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IRS के डेटा साझाकरण से F‑1 और H‑1B वीज़ा धारकों को deportation खतरा

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IRS के डेटा साझाकरण से F‑1 और H‑1B वीज़ा धारकों को deportation खतरा
Jonali Das 15 टिप्पणि

जब डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 मार्च 2025 को "सूचना सिलो" हटाने का कार्यकारी आदेश जारी किया, तब ही Internal Revenue Service (IRS) ने अपना टैक्स डेटा Immigration and Customs Enforcement (ICE) व United States Citizenship and Immigration Services (USCIS) के साथ साझा करना शुरू किया। यह नया "Extreme Vetting" प्रोटोकॉल उन विदेशी छात्रों (F‑1) और काम करने वाले पेशेवरों (H‑1B) को अनपेक्षित निर्वासन जोखिम में डाल रहा है, जिन्होंने अपने साइड इन्कम को टैक्स में रिपोर्ट किया था।

नया नीति और उसके उद्देश्य

नियम का मूल उद्देश्य ‘अधिकार‑हीन कार्य’ को पहचानना था, लेकिन अब टैक्स रिटर्न वही सबूत बन गया है जिससे इमिग्रेशन अधिकारी वीज़ा उल्लंघनों को सिद्ध कर रहे हैं। नीति के तहत डेटा साझाकरण ने उन आय स्रोतों को लक्षित किया है जो सीधे रोजगार अनुमति से बाहर हैं – जैसे Uber ड्राइविंग, फ्रीलांस प्रोजेक्ट, Etsy पर हस्तशिल्प बिक्री या स्वतंत्र परामर्श। बुनियादी ब्याज, डिविडेंड या स्टॉक ट्रेडिंग जैसी निष्क्रिय आय अभी भी अनुमति‑जोगी मानी जाती है।

क्या बदला? टैक्स रिटर्न से इमिग्रेशन जांच

पहले इमिग्रेशन जांच मुख्यतः पासपोर्ट स्कैन और वीज़ा स्टेटस पर आधारित होती थी। अब जाथ शाओ, जो एक प्रमुख इमिग्रेशन वकील हैं, ने बताया कि "IRS ने वास्तव में ICE को डेटा साझा किया है, और हम देख रहे हैं कि लोग उन कामों के लिए आरोपित हो रहे हैं जो उन्होंने टैक्स में रिपोर्ट किए थे"। उन्होंने यह भी कहा कि H‑1B धारकों को अक्सर एम्बसी या पोर्ट‑ऑफ‑एंट्री पर रोक का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनका काम प्रायोजक कंपनी‑विशिष्ट होता है, और किसी भी अतिरिक्त काम को आधिकारिक तौर पर "अधिकार‑हीन" माना जाता है।

प्रभावित समूह और वास्तविक केस

यह नीति विशेष रूप से दो समूहों को निशाना बनाती है:

  • F‑1 छात्र जिनने पढ़ाई के साथ-साथ कैंपस के बाहर काम किया (जैसे फास्ट‑फ़ूड या रिटेल) और आय पर टैक्स दिया।
  • H‑1B प्रोफेशनल जो अपने प्राथमिक नियोक्ता के अलावा गिग‑इकोनॉमी कार्य जैसे कोडिंग फ्रीलांस या Uber ड्राइविंग करते थे।

एक उदाहरण में एक भारतीय छात्र ने 2022 में स्थानीय रेस्टोरेंट में पार्ट‑टाइम काम किया, उसका W‑2 फॉर्म IRS में दाखिल हुआ, और 2025 में जब वह H‑1B वीज़ा के लिए कंसुलेट अपॉइंटमेंट पर गया, तो नौकरी बोर्ड ने उस पुरानी आय को “अधिकार‑हीन” बताया और वीज़ा को रद्द कर दिया। इसी तरह कई मामलों में मामूली ट्रैफ़िक टिकेट या DUI के बाद बैकग्राउंड चेक हुआ, जिससे पिछले टैक्स रिटर्न खुले और दीर्घकालिक इमिग्रेशन समस्याएँ सामने आईं।

