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कर्नाटक सरकार ने अभिनेता दर्शन के जमानत आदेश का स्वागत किया, डी के शिवकुमार ने कहा

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कर्नाटक सरकार ने अभिनेता दर्शन के जमानत आदेश का स्वागत किया, डी के शिवकुमार ने कहा
Jonali Das 18 टिप्पणि

कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय और सरकारी प्रतिक्रिया

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने स्पष्ट रूप से उच्च न्यायालय द्वारा अभिनेता दर्शन थूहूदेपा को दी गई जमानत का समर्थन किया है। उन्होंने इस निर्णय के प्रति सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। यह एक महत्वपूर्ण प्रकरण है जिसमें दर्शन पर गंभीर आरोप लगे थे, जिनमें उनके खिलाफ हत्या का मामला भी शामिल है। यह मामला पिछले कुछ समय से कर्नाटक में चर्चा का विषय बना हुआ था।

कानूनी एवं चिकित्सा दृष्टिकोण से मामले की विवेचना

दर्शन को दी गई छह सप्ताह की अंतरिम जमानत चिकित्सा आधार पर थी, ताकि वह अपनी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी करवा सकें। यह निर्णय उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे अक्सर अदालती फैसलों को प्रभावित करते हैं और इस मामले में भी यही हुआ है। अदालत ने उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, उन्हें जमानत दी, जिसने बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठाया कि क्या यह न्यायिक प्रणाली का दुरुपयोग है या न्याय का एक सभ्य उदाहरण।

मामले की गहन स्थिति और अन्य सह-आरोपी

दर्शन को जून 11 को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वे बल्लारी जेल में हैं। उनके दोस्त पवित्रा गोवड़ा और 15 अन्य लोग भी इस मामले में सह-आरोपी हैं। पवित्रा को बेंगलुरु जेल में रखा गया है और बाकी विभिन्न जेलों में। इस मामले की जटिलता से यही साबित होता है कि केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कई लोग इसमें शामिल हैं। काफी कुछ सह-अभियुक्तों को हाल ही में जमानत मिल चुकी है।

शासन का समर्थन और न्यायिक निर्णय का आदर

डी के शिवकुमार ने कहा कि सरकार अदालत के फैसले का अनादर नहीं करेगी और न्यायिक निर्णयों का सम्मान करना उनका कर्तव्य है। यह एक उल्लेखनीय वक्तव्य है जो यह दर्शाता है कि राज्य सरकार कानून और न्यायपालिका की स्वतंत्रता का यथोचित सम्मान करती है। इस मामले पर वे लगातार नजर बनाए हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कानून का राज बना रहे।

दर्शन के खिलाफ चल रही अदालती कार्यवाही का उनके करियर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनके प्रशंसक और समर्थक उनके लिए चिंता में हैं और उनके जल्दी ठीक होने की कामना कर रहे हैं। न्यायपालिका ने जिस तरह से इस मामले को निपटाया है, उससे कानून के सम्मुख सभी के लिए समानता के महत्व को पुनर्स्थापित किया है।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (18)
  • Prince Nuel
    Prince Nuel

    नवंबर 1, 2024 AT 00:07 पूर्वाह्न

    ये सब न्याय का नाम लेकर बस धोखा है। अगर ये अभिनेता होता तो जेल में रख दिया जाता, अब जमानत मिल गई क्योंकि उसकी रीढ़ खराब है? बस एक झूठी बहाना।

  • Sunayana Pattnaik
    Sunayana Pattnaik

    नवंबर 2, 2024 AT 19:11 अपराह्न

    अरे भाई, ये तो बस एक फेमस अभिनेता है जिसके पास पैसा है और लोग उसके लिए भावुक हो गए। अगर एक आम आदमी होता तो अब तक जेल में जमा हो चुका होता। न्याय? नहीं भाई, ये तो बस बर्ताव है।

  • akarsh chauhan
    akarsh chauhan

    नवंबर 3, 2024 AT 02:23 पूर्वाह्न

    इस निर्णय को सराहना चाहिए। जब कोई व्यक्ति बीमार हो, तो उसका स्वास्थ्य पहले आता है। ये न्याय का असली अर्थ है - इंसानियत का सम्मान। दर्शन को जल्दी ठीक होने की दुआएँ।

  • soumendu roy
    soumendu roy

    नवंबर 4, 2024 AT 18:33 अपराह्न

    न्यायपालिका की स्वतंत्रता का आदर तो होना चाहिए, लेकिन यहाँ न्याय का अर्थ बदल गया है। एक अभिनेता को जमानत देना, जबकि उस पर हत्या का आरोप है - ये न्याय नहीं, वर्चस्व का खेल है।

  • Kiran Ali
    Kiran Ali

    नवंबर 5, 2024 AT 04:37 पूर्वाह्न

    इस देश में अगर तुम्हारे पास कैमरा है तो तुम अपराधी नहीं, तुम बॉस हो। इस तरह के फैसले से ये देश और भी बदतर हो रहा है।

