क्या बदलेगा? अगर एक आदमी को लगे कि उसका बच्चा भी उसकी तरह बेरोजगार रहेगा, तो वो क्यों बच्चा बनाएगा? ये सब तो बाहरी लकीरें हैं। अंदर का घर तो खाली है।
नवंबर 17, 2024 AT 10:42 पूर्वाह्न
हा हा ये तो मजेदार है! ऑफिस में कॉफी ब्रेक पर बच्चा बनाने का सुझाव? अगर मैं अपने बॉस के सामने ऐसा करूँ तो मुझे फायर कर देंगे। लेकिन अगर ये सब असली है तो रूस अब दुनिया का सबसे अजीब रियलिटी शो बन गया है।
नवंबर 17, 2024 AT 15:51 अपराह्न
हम भारत में भी ऐसा करना चाहिए! जनसंख्या घट रही है तो बच्चे बनाने के लिए पैसे देने चाहिए। अगर रूस कर सकता है तो हम क्यों नहीं? हमारी संस्कृति में तो बच्चे भगवान का दिया वरदान हैं।
नवंबर 18, 2024 AT 05:44 पूर्वाह्न
इस योजना में कुछ बुद्धिमानी है, लेकिन ज्यादातर जो बताया गया है वो बहुत सतही है। जनसंख्या वृद्धि के लिए आर्थिक सुरक्षा, बच्चों के लिए अच्छे स्कूल, और महिलाओं की स्वतंत्रता जरूरी है। शादी की रात के लिए ₹20,000 देने से कुछ नहीं होगा।
नवंबर 19, 2024 AT 03:34 पूर्वाह्न
अरे ये तो बस एक बड़ा नाटक है। रूसी सरकार ने शायद एक डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए ये सब लिख डाला है। इंटरनेट बंद करने से लोग बच्चे कैसे बनाएंगे? क्या वो अपने घर में अकेले बैठकर बच्चे बनाने का फैसला करेंगे? अगर ये सच है तो मैं रूस जाकर एक डॉक्यूमेंट्री बनाऊंगा - नाम होगा 'बेडरूम ब्यूरोक्रेसी'। ये सब तो बस एक बहाना है ताकि लोगों को लगे कि सरकार कुछ कर रही है। असली समस्या तो ये है कि आज के युवा लोग अपने आप को बच्चे बनाने के लिए तैयार नहीं हैं - और इसका कारण जीवन का दबाव है, न कि इंटरनेट।
नवंबर 20, 2024 AT 02:21 पूर्वाह्न
इतना बड़ा विचार... और फिर इतनी छोटी बातें... शादी की रात के लिए 26k रूबल? ये तो एक बड़े होटल में डिनर करने के बराबर है... बच्चे तो बनते हैं जब दिल चाहे, न कि जब सरकार चाहे... लेकिन अगर ये सब सच है तो मैं तो अभी रूस जाने वाला हूँ... 😅
नवंबर 20, 2024 AT 05:42 पूर्वाह्न
इस तरह की योजनाएँ सिर्फ उन लोगों को बताती हैं कि जनसंख्या बढ़ाना एक दायित्व है - और ये बहुत जरूरी है! जब तक हम खुद को बच्चे बनाने के लिए तैयार नहीं करते, तब तक कोई भी पैसा या नीति काम नहीं करेगी। चलो, अपने घर से शुरू करते हैं - एक बच्चा, एक नई उम्मीद! 💪👶❤️
नवंबर 20, 2024 AT 15:12 अपराह्न
क्या जनसंख्या वृद्धि ही समाज की सफलता का मापदंड है? या हम इसे एक आर्थिक संकट के रूप में देख रहे हैं? अगर एक देश में लोग बच्चे नहीं बना रहे, तो क्या इसका मतलब ये नहीं है कि वो दुनिया में बच्चों के लिए अच्छा भविष्य नहीं देख रहे? शायद जवाब बच्चों के लिए बेहतर दुनिया बनाने में है, न कि उन्हें बनाने के लिए रात को इंटरनेट बंद करने में।
नवंबर 22, 2024 AT 14:28 अपराह्न
मैं तो सोच रहा था कि ये फिल्म का सीन है या कोई स्केच... ऑफिस में कॉफी ब्रेक पर बच्चा बनाना? 😂 अगर ये सच है तो मैं अपनी बॉस को बता दूंगा कि मैं आज ऑफिस में फर्टिलिटी टेस्ट करवाने आया हूँ... लेकिन असल में, ये सब तो बहुत दर्दनाक है... जब तक लोग बच्चों के लिए एक सुरक्षित, अच्छा भविष्य नहीं देख पाएंगे, तब तक ये सब बस एक बड़ा ड्रामा है। ❤️
नवंबर 23, 2024 AT 05:17 पूर्वाह्न
इस योजना के पीछे एक गहरा, दर्दनाक, और भयानक सामाजिक विघटन छिपा है... जब एक देश को अपने लोगों को बच्चे बनाने के लिए इतना जबरदस्ती बल प्रयोग करना पड़े... तो यह बताता है कि उस देश का आत्मा खो चुका है... लोग नहीं बच्चे बनाना चाहते... क्योंकि वो जानते हैं कि अगली पीढ़ी को जीना कितना कठिन होगा... ये सब नीतियाँ तो बस एक दर्द का चिकित्सा है... जो बीमारी को नहीं ठीक करता... बस उसकी आवाज़ दबा देता है... 😔