सुंदर पिचाई को मिला आईआईटी-खड़गपुर से मानद उपाधि
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को उनके अल्मा मेटर, आईआईटी-खड़गपुर से मानद 'डॉक्टर ऑफ साइंस' (होनोरिस कॉसा) उपाधि से सम्मानित किया गया। यह उपाधि पिचाई के डिजिटलीकरण, सुलभ टेक्नोलॉजी और नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए दी गई है। संजीवनी संगोष्ठि में उपस्थित होकर सुश्री द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।
सम्मान समारोह का विवरण
यह समारोह संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आयोजित किया गया था, जहाँ पिचाई की अनुपस्थिति के कारण यह विशेष आयोजन किया गया। समारोह में एक अन्य महत्वपूर्व व्यक्ति, पिचाई की पत्नी, अंजलि पिचाई को भी 'बैनियापुर' सम्मान से नवाजा गया। इस पुरस्कार से संकेत मिलता है कि यह दंपति अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सुंदर पिचाई की प्रतिक्रिया
सुंदर पिचाई ने इस महानला अवसर पर अपनी खुशी और कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने यह माना कि आईआईटी-खड़गपुर में उन्हें जो शिक्षा और टेक्नोलॉजी मिली, उसकी वजह से वह गूगल जैसी बड़ी कंपनी में शामिल हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी का तकनीक के क्षेत्र में योगदान बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब हम एआई के विकास की बात करें। पिचाई ने IIT-खड़गपुर के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की बात कही।
आईआईटी-खड़गपुर का योगदान
आईआईटी-खड़गपुर, भारत के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में से एक है। इस संस्थान ने देश और विदेश में अनेकों अभियंता और वैज्ञानिक दिए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। पिचाई जैसे प्रमुख तकनीकविद की सफलता, इस संस्थान के उच्चस्तरीय शिक्षण प्रणाली का प्रतिफल है। इससे न केवल संस्थान की प्रतिष्ठा बढ़ती है, बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनती है।
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पिचाई का योगदान
सुंदर पिचाई की उपलब्धियाँ और उनके द्वारा किए गए नवाचारों ने दुनिया भर में टेक्नोलॉजी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। गूगल का नेतृत्व करते हुए उन्होंने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए कई नयी और सुलभ तकनीकों को पेश किया। पिचाई ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनका मकसद टेक्नोलॉजी को सभी के लिए सुलभ बनाना है। उनकी इस कोशिश ने डिजिटल डिवाइड को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मानद उपाधि का महत्व
सुंदर पिचाई को यह मानद उपाधि प्राप्त होना आईआईटी-खड़गपुर और उनके सहपाठियों के लिए गर्व की बात है। यह एक संदेश देता है कि अगर आप सच्ची मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमेगी। पिचाई की यह कथा न केवल उनके जैसे तकनीकविदों, बल्कि सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा की स्रोत है।