विक्रांत मेसी की गौरवगाथा: 'द साबरमती रिपोर्ट' की अग्रिम बुकिंग शुरु
बॉलीवुड के टैलेंटेड अभिनेता विक्रांत मेसी ने अपनी नई फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की अग्रिम बुकिंग की घोषणा कर दी है। यह फिल्म 15 नवंबर, 2024 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है। धीरज सरना द्वारा निर्देशित और शोभा कपूर, एकता आर कपूर, अमूल वी मोहन और अंशुल मोहन द्वारा निर्मित इस फिल्म में, 2002 की साबरमती ट्रेन त्रासदी की कहानी को जीवंत किया गया है।
इस त्रासदी में 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी और इस घटना ने सामाजिक और राजनीतिक रूप से बहसों का अंबार खड़ा कर दिया था। फिल्म में सिर्फ घटनाओं का चित्रण नहीं किया गया है, बल्कि उस समय के सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों को भी बारीकी से उकेरा गया है। विक्रांत मेसी और उनकी सह-कलाकार रिधि डोगरा और राशी खन्ना ने इस फिल्म में अपने चरित्रों में जान डाल दी है।
फिल्म के निर्माण में आई बाधाएँ
फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को लेकर न केवल सिनेमा प्रेमियों में भारी उत्सुकता है, बल्कि यह निर्माण के दौरान भी कई विवादों में फंसी रही। इस फिल्म का विषय चूंकि बेहद संवेदनशील है, उसकी शुरुआत में ही यह फिल्म कई बार रिलीज डेट्स के टालमटोल का शिकार हुई। फिल्म को पहले 3 मई को रिलीज़ किया जाना था, जिसे बाद में जुलाई और 2 अगस्त को पुनः तय किया गया। अंततः यह 15 नवंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है।
विक्रांत मेसी की चुनौतियाँ और विचार
विक्रांत मेसी के लिए भी यह फिल्म करना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण फैसला था। उन्होंने एक साक्षात्कार में खुद यह स्वीकार किया कि फिल्म के राजनीतिक निहितार्थों के चलते उन्हें काफी समय तक संकोच हुआ, लेकिन उन्होंने अंततः ऐसा करना सही समझा क्योंकि यह उन लोगों की कहानी है, जिन्होंने इस त्रासदी में अपनी जान गंवाई। विक्रांत का मानना है कि 'द साबरमती रिपोर्ट' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक जिम्मेदाराना प्रयास है, जो हर दर्शक को सोचने पर मजबूर करेगा।
एक नज़र फिल्म के निर्माण पर
फिल्म के निर्माण में लगी टीम के लिए यह एक महत्वपूर्ण परियोजना रही है। इसके पीछे बालाजी टेलीफिल्म्स जैसी एक प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस का समर्थन है। फिल्म के निर्माता एकता कपूर ने कहा कि 'द साबरमती रिपोर्ट' बालाजी टेलीफिल्म्स की एक अनूठी कोशिश है, जो दर्शकों को सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि विचारों में एक बदलाव भी लाने का प्रयास करती है।
विक्रांत मेसी ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म का एक नया पोस्टर भी साझा किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'कहानियों पर नहीं, कल से सच पर होगी चर्चा'। इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने फिल्म के प्रमुख संदेश को उजागर किया और दर्शकों को अग्रिम बुकिंग के लिए आमंत्रित किया।
'द साबरमती रिपोर्ट' जैसी फिल्में सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं होतीं, बल्कि यह समाज को जागरूक करने का एक माध्यम भी बनती हैं। फिल्म की कहानी एक ऐसी घटना पर आधारित है, जो आज भी हमारे समाज की स्मृतियों में जीवीत है। इस फिल्म के माध्यम से निर्देशक धीरज सरना ने यह सुनिश्चित किया है कि इस त्रासदी को याद रखना और इस पर चर्चा करना आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उस समय था।
अग्रिम बुकिंग और दर्शकों की प्रतिक्रिया
अग्रिम बुकिंग के खुलने के साथ ही दर्शकों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी उत्सुकता और प्रतीक्षा व्यक्त की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इतनी चर्चित फिल्म पर दर्शकों की कैसी प्रतिक्रिया मिलेगी और यह बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन करेगी।
'द साबरमती रिपोर्ट' निश्चित रूप से सिर्फ एक फिल्म के रूप में नहीं, बल्कि एक संदेश के रूप में याद रखी जाएगी। फिल्म का उद्देश्य सिर्फ एक कहानी सुनाना नहीं, बल्कि दर्शकों को एक सामाजिक और राजनीतिक संदेश देना भी है, जो उन्हें विचार करने और समकालीन मुद्दों पर सोचने के लिए प्रेरित करेगा।
नवंबर 16, 2024 AT 10:09 पूर्वाह्न
ये फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है। जिन लोगों की जान गई उनकी यादों को सम्मान देने का ये एकमात्र तरीका है। विक्रांत ने जो किया है वो बहुत बड़ी बात है।
नवंबर 17, 2024 AT 05:46 पूर्वाह्न
अरे भाई ये सब गुंडागर्दी का नाटक है। जिन्होंने ये फिल्म बनाई है वो देशद्रोही हैं। इस तरह की फिल्में देश को बांटती हैं। ये लोग अपने लिए नहीं बल्कि विदेशी पैसे कमाने के लिए ऐसा करते हैं।
नवंबर 18, 2024 AT 21:32 अपराह्न
ये सब बस एक फेक न्यूज़ है। जिस दिन ये फिल्म आई उस दिन ट्रेन आग लगी थी लेकिन किसी ने नहीं देखा कि किसने आग लगाई। ये सब राजनीति का खेल है। बस लोगों को भ्रमित करने के लिए।
नवंबर 19, 2024 AT 16:17 अपराह्न
इस फिल्म का असली महत्व यह है कि यह हमें अतीत के घटनाक्रमों को बिना रंग बिरंगे आरोपों के, बिना ध्रुवीकरण के, बिना भावनात्मक दबाव के देखने का अवसर देती है। इसलिए यह एक ऐसी फिल्म है जो न केवल दर्शकों को जागृत करती है, बल्कि उन्हें विचार करने की शक्ति भी देती है।
नवंबर 21, 2024 AT 01:30 पूर्वाह्न
इस फिल्म के निर्माण के दौरान एक अत्यधिक संवेदनशील इतिहास को साकार करने की प्रक्रिया में टीम ने एक अत्यंत सावधानीपूर्ण एथिकल फ्रेमवर्क अपनाया है। इसका अर्थ है कि न केवल ऐतिहासिक सत्यता का सम्मान किया गया है, बल्कि शिकायतकर्ताओं के परिवारों के साथ भी संवाद बनाया गया है। यह एक नए तरीके से फिल्म निर्माण का एक उदाहरण है।