जून 2025 के चुनाव के बाद KOSPI में देखने को मिली नई ऊर्जा
दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार KOSPI ने जून 2025 के चुनाव नतीजों के बाद एक जोरदार छलांग लगाई। इससे पहले बाजार लगातार सुस्त चल रहा था, लेकिन चुनाव के बाद निवेशकों में एक नई उम्मीद पैदा हुई। चुनावी माहौल का असर साफ तौर पर KOSPI पर दिखा, जहां पिछले कुछ सालों से बाजार को स्थिरता की जरूरत महसूस हो रही थी।
इन चुनावों में सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर लोगों की राय पहले से ही बनी हुई थी। जब नतीजे आए, तो बाजार ने इसे सकारात्मक रूप में लिया। KOSPI ने न सिर्फ तेजी के साथ शुरुआत की, बल्कि विदेशी निवेशक भी वापस लौटे। इससे शेयरों की मांग बढ़ी और बाजार में तेजी का सिलसिला शुरू हो गया।
नीतिगत बदलावों का असर और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी
नव-निर्वाचित सरकार ने आते ही कई ऐसे फैसले लिए, जो सीधे बाजार से जुड़े थे। इनमें कर नीति में बदलाव, विदेशी निवेश को सुगम बनाना और तकनीक क्षेत्र के लिए नए प्रोत्साहन शामिल थे। इससे यह साफ हो गया कि सरकार बाजार समर्थक रुख अपनाने जा रही है।
विदेशी निवेशकों ने भी सरकार के फैसलों पर भरोसा जताया। देखा गया कि अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े फंड्स फिर से दक्षिण कोरियाई मार्केट की ओर लौटने लगे। KOSPI की तेजी की वजह केवल घरेलू निवेशक नहीं, बल्कि विदेशी निवेशकों की बड़ी खरीद भी रही।
- सरकारी सेक्टर में टेक और ग्रीन एनर्जी को तवज्जो मिली।
- फंड मैनेजर्स ने वित्तीय सेक्टर में अधिक निवेश शुरू किया।
- छोटे निवेशकों ने भी मिड-कैप और लार्ज-कैप शेयर खरीदे।
इन नीतियों के चलते भविष्य में KOSPI और मजबूत हो सकता है। निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार की KOSPI को लेकर सकारात्मक नीति जारी रहेगी और बाजार में स्थिरता बनी रहेगी। अब सभी की निगाहें सरकार की अगली तात्कालिक घोषणाओं पर हैं, जिससे बाजार की चाल अगले कुछ हफ्तों में और स्पष्ट हो जाएगी।