इंग्लैंड ने T20 वर्ल्ड कप 2024 के सुपर 8 मैच में अमेरिका को 10 विकटों से हराया और सेमीफाइनल में जगह बना ली। इंग्लैंड के क्रिस जॉर्डन ने हैट्रिक लेते हुए चार विकट चटकाए और अमेरिका की टीम को 115 रनों पर सीमित कर दिया। जोस बटलर ने 50 रन बनाकर टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। अमेरिका के कप्तान आरोन जोन्स ने आदिल राशिद की तारीफ की।
जोस बटलर – इंग्लैंड के टॉप विकेटकीपर बैट्समैन
अगर आप क्रिकेट देखते हैं तो जोस बटलर का नाम सुनते ही दिमाग में तेज़ी से चलती हुई एक शॉट की आवाज़ आती है। वह सिर्फ विकेटकीप नहीं, बल्कि पावरहिटिंग बल्लेबाज़ भी हैं। इस लेख में हम उनके शुरुआती दिनों से लेकर आज तक की कहानी को आसान शब्दों में समझेंगे, ताकि आप उनकी शैली और ताकत को जल्दी पकड़ सकें।
करियर का सफ़र
जोस बटलर का जन्म 1990 में इंग्लैंड के पेनलॉस में हुआ था। बचपन से ही वह क्रिकेट ग्राउंड पर रहता था, स्कूल की टीम में कप्तानी भी कर चुका है। 2011 में उसने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू टेस्ट में किया और जल्दी ही अपनी तेज़ फील्डिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी से सबको चौंका दिया। शॉर्ट फॉर्म में वह 2015 का विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बना, जहाँ उसके कई मैच‑विनिंग छक्के यादगार रहे।
डेडिकेटेड कोचों ने कहा कि बटलर की बैटिंग शैली बहुत ही अनूठी है—उसे “स्लिप साइड स्ट्राइकर” कहा जाता है क्योंकि वह गेंद को जल्दी से पकड़ कर तुरंत ही हमला करता है। इस कारण उसे अक्सर टीम के फिनिशर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, यानी मैच के आखिरी ओवर में तेज़ रन बनाना।
वर्तमान फ़ॉर्म और आँकड़े
2024‑25 सीज़न में बटलर ने ऑस्ट्रेलिया टूर में 150+ की तीन शतकें मारीं, जिससे वह सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ बन गया। टी20 अंतरराष्ट्रीय में उसकी स्ट्राइक रेट लगभग 150 है—यानी हर 100 गेंद पर 150 रन बनाता है। इस आंकड़े से पता चलता है कि वह सीमित ओवरों में टीम को तेजी से बड़ा लक्ष्य बनाने में मदद कर सकता है।
विकेटकीपिंग के मामले में भी बटलर पीछे नहीं रहता। पिछले दो साल में उसने 30+ स्टंप्स और कई बेहतरीन कैच किए हैं, जो उसकी फील्डिंग इंटेंसिटी को दिखाते हैं। अक्सर मैचों में वह क्रीज़ की रेस्क्यू करता है और विरोधी टीम के स्कोर को रोकता है।
इंग्लैंड ने 2023‑24 में बटलर को वैकल्पिक कप्तान भी नियुक्त किया था, क्योंकि उसकी शांति और निर्णय लेने की क्षमता बहुत मूल्यवान मानी जाती है। वह अक्सर युवा खिलाड़ियों को सलाह देता है और टीम के माहौल को सकारात्मक बनाता है।
भविष्य की बात करें तो बटलर अभी 30 के दशक में है और फिटनेस का ख्याल रखता आया है। उसके पास अभी भी कई साल खेलने की क्षमता है, इसलिए हमें उम्मीद करनी चाहिए कि वह अगले विश्व कपों में भी इंग्लैंड को जीत दिलाएगा। अगर आप क्रिकेट फैंस हैं तो बटलर की हर पिच पर मौजूद ऊर्जा देखना एक मज़ेदार अनुभव रहेगा।
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