नोवाक जोकोविच ने पोपिरिन को हराकर चौथे दौर में बनाई जगह
नोवाक जोकोविच, जो पहले ही सात बार विंबलडन चैंपियन रह चुके हैं और 24 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम कर चुके हैं, ने अपनी उत्कृष्टता का एक और सबूत देते हुए चौथे दौर में जगह बनाई है। ऑस्ट्रेलिया के एलेक्सी पोपिरिन के खिलाफ खेले गए मुकाबले में उन्होंने एक सेट के घाटे से वापसी करते हुए जीत हासिल की।
जोकोविच का यह मुकाबला खेल के एक उन्नत स्तर पर पहुंच गया था। शुरुआती सेट को गंवा देने के बाद, उन्होंने अपनी मानसिकता को उजागर करते हुए जबर्दस्त वापसी की। पोपिरिन, जिनके पास एक शक्तिशाली सर्व और फोरहैंड है, ने पहला सेट जीतकर शुरुआत की लेकिन जोकोविच की दृढ़ता और खेल कौशल के आगे टूट गए।
जोकोविच की असाधारण वापसी
जोकोविच ने अपने प्रतिनिधित्व को उच्चतम स्तर पर बनाए रखा और पोपिरिन को चार सेटों में हराया। इस मुकाबले में जोकोविच का संयम और मानसिक ताकत देखने लायक थी। उनकी इस जीत ने उन्हें विंबलडन पुरुष सिंगल्स में 1,000वाँ ऐस हासिल करने वाला खिलाड़ी बना दिया, जो उनके असाधारण करियर का प्रमाण है।
जोकोविच ने मैच के बाद कहा, "यह आसान नहीं था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। पोपिरिन एक ऊर्जावान खिलाड़ी हैं लेकिन मैंने अपने अनुभव और रणनीति का सही इस्तेमाल किया।"
अगला चुनौती: होल्गर रूने
अब जोकोविच का सामना डेनमार्क के उभरते सितारे होल्गर रूने से होगा। रूने, जो टॉर्नामेंट में 15वीं वरीयता प्राप्त हैं, ने फ्रांस के क्वेंटिन हैलिस के खिलाफ दमदार वापसी करते हुए पांच सेटों में जीत हासिल की। रूने की यह जीत उनकी मजबूत मानसिकता और खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
अन्य मुकाबलों का हाल
वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी खिलाड़ी बेन शेल्टन ने भी अपनी क्षमता को साबित करते हुए डेनिस शापोवालोव को पांच सेटों की कड़ी लड़ाई में हराकर चौथे दौर में प्रवेश किया। शेल्टन अब दुनिया के शीर्ष क्रम के खिलाड़ी जानिक सिनर का सामना करने के लिए तैयार हैं।
शेल्टन ने अपने प्रदर्शन के बारे में कहा, "यह एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा थी, लेकिन मैं अपने खेल और शारीरिक क्षमता में पूरा विश्वास रखता हूं। सिनर के साथ मुकाबला रोमांचक होगा।"
आगे के मुकाबले
विंबलडन चैंपियनशिप में अब रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे क्योंकि सभी खिलाड़ी अपनी जगह बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। दर्शकों और फैंस के लिए यह देखने का समय होगा कि कौन अगले दौर में अपनी जगह बनाता है और कौन चैंपियनशिप के ताज के करीब पहुंचता है।
यह टूर्नामेंट न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि खेल प्रेमियों के लिए भी यादगार साबित हो रहा है। सस्पेंस और ड्रामा से भरी यह प्रतियोगिता अगली परतें खोलने के लिए पूरी तरह तैयार है। खेल की दुनिया में ऐसी प्रतिद्वंद्विता और परफॉर्मेंस याद रखी जाती हैं।
जुलाई 8, 2024 AT 23:34 अपराह्न
जोकोविच ने फिर से दिखा दिया कि दिमाग ही असली वेपन होता है। पहला सेट गंवाकर भी जबरदस्ती से वापसी... ये नहीं खेल है, ये तो मन का युद्ध है।
