MPSC पेपर लीक: 40 लाख की ठगी और पुणे से गिरफ्तारियां
महाराष्ट्र में प्रतियोगी परीक्षाओं के माहौल में अचानक उथल-पुथल मच गई, जब MPSC पेपर लीक का नया मामला सामने आया। पुणे सिटी पुलिस ने चार ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया, जो महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग यानी MPSC के ग्रुप बी प्री-एग्जाम का पेपर बेचने की फिराक में थे। आरोपियों की मांग थी कि इच्छुक कैंडिडेट्स 40 लाख रुपये चुकाएं। इसके लिए वे न केवल फोन कॉल्स बल्कि व्हाट्सएप के जरिए भी संपर्क कर रहे थे। उन्होंने नागपुर में 'रोहन कंसल्टेंसी' के नाम से खुद को पेश किया और भरोसा दिलाया कि पेपर लीक होने से पहले उनके पास पहुंच जाएगा।
इस गिरोह की असलियत तब सामने आई, जब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें एक महिला उम्मीदवार से 40 लाख रुपये देने और ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स जमा करने की बात कर रही थी। ऑडियो में दोनों पक्षों की बातचीत ने सैकड़ों अभ्यर्थियों के बीच हड़कंप मचा दिया। युवक-युवतियां इस डर से परेशान हो गए कि कहीं परीक्षा का नजरिया ही बदल न जाए। इसी घबराहट का फायदा उठाकर ठग अपने शिकार ढूंढ़ते रहे।
पर्चा लीक की पुष्टि नहीं, पुलिस की गहन पूछताछ
MPSC ने तुरंत सफाई दी कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है और परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी। इसके बावजूद पुलिस ने जांच तेज कर दी। अब तक दो मुख्य आरोपी सामने आए: योगेश सुरेंद्र वाघमारे (27), जो भंडारा के रहने वाले हैं, और दीपक यशवंत सकरे (27) जो मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से हैं। दोनों ऐसी भाषा में बात कर रहे थे जैसे वे परीक्षा के अंदरूनी तंत्र से जुड़े हैं। इन लोगों ने 2 फरवरी की परीक्षा से पहले पेपर उपलब्ध करवाने का झांसा दिया था। पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क में और भी लोग जुड़े हैं—खासकर एक महिला अधिकारी के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है, जिसकी नजरें घाट पार, यानि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कनेक्शन तलाशने में हैं।
पुलिस ने गिरफ्तारियों के साथ आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। व्हाट्सएप ग्रुप्स, फोन लॉग्स, फर्जी डॉक्युमेंट्स, और लीक क्लिप को खंगाला जा रहा है। जिन उम्मीदवारों से संपर्क किया गया, उनकी भी पड़ताल हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि गिरोह राज्य की सीमाओं को पार कर काम कर रहा था और एक संगठित तरीके से ठगी को अंजाम दिया जा रहा था।
इस घटना ने साफ कर दिया है कि पेपर लीक की अफवाहों से अभ्यर्थियों की भावनाओं के साथ किस तरह खेला जा रहा है। परीक्षार्थियों में गहरा असंतोष और डर है। अब उनकी मांग है कि व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाया जाए, जालसाजों पर कड़ी नकेल कसी जाए, और इस तरह की घटनाओं से उनकी मेहनत और भविष्य सुरक्षित रहे।