मोदी 3.0 कैबिनेट: जारी और नए चेहरे
नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ 71 अन्य मंत्री भी शामिल हुए, जिनमें से 30 कैबिनेट मंत्री, पाँच स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 36 राज्य मंत्री हैं। इस बार के मंत्रिमंडल में अकेले कई राज्य और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व देखने को मिल रहा है। प्रमुख मंत्रियों में अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण ने अपने पुराने मंत्रालय बरकरार रखे हैं।
प्रमुख मंत्रियों की सूची और पोर्टफोलियो
अमित शाह गृह मंत्री, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, नितिन गडकरी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, और निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियाँ निभाते रहेंगे। इनके अलावा जेपी नड्डा को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, एस जयशंकर को विदेश मंत्री, और पीयूष गोयल को वाणिज्य और उद्योग मंत्री बनाया गया है।
अन्य प्रमुख मंत्रालय
मोदी ने खुद के पास कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और अन्य सभी अनियमित पोर्टफोलियो अपने पास रखे हैं। इस बार के कैबिनेट की सबसे बड़ी खासियत नए चेहरों की एंट्री और विभिन्न सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व है। 36 वर्षीय राम मोहन नायडू को नागरिक उड्डयन मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री बनाया गया है।
नए मंत्री और उनकी भूमिका
इस कैबिनेट में नए चेहरों की संख्या अधिक है। इसमें दक्षिण भारत से लेकर उत्तर-पूर्वी भारत तक के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई गई है। ऐसे में यह कैबिनेट युवा, अनुभवी और सामाजिक विविधता से परिपूर्ण है।
36 वर्षीय राम मोहन नायडू का नाम नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में उभरकर आया है। उनकी नियुक्ति ने युवा राजनीति के नए दौर की शुरुआत का संकेत दिया है। वहीं, पूर्व मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री के रूप में नामित किया गया है। इस बदलाव को एक मजबूत कृषि रणनीति बनाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो किसानों की विकास और समस्या समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नारी शक्ति की बढ़ती हिस्सेदारी
इस कैबिनेट में महिलाओं की संख्या भी महत्वपूर्ण है। निर्मला सीतारमण की वित्त मंत्रालय में निरंतर सेवा, हरसिमरत कौर बादल को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और स्मृति ईरानी को महिला और बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि महिला नेताओं को बड़े और निर्णायक भूमिकाओं में लाने की कोशिश की जा रही है।
अनुभव और युवा शक्ति का संगम
इस बार के कैबिनेट में जहां अनुभवी नेताओं को उनके पुराने मंत्रालय दिये गये हैं, वहीं, नए और युवा चेहरों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह कदम देश की जनता को नयी ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ दिशा देने के लिए किया गया है। साथ ही, विभिन्न राज्यों और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व दिखाता है कि इस बार की कैबिनेट विविधता में एकता का प्रतीक है।
इस प्रकार के व्यापक और विविध मंत्रिमंडल का गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और समर्पण को दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कैबिनेट अगले पाँच वर्षों में अपने कार्यों से कैसे देश की सेवा करती है और नए आयाम स्थापित करती है।
आगामी चुनौतियाँ और संभावना
मोदी 3.0 कैबिनेट को आने वाले समय में कई चुनौतियों का सामना करना होगा। देश में आर्थिक सुधार, सामाजिक समानता, सुरक्षा और विदेश नीतियों पर ध्यान देना प्रमुख होगा। इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य करने की आवश्यकता होगी।
इस कैबिनेट की संरचना से यह पुष्टि होती है कि नरेंद्र मोदी ने अनुभव और युवा शक्ति का सही संतुलन बनाकर देश को एक नया आयाम देने का प्रयास किया है। यह कैबिनेट आने वाले समय में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और देश को विकास की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में सक्षम होगी।