Google का 23वां जन्मदिन: डूडल और यादगार सफर
आज सुबह जब मैंने अपना ब्राउज़र खोलकर Google की होमपेज देखी, तो स्क्रीन पर एक रंगीन एनिमेटेड केक दिख रहा था। केक पर बड़े अक्षरों में Google लिखा था और ऊपर ‘23’ चमक रहा था – यह कंपनी का 23वां जन्मदिन था। इसी विशेष डूडल ने लाखों उपयोगकर्ताओं को याद दिला दिया कि दो साल पहले ही यह साइट अपना पहला ‘बर्थडे’ मनाती थी, और अब यह एक पूरी इंडस्ट्री को बदल चुका है।
असली जन्मदिन की तारीख 4 सितंबर 1998 है, पर 2005 में Google ने इसे 27 सितंबर कर दिया, क्योंकि उस दिन सर्च इंजन ने रिकॉर्ड संख्या में पेजेस को इंडेक्स करने की घोषणा की थी। फिर चाहे आप एक कॉलेज छात्र हों या एक सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इस बदलाव को सबने सराहा क्योंकि इससे Google की उपलब्धियों को एक ही दिन में दिखाया जा सका।

डूडल में छिपी छोटी‑छोटी बातें और कंपनी का मूल मिशन
डूडल सिर्फ एक कक्षा जैसा नहीं था; केक की नीचे वाली परत ऊपर वाले हिस्से को धीरे‑धीरे उठाकर आगंतुक को ‘हैलो’ कहती है। कँडल का आकार ‘L’ अक्षर की जगह ले लिया था, जिससे Google लोगो का नवीनीकरण हुआ और यह दिखाया गया कि कंपनी कितनी बारीकी से डिज़ाइन पर काम करती है। इस तरह के छोटे‑छोटे ट्विस्ट हर साल Google के डूडल ब्लॉग में लिखे जाते हैं, ताकि यूज़र समझ सकें कि कंपनी का जज्बा सिर्फ सर्च तक सीमित नहीं, बल्कि रचनात्मकता तक भी फैला है।
अब बात करते हैं Google की शुरुआती कहानी। 1997 में Sergey Brin, एक स्टैनफोर्ड स्नातक छात्र, को Larry Page को कैंपस दिखाने का काम मिला। Larry Page भी उसी विश्वविद्यालय में पीएचडी करने वाले थे। दोनों के बीच एक ‘chance encounter’ हुआ और अगले साल, 1998 में, उन्होंने मिलकर एक सर्च इंजन बनाया। उनका पहला सर्वर एक छोटा सा कैबिनेट था, जो टॉय ब्लॉक्स से बना था – सच में, डॉर्मरूम के इसी कोने से आज विश्व की सबसे बड़ी टेक कंपनी निकली।
वहाँ से Google ने धीरे‑धीरे अपनी जगह बनाई। अब कंपनी के 20 से अधिक डेटा सेंटर विश्व भर में बिखरे हुए हैं – आईरसलैंड की हरे‑भरे पहाड़ों से लेकर सिंगापुर की छतों तक। हर दिन अरबों सर्च क्वेरीज़ 150 से ज़्यादा भाषाओं में प्रोसेस होती हैं, और यही वही डेटा है जो हर व्यक्ति को विश्व भर की जानकारी तक पहुंच देता है।
भले ही तकनीकें बदलती रहें, Google का मूल लक्ष्य पहले जैसा ही है: ‘दुनिया की सारी जानकारी को सभी के लिये सुलभ बनाना’। यह लक्ष्य अब सर्च से आगे बढ़ कर मैपिंग, क्लाउड, AI, डिजिटल करियर प्लेटफ़ॉर्म और कई अन्य सेवाओं में परिलक्षित हो रहा है। उदाहरण के तौर पर, पिछले कुछ वर्षों में Google ने AI‑संचालित असिस्टेंट, क्लाउड ब्यूटीफ़़ूल टूल्स, और बेस्ट‑इन‑क्लास मानचित्र सेवाएं लॉन्च की हैं, जो रोज‑रोज़ की ज़िंदगी को आसान बनाती हैं।
Google Doodle ब्लॉग ने इस अवसर पर बताया कि कैसे कंपनी ने अपना मूल मिशन नहीं बदला, बल्कि उसे नई तकनीकों के साथ विस्तार किया। सरल प्रश्नों का जवाब देने से लेकर जटिल शोध में मदद करने तक, Google ने हर कदम पर लोगों के जीवन में एक अहम भूमिका निभाई है।
समग्र रूप से, 23वां जन्मदिन Google के लिए सिर्फ एक पार्टियों का मौक़ा नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक यादगार भी है। दो रूम में शुरू हुई इस कहानी ने आज विश्व भर में बिन‑सूत्रनृत्य, डिजिटल शिक्षा, व्यवसायिक नवाचार और व्यक्तिगत विकास को नई दिशा दी है। आगे भी अगर आप Google की सर्च बार में कुछ टाइप करेंगे, तो वही वही सच्ची भावना महसूस होगी – एक ऐसी कंपनी का जो अपनी जड़ें छोटी‑सी प्रयोगशाला में बोआई थी, लेकिन अब पूरे ग्रह को जोड़ती है।