  • Kanisha Washington
    Kanisha Washington

    नवंबर 6, 2024 AT 13:35 अपराह्न

    न्याय तभी सच्चा होता है, जब वह सभी के लिए समान हो। यदि एक अमीर व्यक्ति को अपनी बीमारी के कारण जमानत मिल जाती है, तो क्या गरीब व्यक्ति को भी उसी बहाने से जमानत मिलनी चाहिए? न्याय का अर्थ यही है।

  • Rajat jain
    Rajat jain

    नवंबर 7, 2024 AT 23:23 अपराह्न

    मुझे लगता है ये फैसला सही है। इंसान का शरीर पहले। बाकी सब बाद में।

  • Gaurav Garg
    Gaurav Garg

    नवंबर 8, 2024 AT 08:33 पूर्वाह्न

    अरे भाई, ये तो बस एक अभिनेता है। अगर ये एक राजनेता होता तो लोग क्या कहते? अब ये सब न्याय का नाम लेकर बस फिल्मी नाटक चल रहा है। 😅

  • Ruhi Rastogi
    Ruhi Rastogi

    नवंबर 8, 2024 AT 10:19 पूर्वाह्न

    जमानत दे दी तो भाग जाएगा ये

  • Suman Arif
    Suman Arif

    नवंबर 8, 2024 AT 11:48 पूर्वाह्न

    क्या तुम्हें लगता है कि ये फैसला सिर्फ उसके स्वास्थ्य के लिए है? नहीं भाई, ये तो उसके पैसे और फेमस होने का नतीजा है। ये देश बच्चों के लिए नहीं, बस अमीरों के लिए है।

  • Amanpreet Singh
    Amanpreet Singh

    नवंबर 9, 2024 AT 19:59 अपराह्न

    दर्शन भैया जल्दी ठीक हो जाएं यार ❤️ इंसान का शरीर पहले आता है, बाकी सब बाद में। अगर ये फैसला नहीं होता तो क्या होता? उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती। ये न्याय है भाई, नहीं तो क्या है? 🙏

  • Kunal Agarwal
    Kunal Agarwal

    नवंबर 11, 2024 AT 05:50 पूर्वाह्न

    हमारे देश में अक्सर ये होता है कि जब कोई फेमस होता है, तो उसके लिए नियम अलग हो जाते हैं। लेकिन इस बार न्यायपालिका ने इंसानियत को प्राथमिकता दी। ये बहुत अच्छी बात है। उम्मीद है कि ये फैसला दूसरों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

  • Abhishek Ambat
    Abhishek Ambat

    नवंबर 13, 2024 AT 02:31 पूर्वाह्न

    जमानत देना तो अच्छा है, लेकिन अगर ये अपराधी है तो उसे जेल में रखना चाहिए। ये सब बहाने हैं। 🤷‍♂️

  • Meenakshi Bharat
    Meenakshi Bharat

    नवंबर 14, 2024 AT 10:52 पूर्वाह्न

    मुझे लगता है कि न्याय का मतलब यही है कि जब कोई व्यक्ति बीमार हो, तो उसका स्वास्थ्य पहले आए, और फिर उसके अपराध की जांच की जाए। यह एक न्यायिक और मानवीय दृष्टिकोण है, जिसका हमें सम्मान करना चाहिए।

  • Sarith Koottalakkal
    Sarith Koottalakkal

    नवंबर 15, 2024 AT 19:57 अपराह्न

    ये सब बकवास है। अगर तुमने किसी को मार डाला तो तुम्हें जेल जाना चाहिए, चाहे तुम्हारी रीढ़ खराब हो या न हो। ये न्याय नहीं, अंधविश्वास है।

  • Sai Sujith Poosarla
    Sai Sujith Poosarla

    नवंबर 16, 2024 AT 15:48 अपराह्न

    हमारे देश में अभिनेता और राजनेता को छूट दे दो, और आम आदमी को जेल में डाल दो। ये तो देश का अंत हो रहा है।

  • Sri Vrushank
    Sri Vrushank

    नवंबर 17, 2024 AT 05:10 पूर्वाह्न

    इस फैसले के पीछे कोई बड़ी साजिश है। ये न्याय नहीं, एक तरह का राजनीतिक खेल है। अगले हफ्ते तक ये दर्शन भाग जाएगा। ये सब तैयारी से हुआ है।

  • Praveen S
    Praveen S

    नवंबर 18, 2024 AT 14:11 अपराह्न

    न्याय तभी सच्चा होता है जब वह बीमारी, गरीबी, या शक्ति के आधार पर नहीं, बल्कि इंसान के अधिकारों के आधार पर हो। ये फैसला उसी दिशा में है। अगर एक व्यक्ति को जीवन बचाने के लिए जमानत चाहिए, तो उसे देना चाहिए। ये न्याय का अर्थ है।

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