कानूनी चुनौतियां और विशेषज्ञ राय

नया डेटा साझाकरण कई कानूनी सवाल खड़े करता है। मेलानी क्राउज़, जो उस समय की IRS की कमिश्नर थीं, ने अप्रैल 2024 में इस्तीफ़ा दिया, यह कहते हुए कि यह कदम "गोपनीयता अधिनियम 1974" का उल्लंघन करता है। अब तक पाँच से अधिक कक्षाएँ दायर हो चुकी हैं, जहाँ याचिकाकर्ता दावा करते हैं कि टैक्स डेटा का उपयोग इमिग्रेशन उद्देश्यों के लिए नहीं होना चाहिए।

हवर्ड विश्वविद्यालय के इमीग्रेशन प्रोफेसर डॉ. एलेक्स बर्नस्टीन ने कहा, "टैक्स फ़ाइलिंग को एक नागरिक कर्तव्य से एक संभावित अपराध प्रमाण में बदलना एक बुनियादी नीति‑परिवर्तन है, जो न केवल विदेशी नागरिकों को डराता है बल्कि सभी अमेरिकियों के निजी डेटा के सम्मान को खतरे में डालता है"। वहीँ एटर्नाल्‍डो एल्‍वारेज़ (गवर्नमेंट इफिशिएंसी विभाग के मुख्य वकील) ने चेतावनी दी कि "डिजिटल वॉचटॉवर" सभी एजेंसियों के बीच डेटा को बिना स्पष्ट सहमति के मिलाता है, जिससे नागरिक अधिकारों की नींव ही कमजोर हो जाती है।

आगे क्या संभावनाएँ?

आगे क्या संभावनाएँ?

यदि अदालतें इस डेटा साझाकरण को असंवैधानिक मानती हैं, तो नीति में अचानक उलट-फेर हो सकता है। लेकिन इस बीच, कई इमीग्रेंट समुदाय टैक्स फाइलिंग से बचने की दिशा में सोच रहे हैं—जो स्वास्थ्य बीमा, छात्रवृत्ति या छोटे व्यवसायों के लिए गंभीर प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले साल के मध्य तक एक प्रमुख सुप्रीम कोर्ट केस सुनवाई में आएगा, जिसके परिणाम से पूरे “Extreme Vetting” एरा के भविष्य तय हो सकते हैं।

मुख्य तथ्य

  • डेटा साझाकरण का आदेश 20 मार्च 2025 को डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दिया गया।
  • IRS की कमिश्नर मेलानी क्राउज़ ने अप्रैल 2025 में इस्तीफ़ा दिया।
  • पहले पाँच साल में 1,200 से अधिक F‑1 और H‑1B वीज़ा धारकों को टैक्स रिटर्न के आधार पर जांच का सामना करना पड़ा।
  • अधिकार‑हीन कार्यों में Uber, फ्रीलांस कॉडिंग, Etsy बिक्री, और कॉलेज कैंपस‑बाहर पार्ट‑टाइम शामिल हैं।
  • अब तक पाँच मुख्य मुकदमों में से चार ने गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन का दावा किया है।

Frequently Asked Questions

F‑1 वीज़ा धारकों को डेटा साझाकरण से कैसे प्रभावित किया जाता है?

उनके टैक्स रिटर्न में दर्ज किसी भी अतिरिक्त आय को अब ICE जांच का आधार माना जाता है। यदि वह आय वीज़ा नियमों के बाहर है, तो इमिग्रेशन अधिकारी अधिकार‑हीन कार्य के रूप में केस बनाते हैं, जिससे वीज़ा रद्द या प्रवेश पर रोक लग सकती है।

H‑1B वीज़ा धारकों को कौन-सी सबसे बड़ी जोखिम है?

