चैत्र नवरात्रि 2025 में प्रत्येक दिन के देवता के अनुसार रंगीन साड़ी पहनने की परंपरा का विस्तृत मार्गदर्शक। सफेद से गुलाबी तक, हर रंग का आध्यात्मिक अर्थ और साड़ी की शैली बताया गया है। धार्मिक महत्ता, मनोवैज्ञानिक प्रभाव और आधुनिक फैशन सुझाव इस लेख में मिलेंगे।
दुर्गा पूजा 2025 – कब, कैसे और क्या खास?
दुर्गा पूजा हर साल अक्टूबर‑नवंबर में मनाई जाती है, लेकिन साल‑दर‑साल तिथि और समय थोड़ा बदलते हैं। 2025 में दुर्गा पूजन का मुख्य दिन अश्विन शुक्ल प्रतिपदा है, यानी 21 अक्टूबर को। इस दिन शमी और काली दोनों ही रूपों को पूजते हैं, इसलिए कई घरों में दो बार अरती और फेरा किया जाता है। अगर आप पहली बार दुर्गा पूजा करने वाले हैं तो यह गाइड आपके काम आएगा – कब शुरू करें, किन चीज़ों की ज़रूरत है और कुछ आसान सजावट टिप्स भी मिलेंगे।
दुर्गा पूजा की तिथि और प्रमुख समय
2025 में शमी पूजन 21 अक्टूबर (शुक्ल प्रतिपदा) को दोपहर 12 बजे से शुरू होता है और शाम 6 बजे तक चलता है। काली पूजन का समय अक्सर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक रहता है, लेकिन आप अपनी सुविधा के हिसाब से थोड़ी देर बाद भी कर सकते हैं। अगर आप काम या पढ़ाई में व्यस्त हैं तो दोपहर के पहले भाग में छोटे‑छोटे मंत्र और धूप जलाकर शुरू कर सकते हैं, फिर शाम को पूरा समारोह करें। इस साल व्यावसायिक स्कूलों और कॉलेजों ने छुट्टी की घोषणा की है, इसलिए कई लोग दो दिन की छुट्टी ले कर पूरे शहर में मिलकर पूजा करते हैं।
घर में दुर्गा पूजा कैसे करें – आसान स्टेप बाय स्टेप
सबसे पहले कुंडली या फ़्लोर पर साफ़ जगह चुनें और वहाँ एक छोटा सा प्लेट या थाली रखें। इस थाली में धूप, चिराग, सफ़ेद फूल, एक छोटा सा मूर्ति (यदि आपके पास नाहीं है तो कागज़ की बना सकते हैं) और पूजा के लिए आवश्यक वस्तुएँ रखें – चंदन, कुंकू, हल्दी, सिंदूर और मिठाई। एक छोटी बर्तन में पानी भरें और उसमें दो-तीन बूंदें निलायम (आवश्यक हो तो) डालें, इससे पवित्रता बढ़ती है।
अब शमी और काली दोनों को वैकल्पिक रूप में उजागर करें। शमी पूजन में गजल या भजन गाते हुए फूल अर्पित करें, फिर चंद्रमा की तरह चंदन की रेखा बनाकर लोटा चढ़ाएँ। काली पूजन में नारियल के टुकड़े और लाल वस्त्र रखें, साथ ही लाल चंदन और काली के हाथ के पिन्डे (यदि उपलब्ध हों) रखें। साधारण घर में भी ये सभी चीज़ें आसानी से मिल जाती हैं।
पूजा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण भाग ‘अर्चन’ है – इसे टैबलेट या दूरध्वनि में गाने के साथ धुनी-धुनी गाएं। अगर आप चाहें तो ऑनलाइन भी लाइव प्रसारित हो रही दुर्गा आरती सुन सकते हैं। आरती के बाद प्रसाद में मीठा या फलों का कटोरा रखें, फिर उसे सभी को बांट दें। यह कदम समावेशिता को दर्शाता है और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा भर देता है।
पूजा खत्म होने के बाद सफ़ाई करना न भूलें। पवित्र वस्तुएँ को साफ़ पानी में धोकर धूप में सुखाएँ, फिर अगले दिन के लिए सुरक्षित रखें। यह प्रक्रिया अगली पूजा में काम आती है और एक ही सेट से कई सालों तक पूजा कर सकते हैं।
सजावट के लिए कुछ आसान टिप्स: कपड़े के बैनर पर ‘जय माँ दुर्गा’ लिखें और उन्हें लिविंग रूम की दीवार पर टांगें। घर के बगीचे या बालकनी में लाल और सुनहरी लाइट्स लगाएँ – यह बजट‑फ्रेंडली है और रात को खूबसूरती बढ़ाता है। अगर आपके पास कोई छोटा बगीचा है तो उसमें पुदीना, तुलसी और कमल के फूल लगा सकते हैं, क्योंकि ये पौधे माँ दुर्गा को प्रिय हैं।
यहाँ तक पढ़ कर आप अब पूरी तरह तैयार हैं। तिथि याद रखें, आवश्यक सामान इकट्ठा करें और सरल चरणों का पालन करें। दुर्गा पूजा सिर्फ एक रिवाज़ नहीं, बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशी बाँटने का समय है। इस साल 2025 की दुर्गा पूजा को यादगार बनाएँ, और माँ दुर्गा की कृपा हमेशा आपके साथ रहे।