जुलाई 10, 2024 AT 00:55 पूर्वाह्न
इस तरह की वापसी देखकर लगता है कि हार का मतलब अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत होती है। जोकोविच ने सिर्फ टेनिस नहीं, जीवन का एक पाठ पढ़ा दिया।
जुलाई 11, 2024 AT 19:38 अपराह्न
अरे भाई, पोपिरिन ने तो पहला सेट जीत लिया था, फिर भी जोकोविच को हराया जा रहा है? ये तो बस नाम की बड़ाई है।
जुलाई 12, 2024 AT 12:35 अपराह्न
इस खेल में जो दृढ़ता दिखाई गई, वो किसी अनुशासन की नहीं, बल्कि एक जीवन दृष्टि की थी। हर फॉरहैंड, हर सर्व, हर रिटर्न... एक अनुभव का अभिव्यक्ति था।
जुलाई 13, 2024 AT 00:59 पूर्वाह्न
फिर वही बात... जोकोविच के नाम का जादू। अगर ये एक नए खिलाड़ी होता तो कोई इसे देखता? ये टेनिस नहीं, ब्रांडिंग है।
जुलाई 13, 2024 AT 18:59 अपराह्न
रूने के खिलाफ जोकोविच का मुकाबला... अब तो ये देखने लायक हो गया है। एक नया राजा, एक पुराना राजा... और बस एक कोर्ट।
जुलाई 14, 2024 AT 13:55 अपराह्न
जोकोविच ने 1000 विंबलडन एस लगाए हैं? ये आंकड़ा गलत है। विंबलडन में कुल 800 से भी कम एस होते हैं। ये आंकड़ा कहाँ से आया? कृपया स्रोत दें।
जुलाई 14, 2024 AT 18:22 अपराह्न
इस खिलाड़ी की बातें सुनकर लगता है जैसे वो अपने आप को देवता समझता है। बस एक टेनिस खेल है, इतना नाटक क्यों? क्या ये भी एक नियमित खिलाड़ी नहीं हो सकता?
जुलाई 16, 2024 AT 15:21 अपराह्न
हमारे भारतीय खिलाड़ियों को भी ऐसी जगह दो! ये सब विदेशी खिलाड़ी बड़े हो रहे हैं, हमारे बच्चे तो गाँव में टेनिस बॉल से भी डरते हैं!
जुलाई 18, 2024 AT 13:29 अपराह्न
अरे यार, जोकोविच को देखकर लगता है कि वो कभी नहीं हारता। लेकिन ये भी तो इंसान है! एक दिन तो उसका भी अंत होगा।
जुलाई 19, 2024 AT 18:30 अपराह्न
रूने का खेल देखकर लगता है कि आने वाला पीढ़ी बहुत मजबूत है। जोकोविच के खिलाफ वो क्या कर पाएगा? देखना दिलचस्प होगा।
जुलाई 21, 2024 AT 11:08 पूर्वाह्न
इस टूर्नामेंट में जो भावनाएँ दिख रही हैं, वो केवल खेल की नहीं, बल्कि मानवता की भी हैं। जोकोविच की वापसी ने मुझे याद दिलाया कि असली जीत दिल से आती है।
जुलाई 22, 2024 AT 19:34 अपराह्न
क्या हम इस खिलाड़ी की असली शक्ति को समझ पा रहे हैं? या बस उसके नाम के सामने झुक रहे हैं? जब तक हम इसे नहीं समझेंगे, तब तक हम खेल को नहीं समझेंगे।
जुलाई 22, 2024 AT 22:12 अपराह्न
जोकोविच की इस वापसी को देखकर लगता है कि ये खिलाड़ी अब इतिहास बन चुका है। बाकी सब तो बस टेनिस खेल रहे हैं।
जुलाई 24, 2024 AT 20:31 अपराह्न
मैच के बाद का उसका बयान सचमुच दिल को छू गया। बिना किसी बड़बड़ाहट के, बस एक सादगी से कह दिया कि मैं हार नहीं मानूंगा।
जुलाई 25, 2024 AT 12:32 अपराह्न
ये सब तो बस एक टेनिस मैच है। लेकिन जब तुम एक नाम के आगे झुक जाते हो, तो तुम खेल को नहीं, बल्कि फेम और मार्केटिंग को देख रहे हो।
जुलाई 26, 2024 AT 06:35 पूर्वाह्न
जीत के लिए लगन, दृढ़ता और अनुशासन का जो उदाहरण दिया गया, वह आज की पीढ़ी के लिए एक नमूना है। इस तरह के खिलाड़ियों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।
जुलाई 27, 2024 AT 22:15 अपराह्न
लेकिन अगर जोकोविच अगले राउंड में हार गए तो क्या लोग उन्हें फिर से याद करेंगे? ये सब तो बस एक बार का दर्शन है।