भर्ती एंटरप्राइजेज, एक प्रमुख भारतीय कांग्लोमरेट, ने यूके की सबसे बड़ी ब्रॉडबैंड और मोबाइल कंपनी, BT ग्रुप में 24.5% हिस्सेदारी हासिल करने की योजना की घोषणा की है। यह अधिग्रहण लगभग $4 बिलियन का है और इस साल के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इस निवेश को BT ग्रुप के रणनीति और भविष्य में विश्वास के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
यूके निवेश – क्या आप तैयार हैं?
यूके बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं? अब तक बहुत से लोग सोचते थे कि Brexit के बाद ब्रिटेन का शेयर मार्केट अस्थिर हो गया, पर हकीकत में नई संभावनाएँ उभर रही हैं। अगर आप भारतीय नागरिक हैं और विदेशों में अपना पैसा बढ़ाना चाहते हैं, तो युके निवेश एक भरोसेमंद विकल्प बन सकता है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि कौन‑सी सेक्टरें आज चमक रहे हैं और कैसे आप बिना भारी जोखिम के शुरुआत कर सकते हैं।
क्यों चुनें यूके बाजार?
पहला कारण – मजबूत कानूनी ढाँचा। ब्रिटेन की वित्तीय नियमावली दुनिया में सबसे पारदर्शी मानी जाती है, इसलिए निवेशकों को धोखा कम मिलता है। दूसरा, विविध सेक्टरों में बढ़ती संभावनाएँ: फिनटेक कंपनियों का विस्तार, नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सोलर और पवन), हेल्थ‑केयर तकनीक और प्रीमियम रियल एस्टेट। इन क्षेत्रों में अक्सर उच्च रिटर्न मिलता है क्योंकि यूके सरकार पर्यावरण‑सचेत प्रोजेक्ट्स को टैक्स इन्सेंटिव देती है। तीसरा, यूरोप के द्वार होने का फायदा – एक बार युके स्टॉक्स आपके पोर्टफोलियो में आ जाएँ तो आप आसानी से यूरोपीय बांड और फंड भी जोड़ सकते हैं।
सुरक्षित निवेश के कदम
1. **आरबीआई की अनुमति समझें** – विदेशों में शेयर खरीदने के लिए NRE/NRO अकाउंट या लिबरलाइज्ड रेग्यूलेशन वाले डिमैट अकाउंट की ज़रूरत होती है। अपने बैंकर से पूछें कि कौन‑सी सुविधा आपके लिये बेहतर रहेगी।
2. **डायरेक्ट शेयर या म्यूचुअल फंड?** – अगर आप सीधे कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं तो यूके ब्रोकर्स जैसे Hargreaves, Interactive Brokers को देखें। लेकिन शुरुआती लोगों के लिए यूके‑फोकस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर या टेक म्यूचुअल फंड्स सुरक्षित होते हैं क्योंकि प्रबंधन टीम जोखिम कम करने का काम करती है।
3. **रिस्क मैनेजमेंट** – पोर्टफोलियो को 60 % यूके स्टॉक्स, 30 % अंतरराष्ट्रीय एसेट और 10 % नकदी में बाँटें। इस तरह एक सेक्टर या देश के गिरावट से पूरी बचत नहीं घटेगी। साथ ही हर क्वार्टर में अपने निवेश की समीक्षा करें – अगर कोई कंपनी का प्रोडक्ट लाइफ़साइकल खत्म हो रहा है तो समय पर बाहर निकलना बेहतर रहता है।
4. **कर‑अवलोकन** – यूके से मिलने वाले डिविडेंड पर 20 % टैक्स कटता है, लेकिन भारत में आप DTAA (डबल टैक्स एवरीडेंस एग्रीमेंट) के तहत क्रेडिट ले सकते हैं। अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट को बताएँ ताकि आपको दोहरी टैक्स का झंझट न रहे।
5. **विचार‑विमर्श** – अगर आप नहीं समझते कि कौन सी कंपनी में निवेश करें, तो फाइनेंशियल एडवाइज़र से मिलें या ऑनलाइन फ़ोरम पढ़ें जहाँ भारतीय निवेशक अपने अनुभव शेयर करते हैं। अक्सर छोटे टिप्स जैसे “इंडेक्स फण्ड – FTSE 100” शुरुआती लोगों को स्थिर रिटर्न दिलाते हैं।
यूके निवेश में सफलता की कुंजी है – सही जानकारी, सतत निगरानी और विविधता. एक बार जब आप बेसिक सेट‑अप कर लेंगे, तो यूके के स्टॉक्स आपके पोर्टफोलियो को नई ऊर्जा देंगे। अब समय है कदम उठाने का, क्योंकि बाजार हमेशा इंतज़ार नहीं करता.