H‑1B वीज़ा केवल अपने प्रायोजक नियोक्ता के लिए वैध है। यदि टैक्स रिटर्न में दिखती कोई फ्रीलांस या गिग‑इकोनॉमी आय मिलती है, तो इसे अधिकार‑हीन माना जाता है, जिससे वीज़ा नवीनीकरण में बाधा, कंसुलेट में अस्वीकृति या तुरन्त हटाए जाने का जोखिम बनता है।

क्या यह नीति अमेरिकी नागरिकों को भी प्रभावित करती है?

गोपनीयता अधिकार विशेषज्ञों का मानना है कि डेटा साझाकरण सभी वर्गों के टैक्सपेयरों पर लागू होता है। यदि सरकारी एजेंसियाँ बिना स्पष्ट सहमति के व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी का उपयोग करती हैं, तो यह सभी अमेरिकियों के निजता अधिकारों को कमजोर कर सकता है।

वर्तमान कानूनी चुनौतियों का क्या नतीजा हो सकता है?

यदि अदालतें इस डेटा साझाकरण को गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन के रूप में रद्द करती हैं, तो ICE को टैक्स रिटर्न पर निर्भर होने से रोकने वाली नई दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं। अन्यथा, नीति आगे और कड़ा हो सकता है, जिससे इमिग्रेशन प्रतिबंध और बढ़ेंगे।

इमिग्रेंट समुदाय टैक्स फाइलिंग से दूर रहने के बारे में क्या सोच रहा है?

सर्वेक्षण दिखाते हैं कि 2025 के बाद लगभग 12% इमीग्रेंट टैक्स फाइलिंग से बचते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य बीमा कवरेज, छात्रवृत्ति और छोटे व्यवसायों की वित्तीय सटीकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह दीर्घकालिक आर्थिक नुकसान पैदा कर सकता है।

Jonali Das
Jonali Das

मैं समाचार की विशेषज्ञ हूँ और दैनिक समाचार भारत पर लेखन करने में मेरी विशेष रुचि है। मुझे नवीनतम घटनाओं पर विस्तार से लिखना और समाज को सूचित रखना पसंद है।

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टिप्पणि (15)
  • Raj Bajoria
    Raj Bajoria

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:59 पूर्वाह्न

    IRS‑ICE डेटा साझाकरण से कई F‑1 और H‑1B छात्रों को असामान्य जोखिम हो रहा है, इस उम्मीद में उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।

  • Simardeep Singh
    Simardeep Singh

    अक्तूबर 8, 2025 AT 23:25 अपराह्न

    जीवन की नज़ाकत कभी‑कभी कागज़ पर लिखी रसीदों से बंध जाती है। टैक्स फाइलिंग अब इमिग्रेशन की जाँच का जरिया बन गई है, जैसे किसी ने हमारे सपनों को वैधता के साथ जकड़ दिया हो। अगर डेटा को बिना मूल उद्देश्य के पुनः उपयोग किया जाये तो अधिकारों की धारा टूटती है। इस नीति से न केवल छात्र, बल्कि हर मेहनती प्रवासी का मनोबल डगमगा सकता है। अंत में, हमें याद रखना चाहिए कि कानून का सचाव भी मानवता के साथ संगत होना चाहिए।

  • Poorna Subramanian
    Poorna Subramanian

    अक्तूबर 11, 2025 AT 20:52 अपराह्न

    नया प्रोटोकॉल टैक्स रिटर्न को इमिग्रेशन जाँच में उपयोग करता है यह तथ्य चिंता का कारण है क्योंकि यह नीति व्यक्तिगत गोपनीयता को चुनौती देती है साथ ही विदेशी कार्यकर्ताओं के लिए अनपेक्षित कानूनी जोखिम पैदा करती है इसलिए सभी प्रभावित समूहों को कानूनी सलाह लेनी चाहिए और संभावित रूटीन का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए

  • Soundarya Kumar
    Soundarya Kumar

    अक्तूबर 14, 2025 AT 18:19 अपराह्न

    यह देख कर लगता है कि सरकार ने डेटा को एक टूल बना दिया है जिससे किसी की छोटी‑सी साइड इनकम भी बड़े मुसीबत में बदल सकती है। कई छात्र अब फ्रीलांस काम करने से डरते हैं, जबकि वही काम उनका जीने का साधन है। ऐसे में नीतियों को सुनियोजित करना चाहिए, ताकि लोग बोझिल नहीं महसूस करें।

  • Minal Chavan
    Minal Chavan

    अक्तूबर 17, 2025 AT 15:45 अपराह्न

    आगे के कानूनी कदमों में यह स्पष्ट होना आवश्यक है कि क्या IRS‑ICE डेटा साझाकरण का दायरा कानून द्वारा अनुमत है या नहीं। यदि यह प्रक्रिया गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करती है तो न्यायालयीन समीक्षा अनिवार्य हो जाएगी। इस प्रकार की समीक्षा न केवल प्रभावित वीज़ा धारकों को राहत दे सकती है बल्कि भविष्य में समान नीति निर्माण में मार्गदर्शन भी प्रदान करेगी।

  • Nanda Dyah
    Nanda Dyah

    अक्तूबर 20, 2025 AT 13:12 अपराह्न

    वास्तव में, 2024 में सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 68% H‑1B धारकों ने रिपोर्ट किया कि उन्होंने टैक्स फाइलिंग के बाद ICE के प्रारंभिक पूछताछ का सामना किया था। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि डेटा साझाकरण केवल सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यावहारिक प्रभाव रखता है। इसलिए नीति निर्माताओं को विस्तृत आंकड़े प्रस्तुत करने चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

  • KABIR SETHI
    KABIR SETHI

    अक्तूबर 23, 2025 AT 10:39 पूर्वाह्न

    मैं देख रहा हूँ कि डाटा का ये दुरुपयोग सिर्फ एक ब्यूरोक्रेसी की गलती नहीं बल्कि इमीग्रेशन नीति में गहरी खाई को उजागर करता है। एक तरफ़ सरकार आर्थिक आँकड़े इकठ्ठा करने की कोशिश करती है, तो दूसरी तरफ़ वही आँकड़े लोगों की ज़िन्दगी को खतरे में डालते हैं। इस प्रकार की असंगति अब सहन नहीं की जा सकती।

  • Mansi Bansal
    Mansi Bansal

    अक्तूबर 26, 2025 AT 08:05 पूर्वाह्न

    इमि्ग्रेशन और टैक्स एजेन्सी के बीच डेटा का साझाकरण एक नया चेलेन्ज है। अगर हम इस मुद्दे को नजरअंदाज़ करे तो कई विद्यार्थियों का करियर डुब सकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस प्रॉसेस को और ट्रांसपरेंट बनाये ताकि लोग बेज़ा डर में न रहे।

  • vikas duhun
    vikas duhun

    अक्तूबर 29, 2025 AT 05:32 पूर्वाह्न

    यह देश की अपनी ही पहचान को धूमिल कर रहा है! विदेशी छात्रों को उनके छोटे‑से‑साइड‑हसल के लिए ही सताया जा रहा है, जबकि वही साइड इनकम हमारी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करती है। हमें इस अत्याचार को रोकना होगा, नहीं तो राष्ट्रीय स्वाभिमान को चोट पहुँचती रहेगी। भारत के कई बच्चे भी इस नीति से डर के कारण अमेरिका की शिक्षा छोड़ रहे हैं, हमारे अपने लोगों की इतमीनान को समझो!

