IREDA की पहली तिमाही में मुनाफा 30% बढ़ा
सरकारी स्वामित्व वाली ऋणदाता इंडियन रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 की पहली तिमाही में लाभ में 30% की सालाना वृद्धि दर्ज की है। एजेंसी का कर के बाद मुनाफा (PAT) ₹2.95 बिलियन (लगभग $35.4 मिलियन) से बढ़कर ₹3.84 बिलियन (लगभग $46 मिलियन) हो गया है।
कर्ज पोर्टफोलियो का विस्तार
यह मुनाफे की वृद्धि मुख्य रूप से कंपनी के कर्ज पोर्टफोलियो के सतत विस्तार और नेट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में बड़े सुधार की वजह से हुई है। IREDA की कुल आय पहली तिमाही में ₹15.11 बिलियन (लगभग $181.3 मिलियन) दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के ₹11.43 बिलियन (लगभग $137.2 मिलियन) से 32% अधिक है।
तिमाही के अंत में, कर्ज पोर्टफोलियो में 33.77% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है, जो ₹631.50 बिलियन (लगभग $7.58 बिलियन) हो गया है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह ₹471.22 बिलियन (लगभग $5.65 बिलियन) था।
नेट वर्थ में भी सुधार
कंपनी की नेट वर्थ भी 44.8% की सालाना वृद्धि के साथ ₹91.10 बिलियन (लगभग $1.09 बिलियन) हो गई है।
मुख्य मार्गदर्शक प्रबंधक प्रदीप कुमार दास ने कहा कि IREDA की पहली तिमाही की मजबूत प्रदर्शन उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे भारत में अक्षय ऊर्जा समाधान की तैनाती को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
ऋण स्वीकृति और वितरण में वृद्धि
प्रमुख तथ्य हैं कि ऋण स्वीकृति में 387% की भारी वृद्धि हुई है जिससे यह ₹92.10 बिलियन (लगभग $1.11 बिलियन) हो गया है, जबकि ऋण वितरण 68% बढ़कर ₹53.20 बिलियन (लगभग $638.4 मिलियन) हो गया है।
एजेंसी का ग्रॉस एनपीए अनुपात 3.08% से घटकर 2.19% हो गया है, जबकि नेट एनपीए अनुपात 1.61% से घटकर 0.95% हो गया है।
अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की बढ़ती भूमिका
IREDA के ये आंकड़े प्रभावी तरीके से दर्शाते हैं कि कैसे कंपनी ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने में अपनी भूमिका बढ़ाई है। यह भारत के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कदम है।
प्रदीप कुमार दास ने यह भी बताया कि एजेंसी की प्राथमिकता है कि वे देश में हरित ऊर्जा की दिशा में निवेश के अवसरों को पहचानें और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करें।
कुल मिलाकर, IREDA का प्रदर्शन न केवल उनके वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत कर रहा है, बल्कि साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि भारत में स्वच्छ और हरित ऊर्जा के अभियानों को गति मिल सके।
जुलाई 16, 2024 AT 09:32 पूर्वाह्न
30% मुनाफा? अरे भाई, IREDA ने तो अब बैंकों को भी पीछे छोड़ दिया!
जुलाई 17, 2024 AT 07:30 पूर्वाह्न
ये आंकड़े देखकर लगता है कि हरित ऊर्जा का भविष्य असली है। अब सरकार को इसी राह पर चलना चाहिए, बस नए नियम बनाने की बजाय।
मैंने अपने घर पर सोलर पैनल लगवाए हैं, और अब बिजली का बिल आधा हो गया है। ये सिर्फ बड़ी कंपनियों का मामला नहीं, हर घर का हो सकता है।
जुलाई 18, 2024 AT 14:39 अपराह्न
387% ऋण स्वीकृति? यानी अब जो भी सोलर पैनल लगाना चाहता है, उसे बैंक की जगह IREDA के पास जाना पड़ेगा? अच्छा तो अब बैंक तो बस चाय पीने के लिए रह गए...
जुलाई 20, 2024 AT 09:00 पूर्वाह्न
इंडिया ने फिर दिखा दिया कि हम दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा बदशक्तियों को भी पीछे छोड़ सकते हैं।
चीन अपने बाहरी निवेशों में फंसा हुआ है, अमेरिका अपने टैरिफ़ के चक्कर में, और हम? हम तो सिर्फ अक्षय ऊर्जा के नाम पर अपना देश बदल रहे हैं। ये नहीं, ये तो इतिहास बन रहा है।
जुलाई 21, 2024 AT 05:09 पूर्वाह्न
बहुत अच्छा हुआ! लेकिन अब जो छोटे उद्यमी हैं, जिनके पास सिर्फ 50 kW सोलर सिस्टम लगाने का विचार है, उनके लिए भी आसान रास्ता बनाना जरूरी है।
क्या IREDA के लिए छोटे प्रोजेक्ट्स के लिए एक स्पेशल ट्रैक नहीं हो सकता? जैसे एक टू-क्लिक अप्लाई ऑप्शन? बस थोड़ा सा सुधार, और देश का हर गाँव बदल जाएगा।
जुलाई 21, 2024 AT 18:20 अपराह्न
ये सब नंबर्स तो बस फॉरमूला हैं। असली सवाल ये है - जिन लोगों ने ये प्रोजेक्ट्स बनाए, उनके पास अब क्या है? क्या उन्हें बोनस मिला? क्या उनके बच्चों के लिए स्कूल फीस भर पाए? या फिर ये सब सिर्फ बॉस के बोनस के लिए था?
