20 नवंबर, 2024 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के चलते भारतीय शेयर बाजार बंद रहा। एनएसई और बीएसई दोनों पर इस दिन व्यापार नहीं हुआ। इस बंद की घोषणा चुनाव आयोग ने 288 सीटों के लिए हो रहे इस एक चरण के चुनाव के लिहाज़ से की थी। वोटों की गिनती 23 नवंबर को निर्धारित की गई है। इस दिन एमसीएक्स ने सुबह का सत्र बंद किया और एनसीडीईएक्स पूरे दिन बंद रहा। आगामी शेयर बाजार अवकाश 25 दिसंबर को क्रिस्मस के लिए है।
एनएसई – भारत के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट का रियल‑टाइम सार
अगर आप शेयरों में रुचि रखते हैं, तो एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) आपके लिए रोज़ की खबर बन जाता है। यहाँ पर लिस्टेड कंपनियों के दाम बदलते रहते हैं, नई IPO आती रहती हैं और कई बार बड़े‑बड़े आर्थिक फैसले सीधे बाजार को हिला देते हैं। इस पेज में हम आपको आसान भाषा में बताएँगे कि आज एनएसई पर क्या चल रहा है और आपका पैसा कैसे बचा या बढ़ाया जा सकता है।
आज के मुख्य मार्केट मूवमेंट
12 मार्च को सोने की कीमतें गिर गईं, जिससे कई म्यूचुअल फंड्स ने अपने पोर्टफोलियो में बदलाव किया। इस गिरावट से भारतीय रियल एस्टेट और टेक कंपनियों के शेयरों पर हल्की‑हल्की छाप पड़ी। दूसरी तरफ, यूएस बेस्ड Nvidia ने Dow Jones Industrial Average में जगह बना ली, जिससे तकनीकी सेक्टर को एक बूस्ट मिला। निवेशक अक्सर ऐसे अंतरराष्ट्रीय बदलावों को एनएसई की लिस्टेड कंपनियों में भी देख सकते हैं क्योंकि कई टेक फर्म्स के पास अमेरिकी साझेदार होते हैं।
इसी तरह, 14 अप्रैल को कॉलकाता फटाफ़ट लॉटरी के परिणाम सामने आए। जबकि यह लॉटरी सीधे शेयर मार्केट से नहीं जुड़ी, लेकिन बड़ी रकम जीतने वाले अक्सर अपने पैसे का एक हिस्सा स्टॉक्स में लगाते हैं। इसलिए ऐसे सामाजिक घटनाओं की भी खबरें हमें निवेश के संभावित अवसरों की ओर इशारा करती हैं।
एनएसई पर कैसे करें स्मार्ट इन्वेस्टमेंट
सबसे पहले, अपने पोर्टफोलियो में विविधता रखें। सिर्फ एक सेक्टर जैसे कि रसायन या आईटी में सारे पैसे नहीं लगाएँ। अगर आप देखेंगे तो टेक और फार्मा दोनों ने हाल ही में अलग‑अलग कारणों से उतार-चढ़ाव किया है; एक सेक्टर गिरे तो दूसरा उछल सकता है।
दूसरा टिप – नियमित रूप से कंपनी के क्वार्टरली रिपोर्ट पढ़ें। एनएसई पर लिस्टेड कंपनियों की आय, खर्च और भविष्य की योजनाएँ quarterly results में बताई जाती हैं। ये डेटा आपको यह समझने में मदद करता है कि कौन सी कंपनी आगे बढ़ रही है और किसे सावधानी बरतनी चाहिए।
तीसरा कदम – बड़े आर्थिक संकेतकों पर नज़र रखें जैसे कि RBI का मौद्रिक नीति, अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें, या यूएस फेड का ब्याज दर फैसला। इनका असर सीधे एनएसई के सूचकांकों में दिखता है। उदाहरण के तौर पर, जब सोने की कीमत गिरती है, तो अक्सर रियल एस्टेट और डिपॉजिटरी‑ट्रेडेड फंड्स (ETFs) को फायदा होता है।
आख़िर में, अपने निवेश लक्ष्य तय करें – क्या आप दीर्घकालिक पूंजी बढ़ाना चाहते हैं या अल्पकालिक लाभ? लक्ष्य के अनुसार आप सट्टा ट्रेडिंग या ब्लू‑चिप स्टॉक्स चुन सकते हैं। याद रखें, हर फैसला आपके जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है, इसलिए सोच-समझ कर कदम उठाएँ।
एनएसई की खबरें पढ़ते रहिए, बाजार के रुझान समझिए और समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करते रहें। यही तरीका है जिससे आप शेयर मार्केट में स्थिरता से आगे बढ़ सकते हैं।