  • Nathan Rodan
    Nathan Rodan

    नवंबर 1, 2025 AT 02:59 पूर्वाह्न

    अब जब IRS ने अपने टैक्स डेटा को ICE और USCIS के साथ साझा करना शुरू कर दिया है, तो यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी एजेंसियों के बीच सूचना का प्रवाह पहले से कहीं अधिक जटिल हो गया है। इस बदलाव का सबसे बड़ा असर उन विदेशी छात्रों और पेशेवरों पर पड़ रहा है जो वैध वीज़ा पर अमेरिका में रह रहे हैं। उनके छोटे‑से‑साइड‑हसल या फ्रीलांस प्रोजेक्ट भी अब इमीग्रेशन जांच का लक्षित बिंदु बन गए हैं। कई मामलों में, एक साधारण Uber ड्राइविंग या Etsy पर हस्तशिल्प बिक्री ने वीज़ा रद्दी का कारण बना दिया है। इससे न केवल व्यक्तिगत करियर पर असर पड़ेगा, बल्कि संपूर्ण इमीग्रेंट समुदाय की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होगी। यूनीवर्सिटी कैंपस के बाहर काम करने वाले F‑1 छात्रों ने बताया कि उन्हें अब टैक्स फाइलिंग करने में डर लगता है। ऐसा डर उनके स्वास्थ्य बीमा, छात्रवृत्ति और भविष्य की नौकरी के अवसरों को भी खतरे में डालता है। इसके अतिरिक्त, H‑1B प्रोफेशनल जो अपने प्रायोजक के अलावा अतिरिक्त काम करते हैं, वे अब ICE की जांच में फंस सकते हैं। यह नीति न केवल व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के गिग‑इकोनॉमी को भी नुकसान पहुंचा रही है। कई विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि इस डेटा साझाकरण को रोकने के लिए विशेष कानूनी कदम उठाए जाएं। कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि यह बिन‑इजाज़त डेटा एक्सेस गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन है। यदि न्यायालय इस बात को मानता है, तो भविष्य में ऐसी नीतियां हटाई जा सकती हैं। लेकिन अगर अदालत इस कदम को वैध ठहराती है, तो इमीग्रेशन जांच में टैक्स डेटा का उपयोग और बढ़ेगा। इस परिदृश्य में विदेशियों को फिर से अपनी आय को छुपाने के तरीके खोजने पड़ेंगे। लेकिन यह समाधान कभी‑न कभी असफल ही रहेगा, क्योंकि सरकार की निगरानी बढ़ती ही जा रही है। अंत में, यह स्थिति सभी के लिए चेतावनी बनती है कि व्यक्तिगत डेटा को कैसे संभालना चाहिए और किस हद तक इसे सरकारी एजेंसियां प्रयोग कर सकती हैं।

  • Arjun Dode
    Arjun Dode

    नवंबर 4, 2025 AT 00:25 पूर्वाह्न

    सच्ची बात है, इस लंबी बहस में हमें सिर्फ़ डर नहीं, बल्कि समाधान भी चाहिए। अगर हम सामूहिक रूप से सही कानूनी सहायता लेकर इस मुद्दे को अदालत तक ले जाएँ, तो शायद नीति में बदलाव लाया जा सके। साथ ही, इमीग्रेंट समुदाय को टैक्स फाइलिंग के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए, ताकि वे संभावित जोखिमों से बच सकें।

  • santhosh san
    santhosh san

    नवंबर 6, 2025 AT 21:52 अपराह्न

    डेटा साझा करने से कई लोगों को परेशानी हो रही है, खासकर उन लोगों को जो छोटी नौकरी करते हैं। इससे उनका वीज़ा खतरे में पड़ सकता है।

  • Sagar Singh
    Sagar Singh

    नवंबर 9, 2025 AT 19:19 अपराह्न

    इमिग्रेशन की चेन में टैक्स डेटा का जाल बंधा है यह सच है

  • vishal Hoc
    vishal Hoc

    नवंबर 12, 2025 AT 16:45 अपराह्न

    डेटा साझाकरण एक बड़ा जोखिम है।

  • subhashree mohapatra
    subhashree mohapatra

    नवंबर 15, 2025 AT 14:12 अपराह्न

    विकासवादी स्वर में उठाए गए मुद्दे सही हैं लेकिन हमें तथ्य पर आधारित विश्लेषण भी चाहिए। नीति के पीछे की कानूनी आधारशिला को समझना आवश्यक है ताकि हम उचित विधिक रास्ता चुन सकें।

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