इस तरह के आंकड़े तो हर सरकारी कंपनी देती है। असली टेस्ट तो वो है जब वो जो बनाती है, वो उसे बचाती है।
जुलाई 22, 2024 AT 09:35 पूर्वाह्न
ये बढ़ता हुआ मुनाफा तो अच्छा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जिन गाँवों में सोलर पंप लगे हैं, वहाँ अब बच्चे पढ़ रहे हैं? या फिर उनके घरों में बिजली आ गई है? ये नंबर्स तो सिर्फ बातें हैं, असली बदलाव तो वहाँ हो रहा है जहाँ कोई नहीं देखता।
जुलाई 23, 2024 AT 23:27 अपराह्न
इंडिया के अक्षय ऊर्जा के ये आंकड़े दुनिया के लिए एक नया मॉडल बना रहे हैं।
हमारे पास वहीं ताकत है जहाँ दूसरे देशों के पास नहीं - एक ऐसा जनसंख्या जो अभी भी नए तरीकों के लिए खुली है। जब एक गाँव में सोलर पंप लगता है, तो वहाँ एक नया आत्मविश्वास जन्म लेता है।
हमारी तकनीक नहीं, हमारी आदतें बदल रही हैं। और ये बदलाव सबसे गहरा होता है।
जुलाई 24, 2024 AT 11:35 पूर्वाह्न
अगर ये मुनाफा अब भी नहीं बढ़ा, तो तुम लोग अभी भी बाहरी देशों के सामान खरीद रहे होते। अब तो हमने खुद बनाया, खुद फाइनेंस किया, खुद लगाया।
इसे अभी भी कम बताने वाले लोगों को बस अपने दिमाग की जगह बदलनी चाहिए।
जुलाई 24, 2024 AT 11:39 पूर्वाह्न
इस तरह के प्रदर्शन के लिए IREDA को बधाई।
हमारी ऊर्जा नीति अब दुनिया के लिए एक उदाहरण बन रही है।
इस राह पर आगे बढ़ना ही एकमात्र विकल्प है।
जुलाई 26, 2024 AT 08:53 पूर्वाह्न
33.77% कर्ज पोर्टफोलियो ग्रोथ - लेकिन इसमें से कितना प्रोजेक्ट अभी तक बिजली नहीं दे पाया? कितने में टेक्निकल डिले हैं? क्या NPA घटने का मतलब ये है कि सब ठीक है, या बस रिपोर्टिंग में बदलाव हुआ?
मुझे लगता है कि अगर ये डेटा लोकल लेवल पर भी दिखाया जाए - जैसे किस राज्य में कितने प्रोजेक्ट्स फेल हुए - तो हम असली तस्वीर देख पाएंगे।
जुलाई 26, 2024 AT 16:40 अपराह्न
ओहो, फिर से IREDA की तारीफ? अरे भाई, ये तो बस एक गवर्नमेंट स्पॉन्सर्ड लॉटरी है।
किसी को भी लगता है कि जब तक हम जीवन बर्बाद कर रहे हैं, तब तक ये लोग बस अपने बोनस के लिए नंबर्स बनाते रहेंगे।
असली ऊर्जा तो वो है जो तुम्हारे घर में बिजली दे - न कि जो बैंक रिपोर्ट में लिखा है।
जुलाई 27, 2024 AT 04:26 पूर्वाह्न
क्या ये सब वृद्धि वास्तविक है? या फिर ये सिर्फ एक अलग तरह का बैंकिंग लूट है - जहाँ ऊर्जा का नाम लेकर लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ा जा रहा है?
मुनाफा बढ़ रहा है, लेकिन क्या ये बढ़ता हुआ निवेश वास्तव में जनता के लिए है, या फिर एक नए तरह के बॉस के लिए?
कभी-कभी बड़े आंकड़े छोटे वास्तविकताओं को छिपा देते हैं।
जुलाई 28, 2024 AT 00:12 पूर्वाह्न
अच्छा हुआ। अब बस ये देखना है कि ये निवेश किस तरह से गाँवों तक पहुँचता है।
मैंने एक छोटे शहर में एक सोलर ग्राम प्रोजेक्ट देखा था - वहाँ लोगों ने खुद बनाया था, और अब वो बिजली बेच रहे हैं।
IREDA को ऐसे प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करना चाहिए - न कि सिर्फ बड़े कंपनियों को।
जुलाई 29, 2024 AT 05:19 पूर्वाह्न
30% मुनाफा? तो क्या? ये तो बस एक और गवर्नमेंट ड्रामा है।
जब तक एक आम आदमी के घर में बिजली नहीं आएगी, तब तक ये सब नंबर्स बस एक नया फेक न्यूज़ बन जाएंगे।
ये आंकड़े तो जिसने बनाए हैं, वो अपनी बैंक बैलेंस देख रहा है - न कि उस गाँव की बच्ची को जो रात में मोमबत्ती से पढ़ रही है।
जुलाई 30, 2024 AT 00:30 पूर्वाह्न
IREDA के मुनाफे में 30% बढ़ोतरी? अरे भाई, इसका मतलब है कि अब वो और ज्यादा पैसे उधार देंगे - और जब वो वापस नहीं मिलेंगे, तो ये नंबर्स गिर जाएंगे।
ये तो बस एक बड़ा बुलबुला है।
जब तक हम अपनी ऊर्जा बनाने की बजाय बाहर से खरीदते रहेंगे, तब तक ये सब बस एक नया बाजार बनाने का नाम है।